RBI की डिजिटल करेंसी के साथ भारत में शुरू हो रहा नया युग, जानिए आपको कितना फायदा होगा
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 28, 2022 12:30 IST
Photo:FILE RBI
भारत जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस बात पर मुहर लगाते हुए हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। पहले केवल ऑनलाइन पेमेंट तक ही ये सीमित था, लेकिन अब डिजिटल करेंसी की भी बात चल रही है। हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
क्या है डिजिटल करेंसी और क्या हैं इसकी 5 महत्वपूर्ण बातें आइए जानते हैं।
डिजिटल करेंसी क्या है??
डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
‘डिजिटल रुपया क्या है? जानिए इससे लोगों को होंगे क्या-क्या फायदे?
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India-RBI) खुदरा ग्राहकों (retail customers) के लिए डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) ‘डिजिटल रुपया’ (‘Digital Rupee’) का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्या है और इससे ग्राहकों को क्या-क्या फायदा मिलेगा…
क्या है इसका फायदा
– एक केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा देश की मुख्य मुद्रा का डिजिटल रूप है
– इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है
– सीबीडीसी से वित्तीय समावेशन के साथ भुगतान दक्षता बढ़ती है
– आपराधिक गतिविधि रोकती है, अंतरराष्ट्रीय भुगतान विकल्पों में सुधार करती है
– संभावित रूप से शुद्ध लेनदेन
– लागत को कम करती है
यह भी पढ़ें | पहले टेस्ट से बाहर हुए रोहित शर्मा, शमी-जडेजा पूरी सीरीज से बाहर, जानिए किसे बनाया कप्तान
धन भेजने का खर्च घटेगा
विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।
बिना इंटरनेट के भी लेनदेन
करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक ‘की’ के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।
क्या ब्याज भी मिलेगा
आरबीआई के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक ई-रुपया पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया जाता है यानी इसपर ब्याज दिया जाता है तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपया में बदलने में जुट सकते हैं। इससे मुद्रा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
यह देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरंसी
केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश होगा। इसके पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरंसी लॉन्च कर चुके हैं।
डिजिटल करेंसी क्या होती है | What is Digital Currency in Hindi
हम सभी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं जानते है, कि प्रत्येक देश की अपनी एक अलग करेंसी होती है और उस देश में सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन उसी मुद्रा के अनुरूप किया जाता है| जैसे कि अमेरिका में यूएस डॉलर, भारत में रुपये और अरब देशों में रियाल आदि का उपयोग किया जाता है| सबसे खास बात यह है, कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर नें देश में जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच करनें का संकेत दिया है और इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है| अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा, कि आखिर डिजिटल करेंसी कौन सी नई बला है| डिजिटल करेंसी क्या होती है, इसके उपयोग, लाभ के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान कि जा रही है|
डिजिटल करेंसी क्या होती है (What is Digital Currency)
डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा (E-Currency) भी कहते है और इसका पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है| क्रिप्टो करेंसी नोटों की तरह नहीं होती है| हालाँकि आप इसे अपनें कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि पर बड़ी आसानी से देख सकते है| इसके साथ ही आप डायरेक्ट इसे अपनें बैंक खाते में ट्रान्सफर भी कर सकते है|
आपको बता दें, कि क्रिप्टो करेंसी को उस देश के सेंट्रल अर्थात केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किया है और इसे उस देश की गवर्नमेंट डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं द्वारा मान्यता भी मिली होती है| डिजिटल करेंसी की खासियत यह है, कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत के लोग डिजिटल करेंसी को अपनी भाषा में डिजिटल रुपया (Digital Rupee)भी कह सकते हैं।
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types Of Digital Currency)
डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा 2 प्रकार की होती है|
2. होलसेल (Wholesale)
यदि हम इन दोनों डिजिटल मुद्राओं की बात करे तो, रिटेल डिजिटल मुद्रा (Retail Digital Currency) का उपयोग देश के आम नागरिकों और कम्पनियों द्वारा किया जाता है, जबकि होलसेल डिजिटल मुद्रा (Wholesale Digital Currency) का उपयोग सिर्फ वित्तीय संस्थाओं (Financial Institutions) द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी कैश से कितनी अलग होगी (How Different will Digital Currency Be From Cash)
