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UPTET 2018 मनोविज्ञान प्रश्नोत्तर | UPTET Psychology Questions

3. अभिप्रेरणा का प्रत्याशा सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है ?

उत्तर. विक्टर व्रूम

4. अभिप्रेरण की आवश्यकताओं का पदानुक्रम सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है ?

उत्तर. मास्लो के द्वारा

5. अभिप्रेरण का दोहरा कारक सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है ?

उत्तर. हर्जबर्ग

6. अभिप्रेरण का सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है ?

उत्तर. स्कीनर

7. अग्रिम व्यवस्थापक प्रतिमान किस परिवार से सम्बंधित है ?

उत्तर. सूचना प्रक्रियाकरण

8. कौशल के स्थानान्तरण के लिए कौन-सा उपयोगी है ?

उत्तर. कौशल अंतरण एक गति है, न कि उद्देश्य अर्थात छात्र सरल से विश्लेषण में व्यावहारिक अनुप्रयोग कठिन की ओर सीखते हुए बढ़ता है

9. शिक्षण के सूत्र लिखिए ?

उत्तर. सरल से जटिल की ओर, ज्ञात से अज्ञात की ओर, अमूर्त से मूर्त की ओर, प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष की ओर, विशिष्ट से सामान्य की ओर, विश्लेषण से संश्लेषण की ओर, मनोवैज्ञानिक से तार्किक की ओर, पूर्ण से अपूर्ण की ओर तथा अनिश्चित से निश्चित की ओर

10. सूक्ष्म-शिक्षण चक्र का प्रथम पद क्या होता है ?

उत्तर. योजना बनाना

11. शिक्षण के कितने स्तर है ?

उत्तर. स्मृति स्तर, अवबोध स्तर तथा चिंतन स्तर (3)

12. एक छात्र पढ़ रहा है, उसका नाम लेकर किसी ने बुलाया तो किस संवेदना द्वारा छात्र अपनी अनुक्रिया प्रकट करेगा ?

उत्तर. ध्वनि संवेदना

13. पियाजे के सिद्धांत के अनुसार, प्राक संक्रियात्मक अवस्था की अवधि क्या है ?

उत्तर. 2 से 7 वर्ष

14. मनोवैज्ञानिक ‘भाषा विकास’ से कौन सम्बंधित हैं ?

उत्तर. चोम्स्की

15. थार्नडाइक ने अपने सिद्धांत को किस शीर्षक से सिद्ध किया ?

उत्तर. अधिगम के प्रयास एवं भूल

16. गिरोह अवस्था किस आयु वर्ग एवं विलम्ब-विकास से सम्बंधित है ?

उत्तर. 8 से 10 वर्ष एवं समाजीकरण

17. पियाजे के अनुसार, संज्ञानात्मक विकास की तृतीय अवस्था कौन-सी है ?

उत्तर. मूर्त संक्रिया अवस्था

18. अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों में कौन-कौन शामिल हैं ?

उत्तर. अभिप्रेरणा, अभिरुचि, अधिगम की इच्छा,वातावरण एवं सीखने की विधि, पूर्व अधिगम, मानसिक स्वास्थ्य आदि

19. सामाजिक मूल्य की श्रेणी के अन्तर्गत कौन-कौन आते हैं ?

उत्तर. सहायतापरक व्यवहार दान, सेवा, सदन, निवास, समूह आदि

SEBI में इंटर्नशिप का मौका, हर महीने मिलेंगे 30000 रुपये

शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मौके पर व्यवहारिक प्रशिक्षण मुहैया कराने को देखते हुए सेबी ने उनके साथ भागीदारी की इच्छा जताते हुए Sebi ITD इंटर्नशिप प्रोग्राम 2021 के तहत 10 इंटर्न्स तक स्वीकार करने की बात कही है।

sebi

हाइलाइट्स

  • Sebi ने अपने सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
  • इंटर्न्स को नियामक के डेटा विश्लेषण और वित्तप्रौद्योगिकी (FinTech) में काम करने का अवसर मिलेगा।
  • यह कार्यक्रम कम से कम एक साल का होगा।

