India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
क्रिप्टोकरंसी नीति पर काम कर रहा आरबीआइ
जागरण संवाददाता, कोलकाता : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) क्रिप्टोकरंसी पर नीति बनाने की तैयारी कर रहा है। यह एक वर्चुअल मनी होती है जिसका इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है। जिस तरह से रुपये देकर हम लेनदेन करते हैं उसी प्रकार से इस वर्चुअल मनी का इस्तेमाल किया जाता है। हालाकि भारत में इसे अभी कानूनी मान्यता नहीं मिली है। बिटकॉयन जैसी फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई क्रिप्टोकरंसी में विशेष प्रकार की क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे ट्राजैक्शन को सुरक्षित किया जा सके। शुक्रवार महानगर में मर्चेट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) द्वारा 'रेगुलेसंस एंड फाइनेंसियल स्टैब्लिटी' पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इसी मौके पर आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने इस बात के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अभी नीति पर काम चल रहा है इसलिए अभी उस नीति पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मीडिया द्वारा उनसे पूछा गया था कि क्या आरबीआई क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी? वास्तव में आरबीआइ अपनी फिएट क्रिप्टोकरंसी जारी करने की संभावनाओं पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय बैंक नॉन-फिएट या बिटक्वॉइन जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी के फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई पक्ष में नहीं है। गत महीने आरबीआई के कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन ने कहा था कि एक आंतरिक समूह क्रिप्टोकरंसी जारी करने पर काम कर रहा है। गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों में भले ही बिटक्वॉइन जैसी वर्चुअल मनी का इस्तेमाल शुरू हो गया हो पर चीन ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। इस मौके पर एमसीसीआइ के अध्यक्ष हेमंत बांगर, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एंड सीईओ पवन कुमार बजाज, एमसीसीआई के उपाध्यक्ष विशाल झाझरिया समेत अन्य भी उपस्थित थे।
क्रिप्टोकरंसी नीति पर काम कर रहा आरबीआइ
जागरण संवाददाता, कोलकाता : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) क्रिप्टोकरंसी पर नीति बनाने की तैयारी कर रहा है। यह एक वर्चुअल मनी होती है जिसका इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में किया जा रहा है। जिस तरह से रुपये देकर हम लेनदेन करते हैं उसी प्रकार से इस वर्चुअल मनी का इस्तेमाल किया जाता है। हालाकि भारत में इसे अभी कानूनी मान्यता नहीं मिली है। बिटकॉयन जैसी क्रिप्टोकरंसी में विशेष प्रकार की क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे ट्राजैक्शन को सुरक्षित किया जा सके। शुक्रवार महानगर में मर्चेट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) द्वारा 'रेगुलेसंस एंड फाइनेंसियल स्टैब्लिटी' पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इसी मौके पर आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने इस बात के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अभी नीति फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई पर काम चल रहा है इसलिए अभी उस नीति पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मीडिया द्वारा उनसे पूछा गया था कि क्या आरबीआई क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी? वास्तव में आरबीआइ अपनी फिएट क्रिप्टोकरंसी जारी करने की संभावनाओं पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय बैंक नॉन-फिएट या बिटक्वॉइन जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी के पक्ष में नहीं है। गत महीने आरबीआई के कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन ने कहा था कि एक आंतरिक समूह क्रिप्टोकरंसी जारी करने पर काम कर रहा है। गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों में भले ही बिटक्वॉइन जैसी वर्चुअल मनी का इस्तेमाल शुरू हो गया हो पर चीन ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। इस मौके पर एमसीसीआइ के अध्यक्ष हेमंत बांगर, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एंड सीईओ पवन कुमार बजाज, एमसीसीआई के उपाध्यक्ष विशाल झाझरिया समेत फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई अन्य भी उपस्थित थे।
Cryptocurrency: क्या बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी को सच में बैन कर पाएगी मोदी सरकार?
Cryptocurrency: क्या बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी को सच में बैन कर पाएगी मोदी सरकार?
aajtak.in
- 25 नवंबर 2021,
- अपडेटेड 5:41 PM IST
Cryptocurrencies: केंद्र सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक अपना डिटिजल करेंसी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी ऐंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाएगी.
