निवेश के लिए सही शेयर कैसे खरीदें, इन 6 बातों का रखें ध्यान
सही शेयर का चुनाव आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST)
आप अगर निवेश के लिए शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो जान लें कि यह कोई आसान काम नहीं है. ऐसी कई बातें हैं जिन पर ध्यान न देने से नुकसान झेलना पड़ सकता है. बिना छानबीन और सुनी सुनाई बातों के आधार पर शेयर नहीं खरीदना चाहिए. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर आप सही शेयर चुन सकते हैं.
मजबूत शेयर के साथ जुड़ें
मजबूत शेयर (जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा हो) के साथ जुड़ा रहना फायदे का सौदा है. कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है. बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश अधिक नहीं होती है.
कंपन की ये तीन चीजें देखें
शेयर चुनते वक्त कभी भी इधर-उधर की सलाह जैसे फोन और एसएमएस पर मिलने वाली हॉट टिप्स पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए. इसी तरह टीवी पर कोई बढ़िया चर्चा देखकर पैसा लगाने का फैसला नहीं करें. शेयर खरीदने से पहले कंपनी की अर्निंग ग्रोथ, मैनेजमेंट क्वालिटी और बैलेंसशीट पर ध्यान देना चाहिए. इन तीन बिंदुओं पर मजबूत कंपनी में नुकसान के आसार कम होंगे.
शेयर की तेजी नहीं उसके पीछे का कारण देखें
केवल यह देखकर कि शेयर ऊपर जा रहे हैं अंधाधुंध पैसा नहीं लगना चाहिए. बल्कि तेजी के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करनी चाहिए. अगर यह तेजी कंपनी की बुनियादी बातों से मेल नहीं खा रही है तो उससे दूर रहने में ही भलाई है.
ब्रोकरों की के दावों को क्रॉसचेक करें
ब्रोकरों की सलाह आंख मूंदकर न मानें. इसमें उसका निजी हित जुड़ा हो सकता है. तमाम उपलब्ध संसाधनों से क्रॉस चेक जरूर करें नहीं नुकसान उठाना पड़ सकता है.
अगर गिरने लगे शेयर के दाम
एक स्टॉप लॉस जरुर रखें जैसे ही कोई शेयर इसे पार करे तो तुरंत फैसला लें. जैसे कि अगर कोई शेयर अपने खरीद मूल्य से 20 फीसदी नीचे चला जाए तो उसे बेचने में ही समझदारी है. नुकसान वाले शेयर को यह सोचकर लंबे वक्त तक रखना और यह इंतजार करना कि यह एक दिन बढ़ेगा गलत रणनीति है.
कंपनी के दावों की सच्चाई जानने की कोशिश करें
कंपनी के दावों की असलियत का पता करने के लिए खुद रिसर्च करें. यह पता करें कि कंपनी को वास्तव में प्रॉफिट हुआ है या नहीं. या फिर उसने नए ऑर्डर पाने का जो दावा किया है, वह कितना सही है.
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Published at : 10 Jun 2021 10:24 PM (IST) Tags: Money Investment Stock Market shares company broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
निवेश की पाठशाला: स्टॉक खरीदने से पहले कैसे करें होमवर्क, किन बातों का रखें ध्यान? जानिए जरूरी बातें
Share Market: जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 15, 2022, 11:55 IST
हाइलाइट्स
स्टॉक खरीदने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस जरूर करें.
विभिन्न लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश की अवधि तय करें.
बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन और बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी के बारे में पता लगाएं.
मुंबई. शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान है लेकिन बिना जानकारी के भारी आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है. जब भी आप निवेश के उद्देश्य से स्टॉक खरीदने का निर्णय लेते हैं, तो इससे पहले होमवर्क जरूर करें. क्योंकि आप अपनी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश कर रहे हैं. किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदने के लिए दो तरह के एनालिसिस करने होते हैं. पहला फंडामेंटल और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस होता है. फंडामेंटल में कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट समेत कई पहलुओं का अध्ययन किया जाता है. वहीं, टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक के प्राइस को Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? देखकर बाय और सेल की रणनीति बनाई जाती है.
जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप में आपको उचित विश्लेषण करना चाहिए. किसी भी शेयर को खरीदने से आपको कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
निवेश की अवधि
शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने से पहले आपको अपने निवेश की अवधि तय करनी होगी. आप कम, मध्यम और लंबी अवधि के लिए किसी भी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, यह अवधि आपके आर्थिक लक्ष्यों पर निर्भर करती है. ज्यादातर लंबी अवधि का निवेश स्टॉक मार्केट में बेहतर रिटर्न देता है. यह अवधि 5 से 10 साल तक हो सकती है.