जो इंटर्न सप्ताह में 3 दिन की इंटर्नशिप करेंगे, उन्हें 25000 रुपये महीना और जो इंटर्न सप्ताह में 4 दिन इंटर्नशिप करेंगे उन्हें 30000 रुपये महीना मिलेगा। इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत इंटर्न्स को सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने का अवसर दिया जाएगा। इसमें उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करने, विश्लेषण में व्यावहारिक अनुप्रयोग नियामकीय व्यावसायिक प्रक्रियाओं और रिपोर्टिंग के अलावा वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी काम करने का अवसर उपलब्ध होगा।

10 अप्रैल तक मांगे रुचि पत्र
नोटिस में कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मौके पर व्यवहारिक प्रशिक्षण मुहैया कराने को देखते हुए सेबी ने उनके साथ भागीदारी की इच्छा जताते हुए Sebi ITD इंटर्नशिप प्रोग्राम 2021 के तहत 10 इंटर्न्स तक स्वीकार करने की बात कही है। इसके लिए सेबी ने 10 अप्रैल 2021 तक रुचि पत्र आमंत्रित किए हैं। यह कार्यक्रम कम से कम एक साल का होगा।

क्या है पात्रता
इस इंटर्नशिप प्रोग्राम में उन शैक्षणिक संस्थानों के छात्र भाग ले सकते हैं, जो AICTE रिकग्नाइज्ड फुल टाइम 2 साल के MBA या MCA या उसके समकक्ष डिग्री/डिप्लोमा की पेशकश करते हैं। ऐसे इंस्टीट्यूट या तो यूजीसी द्वारा या फिर भारतीय संसद के किसी कानून के तहत स्थापित किसी अन्य कमीशन द्वारा मान्य होने चाहिए। छात्रों की पात्रता की बात करें तो कैंडीडेट पात्र इंस्टीट्यूट से 2 साल के फुल टाइम MBA/MCA या समकक्ष डिग्री/डिप्लोमा का छात्र होना चाहिए, इंजीनियरिंग या बीसीए में मिनिमम 60 फीसदी मार्क्स के साथ फुल टाइम ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा कैंडीडेट को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डेटा एनालिटिक्स का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। फाइनेंशियल मार्केट की बेसिक समझ होनी चाहिए, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है।

Embibe VLE Scoring App

असीमित प्रश्नों का अभ्यास करें और मॉक टेस्ट ऑफ़लाइन करें से इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं जैसे JEE मेन में एक शीर्ष रैंक सुरक्षित करें। , NEET , AIIMS और JEE एडवांस्ड Embibe VLE Scoring App का उपयोग करके।

अपने सभी वैचारिक कमजोरियों और को समझने के लिए सबसे उन्नत परीक्षण विश्लेषण का लाभ उठाएं। उच्चतर स्कोर करने के लिए कौशल और रणनीतियों में महारत हासिल करें।

उच्च स्कोरिंग इतना आसान कभी नहीं रहा!

Embibe VLE स्कोरिंग ऐप की विशेषताएं:

1) ऑफ़लाइन ऐप जिसमें केवल प्रश्नों को डाउनलोड करने और अपने प्रयास डेटा को सिंक करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है
2) अध्याय-वार अभ्यास सत्र के साथ गुणवत्ता प्रश्न
3) मुख्य अवधारणाओं की सूची के साथ-साथ प्रत्येक प्रश्न के लिए समाधान और स्पष्टीकरण
4) वास्तविक समय प्रतिक्रिया से अपने प्रयास प्रभावशीलता में सुधार
5) विभिन्न प्रकारों की टेस्ट श्रृंखला जो वास्तविक परीक्षा के समान समान कठिनाई स्तर हैं
6) उन्नत परीक्षण विश्लेषण और प्रत्येक परीक्षण पर विस्तृत प्रतिक्रिया
7) टिप्स, ट्रिक्स और रणनीतियां से समय का प्रबंधन और अपनी गति और सटीकता में सुधार करें
8) अध्याय-वार विश्लेषण और प्रश्न-वार विश्लेषण से अपनी कमजोर अवधारणाओं पर सुधार
9) टेस्ट-ऑन-टेस्ट प्रदर्शन विश्लेषण गलतियों में अपने पैटर्न का विश्लेषण में व्यावहारिक अनुप्रयोग पता लगाने के लिए

यह कैसे काम करता है?