यदि हम डिजिटल करेंसी को साधारण भाषा में समझे तो यह हमारे पास मौजूद धन का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा, जिसे हम सहूलियत के अनुसार अपनें फोन, कंप्यूटर-लैपटॉप की सहायता से लेन-देन कर सकेंगे| डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल बिल्कुल नगद धन की तरह ही किया जा सकेगा, बस फर्क यह होगा यह आपके पास नगद के रूप में न होकर इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा|
यदि आप किसी को भुगतान करना चाहते है, तो आप इसे अपनें फोन से बड़ी सरलता से कर सकते है| जिस प्रकार जब आप कोई सामान दूकान से खरीदते है, तो आप दुकानदार को डायरेक्ट पैसे देते है ठीक उसी प्रकार डिजिटल करेंसी द्वारा भुगतान करनें या लेनदेन में बैंक की मध्यस्थता नहीं होगी|
डिजिटल करेंसी के फायदे (Advantages of Digital Currency)
डिजिटल मुद्रा अर्थात क्रिप्टो करेंसी की खासियत यह होगी कि लोगो को इसके गुम हो जानें या चोरी हो जानें का भय नहीं होगा| जिस प्रकार लोगो को अधिक नगद कैश ले जानें पर खतरा काफी अधिक होता है, इसमें ऐसा कुछ नहीं होगा| एक तरह से देखा जाये तो लोगो की सुरक्षा की दृष्टि से यह लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा|
यदि हम कैश की बात करें, तो कोई व्यक्ति किसी शख्स को कितना कैश देता है, तो उसका कोई भी आकड़ा सरकार के पास नहीं होता है, जिसके कारण इसे ट्रैक करना बहुत ही कठिन काम हो जाता है। डिजिटल करंसी में लेन-देन करनें पर इसकी ट्रैकिंग बहुत ही आसान हो जाएगी। जिसके परिणाम स्वरुप कालेधन पर लगाम लग सकेगी| इसके साथ ही टैक्स चोरी भी कम हो जाएगी|
फ़ास्ट ट्रांसक्शन (Fast Transaction)
डिजिटल मुद्राएं या क्रिप्टो करेंसी पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए लेनदेन की तुलना में काफी फ़ास्ट होती हैं। उदाहरण के लिए यदि हम विदेश में अपने किसी फैमिली मेम्बर को पासी ट्रान्सफर करते है, तो रिसीवर के अकाउंट में पैसे पहुँचने में कभी-कभी 24 घंटे या उससे अधिक समय लग जाता है| लेकिन डिजिटल करेंसी को ट्रान्सफर करने में मात्र कुछ सेकेंड्स का समय लगता है|
कोई शुल्क नहीं (No fee)
आपके खाते में पैसा आपका है, इसके बावजूद बैंकों द्वारा आपसे एटीएम शुल्क, ट्रान्सफर फीस, ट्रान्सफर फीस और क्लोजिंग फीस ली जाती है | हालाँकि विदेश में अपना पैसा खर्च करने के लिए अक्सर शुल्क भी लगता है। जबकि डिजिटल करेंसी पर आपका पूर्ण स्वामित्व होता है और इसका इसका उपयोग बिना किसी शुल्क का भुगतान किये बिना आप अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं |
पेमेंट ट्रैकिंग की सुविधा (Payment Tracking Facility)
क्रिप्टो करेंसी को मुख्य रूप से पारदर्शिता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी जो ब्लॉकचेन डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं तकनीक का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है, कि आप देख सकते हैं कि आपका पैसा हर लेनदेन के बाद कहां है।
धोखाधड़ी से सुरक्षा (Fraud Protection)
सामान्य तरीके से ऑनलाइन सामान ख़रीदने का अर्थ है, कि आपके व्यक्तिगत और भुगतान विवरण कंपनियों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं, जिससे कभी भी चोरी हो जाने पर धोखाधड़ी की पूरी संभावना बनी रहती है । जबकि डिजिटल करेंसी के माध्यम से लेनदेन करनें में आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
क्या है भारत का Digital Rupee, कैसे काम करेगी RBI की डिजिटल करेंसी
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रूपी को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च कर दिया है. अभी के लिए भारतीय डिजिटल रूपी की होलसेल सेगमेंट और क्रॉस बार्डर पेमेंट के तौर पर शुरूआत की गई है.
November 3, 2022
नई दिल्ली. भारत भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन देशों की अपनी डिजिटल करेंसी है. मंगलवार यानी 1 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत के डिजिटल रूपी की शुरूआत कर दी है. डिजिटल रूपी के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत फिलहाल अभी होलसेल सेगमेंट में किया गया है. इसका इस्तेमाल अभी सरकारी प्रतिभूतियों के लेनदेन के लिए किया जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने बजट भाषण के दौरान भारत की डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.
- 1 नवंबर को डिजिटल रुपी लॉन्च
- कुछ चुनिंदा बैंकों में प्रोजेक्ट शुरू
- क्या भारत का डिजिटल रुपी
- क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे
1 नवंबर को डिजिटल रुपी लॉन्च
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रूपी को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च कर दिया है. अभी के लिए भारतीय डिजिटल रूपी की होलसेल सेगमेंट और क्रॉस बार्डर पेमेंट के तौर पर शुरूआत की गई है. इसके बाद एक महीने के भीतर आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रूपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है. रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी को लेकर पायलट प्रोजेक्ट में कुछ चुनिंदा बैंकों को शामिल किया गया है.
कुछ चुनिंदा बैंकों में प्रोजेक्ट शुरू
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रूपी के पायलट प्रोजेक्ट में SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित नौ बैंकों को शामिल किया गया है. डिजिटल करेंसी के आने के बाद लोगों को अब कैश पर निर्भर रहने से छुटकारा मिलेगा. खासकर डिजिटल करेंसी से थोक लेनदेन में लोगों को काफी होने वाला है.