कंपनी के फंडामेंटल चेक करें
हर निवेशक को शेयर खरीदने से पहले फंडामेंटल चेक कर लेना चाहिए. इसमें कंपनी का कारोबार और उसकी ग्रोथ के बारे में जानें. आखिर कंपनी क्या बिजनेस करती है और भविष्य में इस बिजनेस को लेकर क्या संभवानाएं हैं. वहीं, कंपनी इस सेक्टर में अपनी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले कहां खड़ी है.
कंपनी के प्रोमोटर कौन हैं और उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कितना अनुभव है. इसके अलावा कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न का अध्ययन भी करना चाहिए कि आखिर कंपनी में प्रोमोटर, रिटेल निवेशक और घरेलू व विदेशी संस्थागत निवेशकों की कितनी हिस्सेदारी है. माना जाता है कि कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न में विभिन्नता होनी चाहिए और ऐसे ही कंपनी के शेयर खरीदना चाहिए.
बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन
किसी भी शेयर को खरीदने से पहले निवेशक को यह भी देखना चाहिए कि Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? समकक्ष कंपनियों के शेयर की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म की मदद से आप यह तुलना कर सकते हैं. इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस बहुत करना जरूरी हो जाता है.
टेक्निकल एनालिसिस में शेयर के चार्ट की स्टडी करके हर रोज, साप्ताहिक और मासिक अवधि में स्टॉक के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है. इसके जरिए आप शेयर के भाव की एक रेंज के बारे में जान सकते हैं कि विभिन्न अवधि में यह शेयर किसी भाव के आसपास रहता है. स्टॉक का प्राइस कहां सपोर्ट बनाता है Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? और कहां रजिस्टेंस बनाता है. इस आधार पर किसी भी शेयर को सही कीमत पर खरीद सकते हैं और अच्छा रिटर्न मिलने पर बेच सकते हैं.
म्यूचुअल फंड और अन्य बड़े निवेशकों की खरीदी
हर रिटेल इन्वेस्टर किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले यह जानना चाहता है कि बड़े निवेशक जैसे- म्यूचुअल फंड हाउस, विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी कितनी है. दरअसल बड़े निवेशक किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले बहुत अध्ययन करते हैं इसलिए आम निवेशक को लगता है कि म्यूचुअल फंड द्वारा खरीदे गए शेयर निवेश के लिए ज्यादा सही और बेहतर होते हैं.
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किसी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले इस तरह चेक करें कि वह सस्ता है या महंगा, हमेशा फायदे में रहेंगे
आमतौर पर नए-नए निवेशकों को 500 रुपये के मुकाबले 50 रुपये वाले स्टॉक ज्यादा आकर्षक लगते हैं, सस्ते लगते हैं। ये उन निवेशकों की बड़ी भूल हो सकती है।
Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 20, 2022 21:59 IST
Photo:FILE शेयर
नई दिल्ली, अनीश कुमार सिंह। म्यूचुअल फंड से अपनी इन्वेस्टमेंट की यात्रा शुरू करने के बाद एक समय ऐसा आता है कि आप शेयरों को भी इन्वेस्टमेंट के लिहाज से खरीदकर लॉन्ग टर्म के लिए रखना चाहते हैं। ऐसे में बहुत से लोग पेनी स्टॉक में फंस जाते हैं। पेनी स्टॉक वैसे स्टॉक होते हैं जिनकी कीमत 50 रुपये प्रति शेयर से कम होती है। नए-नए इन्वेस्टर्स इन पेनी स्टॉक को सस्ता समझकर खरीद लेते हैं। चूंकि इस तरह के स्टॉक में Volatility यानी अस्थिरता ज्यादा होती है और इनमें से कई फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग भी नहीं होते, इसलिए नए-नए निवेशक इन पेनी स्टॉक्स में उलझकर अपना बड़ा नुकसान कर लेते हैं। ऐसे नुकसान से बचने के लिए क्या करें, आइए जानते हैं।
शेयर लेने में सब्जी खरीदने जैसा दिमाग लगाएं
