Introduction What is Coding कोडिंग क्या होता है आपने कभी न कभी कॉडिंग का नाम तो जरूर सुना होग। ये कॉडिंग क्या होता है विस्तार से जानते हैं। हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले ज्यादा तर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण code पर निर्भर है। कोड बनाने वाले लोगों को प्रोग्रामर, कोडर या डेवलपर्स कहते हैं। जब कोई वेबसाइट …

ब्लॉकचेन क्या हैं और Blockchain Technology कैसे काम करती है?

WhatsApp यूजर्स को देगा सौगात, Bitcoin जैसी डिजिटल करंसी से कर सकेंगे खरीदारी

शुरुआती खबर यह थी कि Facebook ने डिजिटल करेंसी Libra के लिए पेपाल, Uber सहित दुनियाभर की करीब 28 कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है। Libra की लॉन्चिंग में फेसबुक लगातार सक्रिय रही। क्रिप्टोकरंसी लाने के लिए फेसबुक कानूनी प्रक्रिया भी पूरी कर चुका है।

डाटा प्राइवेसी के विवादों में कई आलोचनाओं के झेल रही Facebook का कहना है कि यह यूजर की बैंक डिटेल और पेमेंट संबंधित सारा डेटा सेफ रखेगा।

ऑनलाइन लेन-देन होगा ज्यादा आसान

Facebook का कहना है कि Diem ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करेगी और पैसों का ट्रांजेक्शन आसानी से कर सकेंगे। Facebook के मुताबिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल पेमेंट सर्विस इसी साल आ सकती है।

Blockchain को फेसबुक के सभी प्लेटफार्म मैसेंजर, WhatsApp और इंस्टाग्राम पर उपयोग किया जा सकता है। साथ ही फेसबुक यह दावा कर रहा है कि इसमें यूजर का डेटा सुरक्षित रहेगा।

डिजिटल करेंसी किसे कहते हैं।

Digital currency kya hai

डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक आभासी करेंसी होती है। यह करेंसी डिजिटल रूप क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? में मौजूद होती है। डिजिटल करेंसी , इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा , ई – कैश , इंटरनेट मनी आदि सभी आभासी धन जैसी संपत्ति है जो कंप्यूटर सिस्टम पर विशेष रूप से इंटरनेट पर संग्रहीत तथा प्रतिबंधित और विनिमय की जाती है ।
आइए कुछ उदाहरण से समझते हैं जैसे वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी ( Bitcoin ) ( ethereum ) , NFT जैसी आदि विद्यमान है जो कि ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसको कोई रेगुलेट नहीं करता क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? है । जबकि भारत में लांच होने वाली भारतीय डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेगुलेट किया जाएगा । डिजिटल करेंसी को इंटरनेट पर एक वितरित डेटाबेस , किसी कंपनी या बैंक के स्वामित्व वाले एक केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर डेटाबेस , डिजिटल फाइलों के अंदर संग्रहित किया जा सकता है ।भारत में आरबीआई ने डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? करेंसी लांच करने की घोषणा की है जो कि जल्द ही लांच कर दी जाएगी ।जिसका ( CBDC ) डिजिटल रुपैया नाम दिया जाएगा। digital currency in india

भारतीय डिजिटल करेंसी ।

भारतीय डिजिटल करेंसी india digital currency

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी वर्ष 2022-23 लाई जाएगी । 1 February के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत बड़ी घोषणा की है । इसमें कहा गया है की भारत की जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच की जाएगी । केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में बजट घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को लांच कर दी जाएगी । जो कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी । डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है। इसे सरकारी की मान्यता होगी । यह सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में शामिल होगी । digital currency in india

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर।

Digital currency kya hai

डिजिटल करेंसी सरकारी मान्यता प्राप्त करेंसी होती है इससे उस देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है। जबकि क्रिप्टोकरंसी पर किसी सरकार का अधिकार नहीं होता है । digital currency in india
Bitcoin , ethereum जैसी क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड हैं । इसे पर किसी सरकार , संस्था या किसी व्यक्ति का स्वामित्व नहीं होता है भारत मैं मार्च से शुरू होने वाले फाइनेंसियल वर्ष से क्रिप्टो करेंसी कमाई पर 30% टैक्स वसूल करेगी भारत सरकार । भारत में अब कागज नोट से पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप डिजिटल करेंसी से भी पेमेंट कर सकेंगे । digital currency in india