जिस ब्लॉकचेन पर चलता है Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी, उसी पर आधारित RBI की डिजिटल करेंसी: जानिए कैसे करेगा काम
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि 'डिजिटल करेंसी' ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी।
RBI की नई डिजिटल करेंसी इसी साल होगी जारी (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bitcoin.Com)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को आम बजट पेश करते हुए बताया कि ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ अपनी एक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)’ को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। बताया गया कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से एक और अधिक दक्ष और सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था देखने में आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस डिजिटल करेंसी का निर्माण एवं संचालन ब्लॉकचेन सहित अन्य तकनीकों के जरिए किया जाए। 2022-23 से ही इसे जारी कर दिया जाएगा और RBI इसे चालू करेगा। अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना है तो आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में भी जानते होंगे, जिस पर Bitcoin और Ethereum सहित ये सभी कॉइन्स आधारित हैं। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर भी सरकार ने 30% कर वसूलने की बात कही है।
आपके मन में ये सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि ये डिजिटल करेंसी आखिर है क्या? ये CBDC आखिर काम कैसे करेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक CBDC के माध्यम से लीगल टेंडर जारी करेगा। मार्किट में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनमें से कोई भी ‘लीगल टेंडर’ नहीं हैं। अर्थात, मुद्रा के रूप में भारत सरकार ने उन्हें कोई मान्यता नहीं दी है। यह अंतर होगा CBDC और अन्य कॉइन्स में। ये एक ‘फ़िएट’ (Fiat) करेंसी के समान ही होगा, जिसे हम आजकल कागज़ की शक्ल में देखते हैं और प्रयोग करते हैं।
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि ‘डिजिटल करेंसी’ ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी का जिक्र करते हुए आगाह किया है। आप आजकल सर्कुलेशन में जो देखते हैं, उनमें से अधिकतर ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ हैं।
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आखिर ‘डिजिटल करेंसी’ से बदलाव क्या आ जाएगा? लोगों का पूछना है कि इसका लेनदेन कैसे होगा। इन सवालों के जवाब समय के साथ केंद्र सरकार खुद देगी, लेकिन तब तक इतना जान लीजिए कि इसके लेनदेन में समय नहीं लगेगा और ट्रान्जक्शन्स तेजी से होंगे। इसके लिए एक वॉलेट बनाया जा सकता है, या फिर बैंक ही इसकी लेनदेन के लिए खुद को ब्लॉकचेन तकनीक से जोड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि नई प्रौद्योगिकी के प्रति मोदी सरकार के रुझान को भी ये कदम दिखाता है।
CRYPTOCURRENCY क्या है? क्यों इसने दुनिया भर की सरकारों के नाक में दम कर रखा है ? क्या कदम उठाए है 2022 मे INDIA ने इसके संबंध में ?
Cryptocurrency एक डिजिटल पैसा है जो टोकन या सिक्कों के रूप में डिजीटल तौर पर मौजूद होता है। यह जटिल क्रिप्टोग्राफी की मदद से डिजीटल रूप में व्यवस्थित होता है जो एक चैन श्रंखला के रूप में सुरक्षित होता है।
क्या भारत में अब Cryptocurrency कानूनी है?
एक घोषणा ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है कि क्या वित्त मंत्री ने भारत में Cryptocurrency के वैधीकरण की ओर संकेत किया है। इसका उत्तर सरल हां या फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई नहीं में नहीं है। वित्त मंत्री ने अपने बजट के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से कहा था कि “मुद्रा” कहलाने वाली किसी भी चीज़ को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समर्थन होना चाहिए। तो जैसा उन्होंने कहा कि जिसे हम क्रिप्टो-मुद्रा कहते हैं वह वास्तव में एक क्रिप्टो-एसेट है न कि करेंसी। निर्मला सीतारमन ने आगे कहा कि क्रिप्टो-मुद्रा शब्द सही शब्द नहीं है।
2022-23 में आरबीआई द्वारा डिजिटल मुद्रा शुरू की जाएगी ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने घोषणा की है कि 2022-23 में आरबीआई द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित एक नया डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ डिजिटल मुद्रा से अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली भी बनेगी।
भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा ।
यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) फिएट करेंसी का एक डिजिटल रूप है जिसे ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग करके लेन-देन किया जा सकता है और केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। सीबीडीसी डिजीटल मुद्राओं और क्रिप्टो संपत्तियों से अलग है जो राज्य द्वारा जारी नहीं की जाती हैं और यह उपयोगकर्ता को घरेलू और सीमा पार दोनों तरह फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई के लेनदेन करने में सक्षम बनाता है जिसके लिए किसी तीसरे पक्ष या बैंक की आवश्यकता नहीं होती है।
Cryptocurrency पर आरबीआई की गंभीर चिंता।
वर्तमान में सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को नियमित करने के लिए एक कानून तैयार कर रही है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस आधार पर निजी Cryptocurrency के बारे फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई में गंभीर चिंता व्यक्त की है कि इससे वित्तीय अस्थिरता हो सकती है।
क्यों माना जाता है Cryptocurrency को नुकसानदायक?