आमतौर पर नए-नए निवेशकों को 500 रुपये के मुकाबले 50 रुपये वाले स्टॉक ज्यादा आकर्षक लगते हैं, सस्ते लगते हैं। ये उन निवेशकों की बड़ी भूल हो सकती है। इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं। आप सब्जी मार्केट जाते हैं। वहां आपको आलू 50 रुपये किलो मिल रहा होता है, और परवल 60 रुपये किलो। आप किसे सस्ता समझेंगे। जो लोग सब्जी मार्केट नहीं जाते हैं उन्हें आलू और परवल में यहां आलू सस्ता लगेगा, लेकिन हकीकत में यहां आलू के मुकाबले परवल सस्ता है। अमूमन आलू का भाव खुदरा मार्केट में 30 रुपये प्रति किलो के ईर्द-गिर्द रहता है बशर्ते कि उसकी सप्लाई में कोई बड़ी कमी न हो, या फिर किसी अप्रत्याशित कारण से अचानक उसकी डिमांड न बढ़ गई हो। जबकि परवल अपने सीजन में 15 से 20 रुपये पाव के हिसाब से दिल्ली-एनसीआर में आसानी से मिल जाता है। यानी परवल की यहां Intrinsic Value(जिसे हम आम बोल-चाल की भाषा में मोलाई भाव भी कह सकते हैं)उसके करेंट प्राइस के बराबर या पास में है। यानि आमतौर पर कोई भी ग्राहक दुकानदार से दाम कम करने के लिए नहीं कहेगा। इसका मतलब ये है कि उस ग्राहक को पता है कि परवल सही दाम पर बिक रहा है। और वो अपने हिसाब से परवल ले लेता है। लेकिन 50 रुपये प्रति किलो आलू बेचने वाले के पास ग्राहक जाकर उससे दाम कम करने के लिए जरूर कहेगा। यानी उस ग्राहक को आलू का Intrinsic Value पता है। जो अभी काफी ज्यादा है। इस उदाहरण से आप समझ गए होंगे कि परवल यहां आलू के मुकाबले सस्ता है। अगर आप ये बात जान गए तो आप अच्छे शेयर का चुनाव भी कुछ यही फॉर्मूला लगाकर कर सकते हैं।
Intrinsic Value बताएगा शेयर सस्ता है या महंगा
आसान शब्दों में कहें तो जिस तरह आप सब्जी खरीदने में आम तौर पर मोलाई करते हैं। यानी सब्जी के दाम को कम करने के लिए दुकानदार को कहते हैं, ठीक उसी तरह का काम इन्वेस्टमेंट की भाषा में Intrinsic Value का है। शेयर सस्ता है या महंगा बहुत हद तक इससे पता चल जाता है। अगर शेयर की करेंट प्राइस Intrinsic Value से अधिक है तो शेयर महंगा है, और अगर कम है तो शेयर लेने लायक है (ऊपर के उदाहरण से आपको ये बात समझ आ गई होगी) आपको Intrinsic Value निकालने की जरूरत भी नहीं। इसे आप गूगल में सर्च कर देख सकते हैं या फिर टिकर टेप जैसी साइट पर जाकर इसे देख सकते हैं। चलिए सस्ते शेयर का पता लगाने के लिए Intrinsic Value को समझने का पहला स्टेज तो आप पार कर गए, अब बारी आती है दूसरे स्टेज की।
PE Ratio जानकर सस्ते शेयर को चुने
इसे Price Upon Earning Ratio कहते हैं। साधारण भाषा में कहें तो किसी शेयर से 1 रुपये कमाने के लिए कितने रुपये आपको लगाने पड़ेंगे, ये PE Ratio से पता लगता है। किसी शेयर का PE जितना कम हो उतना सही माना जाता है। एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए आपकी लिस्ट में एक ही क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियां हैं। दोनों कंपनियां अच्छा Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? रिटर्न जेनरेट कर रही हैं। एक कंपनी का PE ज्यादा और दूसरी का कम है, तो पहली नज़र में जिस कंपनी का PE कम है उसपर आपको फोकस करना चाहिए। आम तौर पर 20 या इससे कम की PE अच्छी मानी जाती है। लेकिन कुछ इमर्जिंग शेयरों के लिए ये Ratio बहुत ज्यादा भी हो सकता है। वैसे तीन और जरूरी Ratio होते हैं जिनका इस्तेमाल हम अच्छे शेयर के चुनाव में करते हैं। PB ratio, Current ratio और Debt to Equity ratio..जिन्हें हम बाद में जानेंगे।
जो शेयर अच्छा है, जरूरी नहीं अभी सस्ता है
इसका एक बेहतरीन उदाहरण आपको देता हूं। मेरे एक मित्र को D-Mart का शेयर बहुत अच्छा लगा(इस शेयर का जिक्र महज उदाहरण के तौर पर किया गया है, इसे किसी तरह का Recommendation न समझें) Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? आमतौर पर हम सुनते हैं कि उसी स्टॉक में निवेश करो जिसके बारे में आप जानते हैं, जिसका प्रोडक्ट आप इस्तेमाल करते हैं। ये ठीक भी है। FMCG सेक्टर में HUL और ITC के प्रोडक्ट्स किसके घर में प्रयोग नहीं किए जाते। लेकिन अगर इसके प्रोडक्ट्स बाजार भाव से सस्ते में मिले तो क्या