पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली की तरफ से सरकार को सुझाव दिया गया है कि, 'सरकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली बनाए क्योंकि इसके कारण पिछले कुछ वर्षों से खाद्य सुरक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की खाद्य सुरक्षा पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों, अफगानिस्तान के साथ संघर्ष और मौसम परिवर्तन से प्रभावित हो चुकी है। बढ़ती महंगाई ने इसे और भी खराब कर दिया है। तेजी से व लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को उनके भोजन और बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर दिया है।'
Year Ender 2022: रूस-यूक्रेन संकट से लेकर मंदी के डर तक, भारतीय बाजार ने बखूबी किया ग्लोबल चुनौतियों का सामना
By: पीटीआई- भाषा | Updated at : 25 Dec 2022 07:55 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
शेयर बाजार के लिए कैसा रहा साल 2022 ( Image Source : Getty )
Year Ender 2022: साल 2022 में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा कीमतों में तेजी और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों की सख्त मौद्रिक नीतियों से पैदा हुए दबाव के बीच भारतीय शेयर बाजारों ने अन्य बाजारों की तुलना में इन संकटों का कहीं बेहतर ढंग से सामना किया. घरेलू निवेशकों के अटूट विश्वास ने दलाल स्ट्रीट को वैश्विक उठा-पटक से काफी हद तक अनछुआ रखा और भारतीय बाजार के मानक सूचकांक ने निराशाजनक संकेतों का सामना आत्मविश्वास से किया. साल के ज्यादातर समय तक रही सुस्ती के बाद त्योहारी सत्र में सेंसेक्स ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और यह एक दिसंबर को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 63,284.19 पर बंद हुआ था.
वर्ष 2023 में भी विदेशी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा भारत
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) अमेरिका में सख्त मौद्रिक नीति अपनाए भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें जाने और रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने से पैदा हुई वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें के बावजूद भारत अपनी प्रोत्साहन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और काफी हद तक सेहतमंद आर्थिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए वर्ष 2023 में विदेशी निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बना रह सकता है।
सरकार की तरफ से कारोबारी सुगमता और कुशल श्रमशक्ति को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों, देश के भीतर प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़ी नीतियों के उदार होने, विशाल घरेलू बाजार की मौजूदगी और वृद्धि दर अच्छी रहने की संभावनाओं से नए साल में भी भारत विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रह सकता है। हालांकि अनुबंधों के क्रियान्वयन में देरी, थकाऊ प्रक्रिया और ऊंची ब्याज दरें चिंता का विषय रह सकती हैं।
लगातार गिरती ही जा रही पाकिस्तान की माली हालात, बढ़ी गरीबी दर
पाकिस्तान, दुनिया। भारत के पड़ोसी या कहें दुश्मन देश पाकिस्तान की गिनती दुनियाभर के गरीब देशों में होती है। यहां हालात पहले ही महंगाई के चलते कुछ सही नहीं रहते हैं, ऐसे में अब पाक की माली हालात और ज्यादा गिरती नज़र आ रही है क्योंकि, यहां अब गरीबी दर बढ़ने से हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं। इस बारे में जानकारी पाक के एक उर्दू अखबार इंतेखाब डेली के हवाले से सामने आई है।
पाक की हालात हुई और खराब :
दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात पहले ही काफी खराब रहते हैं ऐसे में अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे पाक के आर्थिक हालात को लेकर चिंता और बढ़ गई है। क्योंकि, पाकिस्थान के प्रसिद्ध उर्दू अखबार इंतेखाब डेली ने पाक में इन दिनों चल रही बुरी स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि, पाक में गरीबी दर में बढ़त दर्ज हुई है और यह बढ़कर 35.7% हो गई है। इसके अलावा खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ी हैं। ऐसे में खाद्य पदार्थों की कीमत में 20 से 31% की वृद्धि दर्ज हुई है। इसके अलावा पाक वैश्विक गरीबी सूचकांक की लिस्ट में 116 देशों में से 92वें स्थान पर आ भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें गया है। इसके अलावा इस इंतेखाब डेली की तरफ से पाक सरकार को सुझाव भी दिया गया है।
बिजनेस::मेट्रो एजी के भारतीय कारोबार अधिग्रहण भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें करेगी रिलायंस
हिन्दुस्तान 3 दिन पहले हिन्दुस्तान टीम
उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कवायद के तहत जर्मनी की कंपनी मेट्रो एजी के भारत में थोक परिचालन का 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी।
दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अनुषंगी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के 2,850 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के लिए आज एक पक्का समझौता किया है। रिलायंस के देश में 16,600 से अधिक स्टोर हैं और एक मजबूत थोक कारोबार कंपनी के अधिग्रहण से देश में इसकी स्थिति और मजबूत हो सकेगी।
Cyber Insurance: क्या है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी? फ्रॉड होने पर कैसे मिलता है बेनिफिट
Cyber Attack: आज के दौर में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
Cyber Security Insurance: आज के दौर में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आए दिन ऑनलाइन ठगी की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि सुरक्षा के लिए ‘साइबर इंश्योरेंस’ कराएं. साइबर इंश्योरेंस आपको न सिर्फ साइबर खतरों से होने वाले किसी भी वित्तीय नुकसान से कवर देगा बल्कि डाटा बहाली, किसी रेगुलेटरी एक्शन या मुकदमेबाजी से होने भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें वाले अन्य संबंधित खर्चों को भी कवर करेगा. इस बारे में हमने भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें ICICI Lombard GIC के चीफ अंडरराइटिंग, रीइंश्योरेंस एंड क्लेम्स, संजय दत्ता से बातचीत की है.