आइए जानते है। क्यों है cryptocurrency एक चिंता का विषय ।
- कीमतो में अस्थिरता।
Cryptocurrency की कीमतों में उतार चढ़ाव मुख्य कारण है कि निवेशक Cryptocurrency खरीदने से डरते हैं। बाजार अभी भी बहुत नाजुक और अस्थिर है। वास्तव में कोई भी सिक्का 24 घंटे से भी कम समय में बड़े उतार चढ़ाव का अनुभव कर सकता है। यह crypto व्यवसाय को बेहद जोखिम भरा बनाता है खासकर की शुरुआती स्तर के व्यापारियों के लिए जिनके पास इसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। वर्ष 2017 की शुरुआत में बिटकॉइन की कीमत 1000 डॉलर से भी कम थी। उसके बाद बिटकॉइन फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई साल के अंत तक बढ़कर 20000 डॉलर से अधिक हो गया। यदि यह सबसे महत्वपूर्ण CRYPTOCURRENCY क्या है? क्यों इसने दुनिया भर की सरकारों के नाक में दम कर रखा है ? क्या कदम उठाए है INDIA ने इसके संबंध में ?CRYPTOCURRENCY क्या है? क्यों इसने दुनिया भर की सरकारों के नाक में दम कर रखा है ? क्या कदम उठाए है INDIA ने इसके संबंध में ?Cryptocurrency के साथ हो सकता है तो कौन कह सकता है कि यह किसी अन्य डिजिटल सिक्के के साथ नहीं दोहराएगा?
जैसा कि आप शायद पहले से ही जानते हैं यह मुद्रा पूरी तरह से विकेन्द्रीकृत यानी के decentralized संपत्ति है। इसलिए बाजार को नियंत्रित करने के लिए कोई केंद्रीय व्यवस्था नहीं है। हालांकि यह सुविधा कई व्यवसायों को आकर्षित करती है लेकिन इसका किसी भी प्रकार की स्थिति या विवाद में पालन करने के लिए कोई नियम नहीं हैं।
अब हर दूसरे ऑनलाइन व्यवसाय की तरह Crypto ट्रेडिंग भी सुरक्षा मुद्दों के अधीन हो सकती है। वास्तव में अध्ययनों से पता चलता है कि साल 2018 बाजार धोखाधड़ी के लिए एक रिकॉर्ड ब्रेकिंग वर्ष था इसी के साथ हैकर्स हर दिन एक्सचेंजों से इस मुद्रा के कारण $ 2.7 मिलियन की चोरी करते हैं। और इसका decentralized होना आपराधिक गतिविधियों को भी जन्म देता है।
4.बाजार में हेरफेर।
आपको बता दे की Crypto ट्रेडिंग का अंतिम खतरा बाजार में हेरफेर के रूप में आता है। केवल कुछ मुट्ठी भर व्यापारी ही वास्तव में फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई समझते हैं कि Crypto की दुनिया में चीजें कैसे काम करती हैं। इसीलिए वे आसानी से कृत्रिम रूप से किसी भी सिक्के को बड़ा बना सकते हैं और लगभग किसी भी डिजिटल सिक्के की लोकप्रियता को बढ़ा सकते हैं।
वे ऐसा कीमत बढ़ाने के लिए करते हैं तथा इससे वह अपनी crypto संपत्ति को महंगे तरीके से बेचते हैं और फिएट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं है आरबीआई कुछ ही घंटों या दिनों में एक बड़ा पैसा कमाते हैं। इसमें अनुभवहीन खिलाड़ियों के लिए कोई जगह नहीं होती है।
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