क्या भारत का डिजिटल रुपी
CBDC (डिजिटल रुपी) आमतौर पर एक पेमेंट का जरिया है, जिसे केंद्रीय बैंक द्वारा वैध घोषित किया गया है. इसकी भी कागज के नोटों की तरह कीमत निर्धारित होगी. बस डिजिटल रुपी और साधारण रुपये में फर्क यह होगा कि डिजिटल रुपी सिर्फ डिजिटल रूप में जारी करेंसी है. यानी कह सकते हैं कि यह E-Rupee के रूप में आपके पास रहेगी और इसका इस्तेमाल डिजिटल तौर कर सकेंगे. इसके लिए आपको अपने पर्श या जेब में कैश की जरूरत नहीं होगी.
क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे
डिजिटल रुपी के बारे में संसद में बात करेत हुए पिछले साल वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि डिजिटल रुपी के बहुत से फायदे होंगे. इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम होगी, बल्कि सीबीडीसी संभवत: अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान विकल्प की ओर ले जाएगी.” इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा. आपके जेब में नकद कैश की भी जरूरत नहीं होगी.
1 नवंबर से डिजिटल रुपये की शुरुआत, जानिए क्या हैं अंतर और फायदे
आरबीआई डिजिटल करेंसी: आरबीआई की डिजिटल करेंसी को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चा चल रही है। आखिरकार 1 नवंबर से भारतीय रिजर्व बैंक बड़ी डील में डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इसके लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया गया है। डिजिटल मुद्रा का उपयोग सबसे पहले बड़े भुगतान और निपटान के लिए किया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन और जोखिमों को देखते हुए सरकार ने बजट में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी। उसके बाद आरबीआई ने डिजिटल रुपया लॉन्च करने का खाका तैयार किया। रिजर्व बैंक के मुताबिक सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री पर डिजिटल रुपये का इस्तेमाल सेटलमेंट राशि के तौर पर डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं किया जाएगा। इसके बाद एक महीने के भीतर खुदरा लेनदेन के लिए एक डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है। लेकिन आरबीआई का डिजिटल रुपया मान्य होगा। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन डिजिटल रुपये में ऐसा कुछ नहीं होगा। क्रिप्टोकरेंसी के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है। वहीं, डिजिटल रुपया एक अलग मुद्रा के रूप में भौतिक नोटों को छापने का विकल्प होगा। डिजिटल रुपये की सुरक्षा के लिए रिजर्व बैंक अलग से राशि भी रखेगा। क्योंकि यह डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक की देनदारी होगी। फिजिकल नोट के सभी फीचर्स डिजिटल रुपये में भी उपलब्ध होंगे। लोगों को डिजिटल करेंसी को करेंसी नोट में बदलने की सुविधा मिलेगी। डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं है।
आम जनता के लिए डिजिटल रुपये और डिजिटल भुगतान में थोड़ा अंतर होगा। लेकिन बैंकों और आरबीआई के खातों तक पहुंचने में अंतर होगा। क्योंकि डिजिटल रुपया बैंकों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि आरबीआई की जिम्मेदारी होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने बैंक में पैसा जमा किया है, तो यह बैंक की देनदारी है। क्योंकि बैंक को यह पैसा ग्राहक को मांग के अनुसार वापस करना होता है। लेकिन डिजिटल रुपया बैंक की नहीं बल्कि सीधे आरबीआई की जिम्मेदारी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं होगी। एक और अंतर यह है कि डिजिटल रुपये पर कोई ब्याज नहीं लगेगा। बैंक में पैसा जमा करने पर उस पर ब्याज मिलता है। लेकिन डिजिटल रुपये पर कोई ब्याज नहीं लगेगा।
डिजिटल रुपये को यूपीआई से भी जोड़ा जाएगा, जो डिजिटल भुगतान प्रणाली की एक प्रमुख कड़ी है। ताकि लोग पेटीएम, फोनपे जैसे अन्य महत्वपूर्ण वॉलेट से लेनदेन कर सकें। जैसे 10, 20, 50, 100, 500 के नोट। एक व्यक्ति के पास कितना डिजिटल पैसा हो सकता है, इसकी भी सीमा तय की जा सकती है। डिजिटल मुद्रा से भुगतान करते समय गोपनीयता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। चुनिंदा सरकारी एजेंसियों के अलावा किसी और को डिजिटल रुपये से किए गए लेन-देन की पूरी और सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती है.
डिजिटल करेंसी होने से नोटों की छपाई, बैंक शाखाओं, एटीएम तक पहुंचाने का खर्च बचेगा। साथ ही नोटों के जलने, काटने और गीले होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई को सिर्फ नोट छापने के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे। शेष वर्ष के लिए, मुद्रित मुद्रा की मात्रा के डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं साथ यह लागत घटती और बढ़ती है। इससे निपटान का जोखिम भी कम होगा। नए जमाने के उद्यमी भी इसके आधार पर नई तकनीक के उत्पाद ला सकेंगे।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 754