कहना। मेरे एक मित्र मेरे पास आए और बोले, भाई D-Mart में Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? सामान सस्ते मिलते हैं। लोगों की काफी भीड़ रहती है। सामान हाथों-हाथ बिक जाते हैं। ये कंपनी शानदार प्रॉफिट बनाती होगी। तो क्यों न इसके शेयर लिए जाएं, तो सुझाव ये है कि अभी इस शेयर को इन्वेस्टमेंट के लिहाज से नहीं लिया जा सकता। इसके दो कारण हैं। पहला कारण इसका करेंट प्राइस इसकी Intrinsic Value से ज्यादा है। यानी खरीदने के लिए जो इसका भाव होना चाहिए ये उससे काफी महंगे रेट पर मौजूद है(ख़बर लिखे जाने के दिन तक) और दूसरी बात ये कि इसका PE Ratio भी सेक्टर के PE की तुलना में ज्यादा है। फिलहाल इसका PE:187 है। यानी इस शेयर से एक रुपये कमाने के लिए आपको 187 रुपये लगाने होंगे। हां, आप एक काम कर सकते हैं, इस शेयर को हर डेढ़ या 2 फीसदी की गिरावट पर खरीदते जाएं। या फिर किसी बड़े डीप करेक्शन का इंतज़ार करें। जिसमें आपका मनपसंद स्टॉक अपने Intrinsic Value के आस-पास आ जाए, या फिर उसका PE ratio उसके सेक्टर के ratio के आस-पास आ जाए। इस तरह आप कुछ जरूरी चीजों को समझकर अच्छे शेयर का चुनाव कर सकते हैं। और अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग सेक्टर के बेहतरीन स्टॉक्स से हमेशा हरियाली में रख सकते हैं, साथ ही भविष्य में बढ़िया पैसे जनरेट कर पाएंगे।
(लेखक इंडिया टीवी में सीनियर एडिटर के पद पर कार्यरत हैं।)
शेयर खरीदने का सही समय, समझिए अच्छे रिटर्न के लिए निवेश कब करें
शेयर खरीदने का सही समय कौन सा हैं?
शेयर खरीदने का सही समय क्या हैं? ये सवाल अधिकतर निवेशकों के मन में हमेशा रहता हैं। क्योंकि कभी Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? कभी गलत समय पर शेयर खरीदकर पछताना पड़ता हैं, तो कई बार गलत समय पर शेयर बेचकर भी पछताना पड़ता हैं। इसलिए यदि शेयर बाजार में एक सफल निवेशक बनना हैं तो आपको शेयर खरीदने व बेचने के सही समय के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हैं।
आपको मालूम होना चाहिए कि शेयर को कब खरीदना हैं और कब बेचना हैं। यदि आप इतना कर पाते हैं तो आप शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं बल्कि निवेश के जरिए मुनाफा कमाना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
शेयर बाजार अच्छी खासी कमाई करने के मौके देता हैं मगर कई बार इन मौकों को पहचानने में गलती कर बैठते हैं, जिसके चलते नुकसान भुगतना पड़ता हैं। यदि कुछ खास बातों का ध्यान रखकर शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी व बिकवाली की जाए तो अच्छा मुनाफा भी मिल सकता हैं।
शेयर बाजार में शेयर खरीदने का सही समय
शेयर बाजार में खरीदारी करने का उद्देश्य लंबे समय के लिए Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? शेयर होल्ड करने का होना चाहिए। जैसा कि बड़े इन्वेस्टर्स भी यही बात बताते हैं कि शेयर बाजार में लंबे समय के निवेश पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखकर शेयरों की खरीदारी करना अच्छा साबित हो सकता हैं।
बाजार की गिरावट में शेयर खरीदें
अधिकतर निवेशक बाजार की गिरावट को देखकर घबराने लगते हैं मगर बहुत से सुलझे हुए निवेशकों के लिए बाजार की गिरावट शेयर खरीदने का अच्छा समय होता हैं क्योंकि बाजार में जब गिरावट आती है तो शेयरों की कीमत कम रहती हैं। जिसके चलते शेयरों को कम कीमत में खरीदने का मौका होता हैं। इस समय कम निवेश के जरिए ज्यादा शेयर खरीदें जा सकते हैं। अब जैसे ही बाजार की स्थिति ठीक होगी, शेयर अच्छा मुनाफा दिलाएंगे। हालांकि गिरावट कुछ लंबे समय के लिए भी रह सकती हैं जिसके लिए धैर्य रखना बेहद जरूरी हैं।
पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदें
