- भारत में 16 एक्सचेंजेज, दुनिया में 308 एक्सचेंज.
- कुल 10 हजार से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी.

JNU Times

Bitcoin की कीमत 2015 के बीच तक $250 तक थी वही नवंबर 2021 में बिटकॉइन की कीमत बढ़कर $68000 हो गई। मतलब सीधा सीधा 250 गुणा Returns लोगो को मिले जो शायद ही किसी और जगह से लोग कमा पाते और इसकी वजह से ही लोग Crypto की तरफ गए और आज भारत में Crypto Investers जो है वे Stock Investers से ज्यादा है।

वैसे तो बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी दोनो ही अलग है क्रिप्टो में बिटकॉइन जैसी बहुत सी करेंसी है लेकिन आपको समझाने के लिए हम दोनो को साथ लेकर चलेंगे।

भारी उतार चढ़ाव वाला मार्केट

  • CryptoCurrency में निवेश करना काफी जोखिम भरा कार्य है क्योंकि बिना Regulations के इसमें भारी उतार चढ़ाव आते है।

बिटकॉइन का बुलबुला कभी भी क्रिप्टो निवेश जोखिम फूट सकता है

  • प्राचीन काल में भारत में पहले सोने चांदी के सिक्के चलते थे इसके बाद कागज के नोट आए लेकिन बिटकॉइन ना ही तो कोई करेंसी है और ना ही कमोडिटी।

RBI को मिलेगी डिजिटल करेंसी का फ्रेमवर्क

क्रिप्टोकरेंसी टेक्नोलॉजी (Cryptocurrency technologies) को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है. हालांकि, किने क्रिप्टोकरेंसी में ढील दी जाएगी ये साफ नहीं है. वहीं, बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank क्रिप्टो निवेश जोखिम of India) को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा.

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क्रिप्टो में अभी तक क्या हुआ?

क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन (Cryptocurrency regulations) के लिए संसद में बिल लाएगी सरकार. बिल में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) पर पाबंदी लगाने की चर्चा है. कुछ अपवादों को छोड़कर निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगना तय है. RBI क्रिप्टो निवेश जोखिम अपनी खुद की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करेगा. दूसरे देशों में देखें तो अमेरिका (US), यूरोप समेत कई बड़े देशों में फिलहाल क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है.

El Salvador, क्यूबा और यूक्रेन में क्रिप्टो के लिए अलग कानून है. दुनिया क्रिप्टो निवेश जोखिम क्रिप्टो निवेश जोखिम में केवल El Salvador में क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर (Cryptocurrency legal tender) है. IMF ने El Salvador में क्रिप्टो को लीगल करेंसी इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी पर चीन, इंडोनेशिया, Egypt में पूरी तरह से बैन है. वियतनाम, रूस, ईरान और तुर्की में क्रिप्टो पर आंशिक रूप से बैन किया गया है.

भारत में क्रिप्टो मार्केट का हाल

- भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है.
- भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है.
- भारत की 7% से ज्यादा जनसंख्या के पास क्रिप्टोकरेंसी मौजूद.
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी में 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश.
- क्रिप्टो में निवेश करने वालों की औसतन उम्र 24 साल.
- 60% क्रिप्टो क्रिप्टो निवेश जोखिम क्रिप्टो निवेश जोखिम निवेशक टियर II और टियर III शहरों से हैं.
- भारत में छोटे एक्सचेंज के अलावा 16 एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग होती है.
- 65% लोगों ने पहले इन्वेस्टमेंट के तौर पर क्रिप्टो में निवेश किया है.

दुनियाभर में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या
देश निवेशक
भारत 10 करोड़
अमेरिका 2.74 करोड़
रूस 1.74 करोड़
नाइजीरिया 1.3 करोड़

एक्सचेंज (प्रतिदिन वॉल्यूम $)
BINANCE $35 अरब
OKEx $10 अरब
COINBASE $7.4 अरब
KRAKEN 200.47 अरब
BITFINEX 200.04 अरब
WAZIRX $27.5 करोड़
COINDCX $11.2 करोड़
ZEBPAY $3.6 करोड़

- हर एक्सचेंज पर चार्जेज अलग-अलग.
- प्रति ट्रेड 0.5-1% की फीस.
- बैंक से वॉलेट में पैसे डालने पर 5-20 रुपए फीस.
- पैसे निकलने के लिए भी देनी होती है फीस.
- AMC फीस 30-300 रुपए प्रति महीने.

क्या है भारत में कानून ?

बिटकॉइन में निवेश कैसे करें?

बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीदते हैं और एक डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत करते हैं। डिजिटल वॉलेट एक छोटा व्यक्तिगत डाटाबेस है जिसे आप अपने स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर ड्राइव, टैबलेट, या इंटरनेट में कहीं भी संग्रहीत कर सकते हैं।

भारत में उपलब्ध कई बिटकॉइन एक्सचेंज जैसे- Zebpay, Unocoin , Bitxoxo, Coinbase। आप इनके वेबसाइट पर जा सकते हैं या इनके मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। फिर आप इनमें से किसी एक एक्सचेंज पर ऑनलाइन खाता (डिजिटल वॉलेट ) बना सकते हैं। एक बार डिजिटल वॉलेट बनने पर अपने बैंक के खाते से डिजिटल वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर आप डिजिटल वॉलेट से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।

पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन की कीमत में काफी उतार चढ़ाव चढाव रहा है। एक बिटकॉइन की कीमत 1,000 से 11,70,000 रुपये के बीच उतार चढ़ाव कर रही है। चूंकि एक बिटकॉइन खरीदना काफी महंगा है इसलिए आप 1000 रुपये से निवेश करके बिटकॉइन का एक अंश खरीद सकते हैं। बिटकॉइन विनियमित नहीं हैं तो आपको नकली और वास्तविक बिटकॉइन के बीच भेद में सावधान रहना चाहिए। बिटकॉन्स में व्यापार करने से पहले आपको एक्सचेंज, वॉलेट इत्यादि के बारे में उचित शोध करना चाहिए।

निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं

निवेश में नए ज़माने के डिजिटल ट्रेंड्स: वे कैसे काम करते हैं

निश्चित रूप से, इसी वजह से नए जमाने के डिजिटल ट्रेंड्स को भी आसान-ट्रेडिंग के वर्चुअल एसेट की तरह ले लिया गया है जिनका कोई भौतिक प्रारूप नहीं हैं। वे सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा बनाए या जारी नहीं किए गए हैं। इसलिए इन्हें धन या वैध मुद्रा की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मगर कुछ जोखिम हैं जैसे:

- ऐसे क्रिप्टो निवेश जोखिम डिजिटल एसेट का मूल्य वास्तविक एसेट से जुड़ा नहीं होता है। जिसकी वजह से उनकी वैल्यू— और आपके निवेश में— बड़ी अस्थिरता देखी जा सकती है।
- वर्चुअल एसेट विनियमित नहीं होते हैं। सरकारी नियमों के बिना, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी हो सकती है और वे अपना पैसा गंवा सकते हैं।
- फिलहाल, केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, इन वर्चुअल एसेट पर बहुत ज़्यादा टैक्स देना पड़ता है।

चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डि‌जिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है

भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में क्रिप्टो निवेश जोखिम पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डि‌जिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ेगा।)

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