1 अप्रैल से क्रिप्टो करेंसी पर देना होगा 30% टैक्स, जानें क्या है नियम

1 अप्रैल से क्रिप्टो करेंसी पर देना होगा 30% टैक्स, जानें क्या है नियम

यूनियन बजट प्रस्तुत करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए थे। जिसमें क्रिप्टो करेंसी को टैक्स के दायरे में लाने की बात कही गई थी। अब 1 अप्रैल से ये यह नियम लागू हो रहा है। यानी अगर आप क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल संपत्ति से कुछ भी अर्जित करते हैं तो आपको उस पर 30% ब्याज देना होगा। सरकार की तरफ से ये बड़ा फैसला क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखकर किया गया है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी बड़ी बातें-

BitsAir के कुणाल जगदले कहते हैं, 'नए टैक्स प्रणाली के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर 1 अप्रैल 2022 से 30% टैक्स का भुगतान करना होगा। हमें उम्मीद है कि क्रिप्टो निवेशक लम्बे समय तक के लिए अपने पैसे को होल्ड करेंगे।'

ब्लॉकचेन कैसे काम करता है? (How does Blockchain work?)

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ब्लॉक पर आधारित एवं कार्य करने वाला सिस्टम हैं। ब्लॉक में उपयोगकर्ता की जानकारी एवं ट्रांजैक्शन हिस्ट्री होती है, मान लीजिए कि 3 ब्लॉक होते हैं ये तीन ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं इन तीनों में हैश होता है। अगर किसी भी ब्लॉक को बदला जाता है तो अन्य ब्लॉक को बदलावों का पता चल जाता है, कंप्यूटर के द्वारा करोड़ों अरबों हैश को कुछ सेकंड में ही कैलकुलेट किया जाता हैं।

ब्लॉकचेन को प्रूफ ऑफ वर्क भी कहते हैं। ब्लॉकचेन कंप्यूटर के द्वारा सारे कामों की सूची तैयार करके अपने पास स्टोर करता हैं। अगर कोई यूजर ट्रांजैक्शन करता है तो ट्रांजैक्शन किसके द्वारा किया गया है और ट्रांजैक्शन कहां किया गया है। इसके अलावा ट्रांजैक्शन की राशि को ब्लॉकचेन ब्लॉक के अंदर स्टोर करता हैं, आवश्यकता पड़ने पर ब्लॉक के डेटाबेस को देखा एवं पढ़ा जा सकता हैं।

ब्लॉकचेन की विशेषताएं (Features of blockchain)

Peer to peer ट्रांजैक्शन के चलते किसी थर्ड पार्टी का दखल खत्म हो जाता है जिससे किसी भी उद्योग या व्यापार के कीमत में कमी की जा सकती हैं। और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए इस पर भरोसा किया जा सकता हैं। इसके कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न है।

  • बैंकों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस क्षेत्र में डाटा सिक्योरिटी, सर्विस डिलीवरी की गति, भ्रष्टाचार में कमी आदि की जा सकती हैं।
  • ब्लॉकचेन के कारण डेटाबेस सुरक्षित रहता है एवं ट्रांजैक्शन समय में कमी आती हैं।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में एक बार होने वाले ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को हटाया नहीं जा सकता, जिसके कारण इससे वर्तमान में होने वाले बड़े अपराधियों को रोका जा सकता हैं।
  • ब्लॉकचेन के जरिए सारा डाटा एक जगह स्टोर हो सकेगा इसके साथ साथ हर रिकॉर्ड की जानकारी तुरंत हासिल करने की सहूलियत भी रहेगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस होने के कारण पेपर वर्क कम होने से पर्यावरणीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम कसी जा सकती हैं।

ब्लॉकचेन और बिटकॉइन में क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? अंतर (difference between blockchain and bitcoin)

कुछ लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर अक्सर भ्रम में रहते है। ऐसे में इनके अंतर को भी जान लें।

BlockchainBitcoin
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी का नाम हैं।ब्लॉकचेन पर आधारित बिटकॉइन एक एप्लीकेशन हैं।
ब्लॉकचेन को distributed database कहते हैं।बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी कहते हैं।
ब्लॉकचैन अंडरपिनिंग तकनीक हैं।बिटकॉइन को खरीदा एवं बेचा जा सकता हैं।
ब्लॉकचेन के अंदर ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री स्टोर रहती हैं।बिटकॉइन को माइनिंग के क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? द्वारा प्राप्त किया जाता हैं।

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