सोना गिरा क्योंकि भारत का व्यापार मंत्रालय आयात करों में कमी पर चर्चा कर रहा है
वार्ता के बाद कल सोना -0.64% गिरकर 53505 पर बंद हुआ क्योंकि भारत का व्यापार मंत्रालय अवैध शिपमेंट पर लगाम लगाने के लिए सोने पर आयात करों में कमी पर चर्चा कर रहा है। कीमती धातु के दुनिया के क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता, जिनमें से लगभग सभी विदेशों से खरीदे जाते हैं, ने वित्त मंत्रालय से टैरिफ को 12.5% से लगभग 10% कम करने पर विचार करने के लिए कहा है, न कि पहचाने जाने के लिए कि विचार-विमर्श निजी हैं।
निवेशक अब कुछ अमेरिकी आर्थिक रिपोर्ट जैसे सेवाओं की गतिविधि, उपभोक्ता भावना और मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ-साथ अगले सप्ताह फेड के मौद्रिक निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। फेडरल रिजर्व से कम आक्रामक सख्ती की संभावनाओं ने निवेशकों को ग्रीनबैक से दूर कर दिया। फेड चेयर पॉवेल द्वारा दर वृद्धि की गति को कम करने की प्रतिज्ञा पिछले सप्ताह की मजबूत-प्रत्याशित अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट से कुछ हद तक प्रभावित हुई है।
मुद्रा बाजार इस बात की 80% संभावना का मूल्य निर्धारण कर रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक चार लगातार 75 आधार अंकों की दर वृद्धि देने के बाद दिसंबर में दरों में 50 आधार अंकों की वृद्धि करेगा। फिर भी, निवेशकों को एक बड़ा मौका दिखाई देता है कि फेड फंडों के लिए शिखर अपेक्षा से अधिक होगा। डॉलर ज्यादातर यूरो और ब्रिटिश पाउंड के मुकाबले स्थिर था लेकिन यह चीनी युआन के खिलाफ दबाव में आ गया क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था के तेजी से फिर से खुलने के दांव ने युआन बैलों को आशावाद दिया।
तकनीकी रूप से बाजार लंबे समय तक परिसमापन के अधीन है क्योंकि बाजार में ओपन इंटरेस्ट में -4% की गिरावट के साथ 15851 पर बंद हुआ है, जबकि कीमतें -345 रुपये नीचे हैं, अब सोने को 53234 पर समर्थन मिल रहा है और इसके नीचे 52964 के स्तर का परीक्षण देखा जा सकता है। और रेजिस्टेंस अब 54001 पर देखे जाने की संभावना है, ऊपर जाने पर कीमतें 54498 पर परीक्षण कर सकती हैं।
व्यापारिक विचार:
# दिन के लिए सोने की ट्रेडिंग रेंज 52964-54498 है।
# बातचीत के बाद सोना गिरा क्योंकि भारत का व्यापार मंत्रालय अवैध शिपमेंट पर लगाम लगाने के लिए सोने पर आयात कर में कमी पर चर्चा कर रहा है।
# फेडरल रिजर्व से कम आक्रामक सख्ती की संभावनाओं ने निवेशकों को ग्रीनबैक से दूर कर दिया।
# फेड चेयर पॉवेल द्वारा दर वृद्धि की गति को कम करने के लिए पिछले सप्ताह की मजबूत-प्रत्याशित अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट को कुछ हद तक खत्म कर दिया गया है
Exclusive: फेक करेंसी और अवैध हथियारों का गढ़ बनता मालदा
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में तीन जनवरी को हुई हिंसा ने यहां की तस्वीर बदल दी. पुलिस की मौजूदगी में थाने को ही फूंक दिया गया.
लव रघुवंशी
- मालदा,
- 30 जनवरी 2016,
- (अपडेटेड 30 जनवरी 2016, 2:02 PM IST)
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में तीन जनवरी को हुई हिंसा ने यहां की तस्वीर बदल दी. पुलिस की मौजूदगी में थाने को ही फूंक दिया गया. सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सरकारों तक के लिए ये बड़ी चिंता का विषय बन गया. मालदा हिंसा पर इंडिया टुडे ने तहकीकात की कि आखिर वहां ऐसा क्यों हो रहा है.