क्या है साइबर सिक्योरिटी इंश्योरेंस
साइबर इंश्योरेंस या साइबर सिक्योरिटी इंश्योरेंस कस्टमर्स को बैंक अकाउंट की ठगी, अनधिकृत लेन-देन और बहुत कुछ इस तरह की गतिविधियों से कवरेज प्रदान करता है. इसके लिए अभी तक 2 तरह के प्रोडक्ट हैं. जिसमें कॉर्पोरेट्स के लिए कॉर्पोरेट साइबर लायबिलिटी पॉलिसीज और इंडिविजुअल खरीदार के लिए रिटेल साइबर लायबिलिटी पॉलिसी हैं. इसके अलावा, B2B2C का एक बढ़ता हुआ सेग्मेंट है, जहां एक कॉर्पोरेट अपने ग्राहकों के लिए पॉलिसी खरीदता है या उन्हें अपने प्लेटफॉर्म या एप्लिकेशन पर इसे खरीदने का ऑफर करता है.
कोरोना वायरस महामारी के पहले क्लेम की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी. प्रमुख रूप से सिर्फ खास सेक्टर मसलन BFSI और हाई नेट वर्थ वाले कॉरपोरेट्स हैकर्स के टारगेट पर थे. हालांकि कोविड के बाद कई अलग अलग इंडस्ट्री में क्लेम की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. ईमेल कॉम्प्रोमाइज और रैंसमवेयर अटैक को प्रमुख कॉन्ट्रिब्यूटर्स के रूप में देखा गया है.
किस तरह के मामलों में बढ़ रहे हैं क्लेम
हमने पिछले साल से साइबर इन्फॉर्मेशन की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी देखी है. ये साइबर अटैक प्रमुख रूप से रैंसमवेयर और बिजनेस ईमेल कॉम्प्रोमाइज अटैक के कॉम्बिनेशन रहे हैं. बिजनेस में रुकावटों के चलते क्लेम की बड़ी संख्या देखने को मिली, क्योंकि साइबर अटैकर लगातार पहले से ज्यादा चालाक होते जा रहे हैं. इसके साथ ही, बड़े पैमाने पर डाटा एक्सफिल्ट्रेशन की एक परेशान करने वाला ट्रेंड भी देखा है, जिसके कारण डाटा लायबिलिटी के क्लेम सामने आए हैं.
इंश्योरेंस भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें देते समय रिस्क की समीक्षा करने के अलावा, कंपनी का व्यापक मूल्यांकन किया जाता है. 3 प्रमुख पिलर्स को ध्यान में रखते हुए रिस्क का मूल्यांकन किया जाता है. मसलन ह्यूमन फायरवॉल कितना मजबूत है, आंतरिक प्रक्रियाएं कितनी मैच्योर हैं और टेक्नोलॉजी यानी सेफ्टी कंट्रोल कितने अच्छी तरह से भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें व्यवस्थित किए गए हैं. यह मूल्यांकन इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलिसी, व्यापार निरंतरता योजनाओं, डाटा की प्रकृति, इंडस्ट्री, उनके ऑपरेशन की जियोग्राफिकल प्रेजेंस और बाहरी स्कैन की समीक्षाओं के जरिए किया जाता है.
एडिशनल कंसिडरेशन
a. वर्कफोर्स को जागरूक करना और ट्रेनिंग देना
b. इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन जैसे ISO 27001
c. डाटा जुटाने भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें और स्टोरेज (GDPR, व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक और आईटी अधिनियम) के संबंध में पॉलिसी
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