एक समझदार निवेशक होने के नाते यह बात बिल्कुल साफ होनी चाहिए कि आप Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? जिस कंपनी के शेयरों में पैसा निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी के बारे में आपको सबकुछ मालूम हैं या नहीं। यदि आप उस कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के बाद निवेश का फैसला कर रहे हैं तो आप निश्चित ही उस स्टाॅक से मुनाफा कमाएंगे। पूरी एनालिसिस करने के बाद खरीदें गये शेयरों के प्रति बाजार के उतार चढ़ाव से आप घबराएंगे नहीं। क्योंकि आपको मालूम होगा कि इस कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और इसका स्टाॅक कुछ समय के बाद अच्छा प्रदर्शन करेगा। और आप लंबे समय तक शेयर होल्ड कर पाएंगे। और लंबे समय की निवेश अवधि में अच्छा मुनाफा कमा पाओगे। अतः स्टाॅक के बारे में पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदने का सही समय होता हैं।
तिमाही नतीजे आने के बाद करें खरीदारी
लगभग सभी Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए? कंपनियां हर तिमाही में कंपनी के कारोबार व फाइनेंशियल से संबंधित जानकारी साझा करती हैं। यदि कंपनी ने बीते तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया हैं और भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना हैं तो उस कंपनी के शेयरों को खरीदना अच्छा विकल्प होगा। और यदि कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं, और आगे भी कंपनी के कारोबार को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं तो आपके लिए शेयरों से दूर रहना ही अच्छा होगा।
अपने लक्ष्य के अनुसार निवेश करें
यदि आपने कोई लक्ष्य निर्धारित किया हैं तो अपने लक्ष्य पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी हैं, आपको मालूम होना चाहिए कि लक्ष्य कितने समय में हासिल किया जा सकता हैं। यदि आप समय रहते निवेश नहीं करते हैं तो आपको लक्ष्य तक पहुंचने में ज्यादा समय लग सकता हैं। इसलिए शेयर बाजार में सही समय का इंतजार करना, समय को गंवाना जैसा हैं। अच्छे शेयरों में कभी भी निवेश किया जा सकता हैं। इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं होता हैं। हालांकि शेयर बाजार में उतार चढ़ाव हमेशा ही आते रहेंगे इसलिए अपने निवेश के लिए सही समय वर्तमान ही हो सकता हैं।
अस्वीकरण: इस पेज में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं। इसके बावजूद भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें। निवेश से होने वाले लाभ या हानि का जिम्मेदार पैसावालेडाॅटइन नहीं होगा।
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Share market Investment: जानिए़ शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शेयर बाजार में कब से निवेश शुरू कर रहे हैं। आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि "मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए?"।
शेयरों में निवेश करने का अच्छा समय कब है?
हाइलाइट्स
- शेयर बाजार इन दिनों हर दिन नई उंचाई पर पहुंच रहा है
- बजट के बाद तो शेयर बाजार में गजब की तेजी दिखी है
- इन दिनों भी बीएसई सेंसेक्स 51 हजार से उपर चल रहा है
- ऐसे में हर नया निवेशक जानना चाहता है कि शेयर बाजार में निवेश करने का सही समय क्या है?
फिनोलोजी के फाउंडर एवं सीईओ प्रांजल कामरा का कहना है कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शेयर बाजार में कब से निवेश शुरू कर रहे हैं। आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि "मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए?"। यदि आप बाजार में नए हैं तो यह बात पूरी तरह से सच साबित होती है। फिर भी, अभी भी कुछ है जो आपको अपने आप से पूछना चाहिए, क्योंकि आप अपनी मेहनत से कमाए गए धन को जोखिम में डाल रहे हैं। सही ज्ञान के साथ, आप पहचान पाएंगे कि आप लाभ वाली स्थिति में हैं या हानि वाली। तो, आगे की हलचल के बिना, आपके स्टॉक खरीदने या बेचने से पहले कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:-
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