तहकीकात में सामने आया कि यहां के खेतों में अवैध रूप से अफीम की खेती हो रही है. वो भी एक या दो बीघों में नहीं बल्कि अस्सी हजार बीघे में की जा रही है. इससे तीन हजार करोड़ से भी ज्यादा की काली कमाई होती है.
अवैध अफीम की तहकीकात के बाद इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया कि यहां नकली मुद्रा और अवैध हथियारों का व्यापार भी खूब जोर-शोर से चालू है.
आसानी से उपलब्ध हो रही नकली मुद्रा
मालदा में जिस तरह अवैध अफीम की खेती फल-फूल रही है उसी प्रकार जाली मुद्रा का व्यापार भी यहां खूब किया जा रहा है. यहां जाली मुद्रा आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है. नकली मुद्रा का रैकेट इतने बड़े पैमाने पर है कि इसे आप उतनी आसानी से हासिल कर सकते हैं जितना रेस्तरां में खाने का ऑर्डर देने के बाद भोजन मिलना.
इंडिया टुडे के संवाददाता ने एक रेस्तरां में वेटर से पूछा कि क्या उसे जाली करेंसी मिल सकती है. वेटर ने हां में जवाब दिया. 15 मिनट के अंदर असलम नाम का आदमी संवाददाता के कमरे में आया. असलम ने कहा, '500 के नोट मिलना आसान होता है लेकिन वो 50 और 100 रुपए के नकली नोटों का भी इंतजाम कर सकता है.'
एके-47 से लेकर 9एमएम पिस्टल- मालदा में सब मिलता है
ना सिर्फ फेक करेंसी बल्कि अवैध हथियार भी मालदा में आसानी से उपलब्ध हैं. असलम ने इंडिया टुडे के रिपोर्टर को आश्वासन दिया कि वह 9एमएम पिस्टल से लेकर एके-47 तक दिलवा सकता है. उसने कहा कि वह यहां से गाजियाबाद तक हथियारों की डिलीवरी करता है.
90 फीसदी नकली मुद्रा मालदा से
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार भारत में 90 फीसदी फेक करेंसी बांग्लादेश से मालदा के द्वारा आ रही है. मालदा की बांग्लादेश के साथ एक लंबी और असुरक्षित सीमा है. फर्जी मुद्रा पर रोक लगाने के लिए एनआईए द्वारा तैयार किया गया नोट बताता है कि समय के साथ-साथ मालदा नकली भारतीय मुद्रा के एक प्रमुख पारगमन मार्ग के रूप में उभरा है.
14 जनवरी को क्राइम ब्रांच के साथ साझा ऑपरेशन में एनआईए ने महाराष्ट्र के बुलधाना से एक आदमी को 1 लाख 95 हजार की फेक करेंसी के साथ पकड़ा था. उसे ये राशि मालदा से कोरियर के द्वारा भेजी गई थी.
चार दिन पहले 10 जनवरी को बिहार पुलिस के साथ मिलकर एनआईए ने पश्चिमी चंपारण से 4 लाख की नकली रकम बरामद की थी. ये भी मालदा से पहुंची थी.
आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया
आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें
RBI issues alert list
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 11 सितंबर 2022,
- (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.
एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए.
आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.
फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ईडी ने अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए OctaFX से संबंधित 21 करोड़ रुपये से अधिक के खातों को फ्रीज किया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई बैंक खातों को सील कर दिया है। ऑनलाइन विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) व्यापार में अवैध रूप से लिप्त होने के लिए मेसर्स OctaFX और संबंधित संस्थाओं से संबंधित 21.14 करोड़ शेष।
इससे पहले, ईडी ने अंतरराष्ट्रीय दलालों, अर्थात् OctaFx ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट www.octafx.com के माध्यम से अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए मेसर्स OctaFX इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित कंपनियों के विभिन्न परिसरों में तलाशी ली थी।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अधिकारियों द्वारा की गई जांच के अनुसार, उपरोक्त क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत में मेसर्स ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से काम कर रही हैं। लिमिटेड फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, जिसे सोशल नेटवर्किंग क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? साइटों पर व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है, उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करने के लिए रेफरल-आधारित प्रोत्साहन मॉडल का पालन कर रहा है।
यह देखा गया है कि मुख्य रूप से यूपीआई/स्थानीय बैंक हस्तांतरण के माध्यम से उपयोगकर्ताओं से एकत्रित धन को विभिन्न नकली संस्थाओं के बैंक खातों में डाला जाता है और लेयरिंग के उद्देश्य से घरेलू स्तर पर अन्य बैंकों में स्थानांतरित किया जाता है। लेयरिंग जटिल वित्तीय लेनदेन की परतों के उपयोग के माध्यम से आपराधिक गतिविधि की आय को उनके मूल से अलग करने की प्रक्रिया है, जिससे धन को ट्रैक करने की प्रक्रिया को पूरा करना अधिक कठिन हो जाता है।
जांच के अनुसार, धन का उपयोग सीमा पार लेनदेन के लिए भी किया गया है। जांच में अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार दलालों क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? और उनके भारतीय भागीदारों/एजेंटों के बीच सांठगांठ का भी पता चला है।
OctaFX ऐप और इसकी वेबसाइट को फॉरेक्स ट्रेडिंग में डील करने के लिए RBI द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। विदेशी मुद्रा व्यापार का संचालन और संचालन (किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर नहीं किया जा रहा है) अवैध है और फेमा नियमों का भी उल्लंघन करता है।
जांच के दौरान, यह सामने आया कि विभिन्न भारतीय बैंकों के कई खाते निवेशकों/उपयोगकर्ताओं को OctaFX ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट पर क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? फॉरेक्स ट्रेडिंग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से फंड इकट्ठा करने के लिए दिखाए जा रहे थे। संचित धन को एक साथ कई ई-वॉलेट खातों जैसे नेटेलर, स्क्रिल या डमी संस्थाओं के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ट्रेडिंग ऐप पर धोखाधड़ी की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा मैसर्स ज़ानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से क्रिप्टो मुद्राओं/संपत्तियों को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
मेसर्स ज़ानमाई लैब भारतीय रुपये में प्राप्त राशि को वज़ीरक्स वॉलेट में जमा करने के लिए बैंकिंग चैनल और एक पुल प्रदान कर रहा है, जिसने राशि को बिनेंस क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? एक्सचेंज (केमैन द्वीप में उपयोग किया जाने वाला एक क्रिप्टो एक्सचेंज) में स्थानांतरित कर दिया, जिससे भारतीय मुद्रा के हस्तांतरण की सुविधा हुई। क्रिप्टो मुद्राओं के रूप में विदेशी संस्थाएं। आगे की जांच की जा रही है।
क्या है अमेरिका की करेंसी मॉनीटरिंग लिस्ट जिसमें से हटाया गया है भारत को?
अमेरिका (US) के राजकोष विभाग की रिपोर्ट में जारी मुद्रा निगरानी सूची (Currency Monitoring List) में इस बार भारत (India) . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 15, 2022, 11:10 IST
हाइलाइट्स
मुद्रा निगरानी सूची हर छह महीने में जारी होती है.
भारत का इस सूची से हटना एक अच्छी खबर है.
इससे रुपये कीमत काबू करने में आसानी होगी.
इस समय दुनिया के सभी देश आर्थिक चुनौतियों से निपटने में उलझे हुए हैं. कोविड-19 महामारी के कमजोर पड़ने और रूस यूक्रेन संघर्ष के चलते दुनिया की अर्थव्यवस्था में अमेरिका (USA) और ब्रिटेन जैसे बड़े बड़े देश तक डगमगाते दिख रहे हैं. ऐसे में अमेरिका के आर्थिक नीतिगत फैसलों पर दुनिया की निगाहें होना स्वाभाविक है. हाल ही में अमेरिका ने टेजरी विभाग ने मुद्रा निगरानी सूची (Currency Monitoring List) जारी की है जिसमें इस बार भारत का नाम नहीं (India) हैं. साल में दो बार अमेरिकी रोजकोष विभाग द्वारा वहां की संसद में पेश की जाने वाली रिपोर्ट में यह सूची जारी की जाती है. आखिर इस सूची में नाम होने का क्या मतलब है, उससे हटने के क्या फायदे-नुकसान है और क्या उसका कोई बहुत बड़ा प्रभाव भी पड़ेगा या नहीं.
क्या है इस सूची का मतलब
किसी देश के करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट में शामिल होने का मतलब यह है कि वह देश कृत्रिम तरीके से अपने देश की मुद्रा की कीमत कम कर रहा है जिससे वह दूसरें की से गलत फायदा उठा सके. ऐसा इसलिए है क्योंकि मुद्रा का मूल्य कम होने से उस देश के लिए निर्यात की लागत कम हो जाएगी और उससे होने वाला मुनाफा बढ़ जाएगा. जबकि सामान खरीदने वाले दश को उतनी ही कीमत देनी पड़ेगी.
क्या यह इस रिपोर्ट का मकसद
अमेरिका का राजकोष विभाग हर छह महीने में वैश्विक आर्थिक विकास और विदेशी विनियम दरों की समीक्षा पर निगरानी के आधार पर अपनी रिपोर्ट में इसकी चर्चा करता है. इसके साथ ही वह अमेरिकी के 20 सबसे बड़े व्यापारिक व्यवसायी साझेदारों की मुद्रा संबंधी गतिविधियों की समीक्षा भी करता है. इस बार इस सूची में से भारत के अलावा इटली, मैक्सिको, वियतनाम और थाईलैंड को भी हटाया गया है.
इस सूची के जारी होने का समय
रोचक बात यह है कि इस रिपोर्ट को उसी दिन जारी किया गया है कि जब अमेरिका की राजकोष सचिव जेनट येलन भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बीच दिल्ली में मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करने पर जोर दिया था. यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब भारत जी20 देशों की अध्यक्षता संभालने जा रहा है.
इस सूची का संबंध मुद्रा नीति (Currency Policy) में अनुचित हेरफेर करने वाले देशों की पहचान करना है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
भारतीय रिजर्व बैंक को फायदा
इस सूची में नाम आने पर देश को मुद्रा में हेरफेर करने वाला देश माना जाता है जो अपने देश को अवैध तरीका से व्यापारिक फायदा पहुंचाने के लिए गलत मुद्रा तरीके अपनाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अब भारतीय रिजर्व बैंक को विनिमय दरों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने की सहूलियत मिल सकेगी और भारत पर हेरफेर करने वाले देश का तमगा भी नहीं लगेगा.
बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की साख
माना जा रहा है कि इससे रुपये को मजबूती हासिल करने में मदद मिल सकती है. बाजारों में इसका फायदा देखने को मिले विदेशी निवेशकों में भारत में निवेश करने के लिए विश्वास बढ़ेगा. और विश्व स्तर पर भारत की आर्थिक साख मजबूत होगी.इसके साथी जी 20 देशों की अध्यक्षता मिलने और सूची से नाम हटने दोनों से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा.
इस सूची का संबंध मुद्रा नीति (Currency Policy) में अनुचित हेरफेर करने वाले देशों की पहचान करना है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
तीन मानदडों का आधार
इस रिपोर्ट में बताया गया है मुद्रा निगरानी सूची में अभी चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यदि कोई देश इस सूची की तीन मानदंडों में से दो भी पूरा करता है तो उस देश को इस सूची में शामिल कर लिया जाता है. एक बार सूची में नाम आ जाने पर वह इसमें कम से कम लगातार दो रिपोर्ट तक शामिल रहता है.
अमेरिका के ट्रेड फैलिटेशन एंड ट्रेड एनफोर्समेंट एक्ट 2015 के अनुसार अगर कोई देश तीन मानदडों में से दो को भी पूरा करता है तो वह इस सूची में शामिल करने के योग्य हो जाता है. पहला, उस देश का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष कम से कम 15 अरब डॉलर का होना चाहिए. दूसरा, सामग्री चालू खाता अधिशेष जीडीपी का कम से कम 3 प्रतिशत हो, जिसका आंकलन राजकोष विभाग अपने वैश्विक विनिनय दर आंकलन ढांचे के तहत करे. तीसरा, एक साल में कम से कम 8 बार विदेशी मुद्रा की खरीदी में एक तरफा दखल हो और यह खरीद जीडीपी की कम से कम दो प्रतिशत हो. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इन तीन में से केवल की क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है? मानदंड पूरा करता है.
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