एप्लिकेशन एम्बिबे द्वारा संचालित है, एक ऐसा मंच जिसने भारत में ई-लर्निंग में क्रांति ला दी है। Embibe डेटा परीक्षण प्रदान करने के लिए उन्नत परीक्षण विश्लेषण का उपयोग करता है कि < b>सटीक क्षेत्रों में एक छात्र को पीछे छोड़ता है।

इस तकनीक का उपयोग करते हुए, Embibe VLE Scoring App को आपके परीक्षणों पर विस्तृत प्रतिक्रिया देने और आपकी पहचान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था:

1) अकादमिक कमजोरियाँ - आपकी शैक्षणिक प्रवीणता आपके स्कोर का ६० प्रतिशत बनाती है
2) व्यवहार संबंधी कमियां - आपके व्यवहार संबंधी मुद्दों पर काम करना, जैसे घबराहट और अति आत्मविश्वास, आपके स्कोर में 20 प्रतिशत तक सुधार कर सकते हैं
3) आपके परीक्षा लेने के कौशल में अनियमितता - सही प्रश्न, समय-प्रबंधन कौशल आदि का चयन करने की क्षमता जैसे कौशल आपके स्कोर को 20 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं।

Embibe VLE स्कोरिंग ऐप इन सभी पहलुओं पर विचार करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आप जितना संभव हो उतने उच्च स्कोर करने के लिए उन्हें मात दें।

अनुभव करने के लिए तैयार हो जाओ भारत का सबसे अच्छा परीक्षण प्रतिक्रिया और विश्लेषण । ईएमईबी वीएलई स्कोरिंग ऐप आपको सुधार के अपने सटीक क्षेत्रों को ट्रैक करने में मदद करेगा, ठीक वैचारिक त्रुटियों से लेकर लापरवाह गलतियों तक। यह आपको प्रत्येक परीक्षण के लिए अत्यधिक वैयक्तिकृत विश्लेषण प्रदान करेगा जो समझने में आसान है और जो सुनिश्चित करेगा -

1. बेहतर समय प्रबंधन
2. बेहतर गति और सटीकता
3. लापरवाह गलतियों का खात्मा
4. व्यवहार के मुद्दों के बारे में जागरूकता के कारण आप अंक खो देते हैं
5. सुधार के अपने क्षेत्रों के बारे में जागरूकता
6. बाद के परीक्षणों में बेहतर स्कोर के लिए रणनीति लेने के आसपास अंतर्दृष्टि

इन सभी सुविधाओं के साथ, Embibe VLE स्कोरिंग ऐप आपके समग्र विकास को सुनिश्चित करता है और आपके स्कोर में सुधार की गारंटी देता है।

नोट: Embibe VLE स्कोरिंग ऐप विशेष रूप से इंजीनियरिंग और मेडिकल उम्मीदवारों के लिए है जो जेईई मेन, एनईईटी, एम्स, जेईई एडवांस और विभिन्न अन्य राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। शुभकामनाएं!

डिजिटल मार्केटिंग वीडियो प्रोग्राम

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डिजिटल मार्केटिंग वीडियो प्रोग्राम एक व्यापक मार्केटिंग कोर्स है जिसमें डिजिटल मार्केटिंग के सभी बेहतरीन पहलू शामिल हैं। यह कोर्स विशेष रूप से छात्रों , मार्केटिंग पेशेवरों , व्यापार मालिकों और उद्यमियों को डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों को समझने और उनका उपयोग करने में मदद करने के लिए बनाया गया है। हमारे निजी बेहतरीन ई - लर्निंग कोर्स में , आप इस विषय को सीखने और वास्तव में व्यावहारिकता को लागू करने में सक्षम हैं।

डिजिटल मार्केटिंग उन सभी मार्केटिंग प्रयासों को अपने अंदर समेट लेता है जो इंटरनेट का उपयोग करते हैं। आज की टेक्नॉलजी ने दुनिया पर राज किया है , व्यवसाय डिजिटल चैनलों जैसे सर्च इंजन , सोशल मीडिया , ईमेल मार्केटिंग , और उनकी वेबसाइटों को संभावित ग्राहकों से जुड़ने के लिए निवेश करते हैं। इसने अब सभी के लिए एक नया व्यावसायिक विकल्प खोला है।

हमारे सभी वीडियो हाल ही में अपडेट किए गए संस्करण हैं जो बेहतरीन डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के सभी मुख्य मॉड्यूलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कोर्स के मुख्य मॉड्यूल वर्डप्रेस , एसईओ , Google Ads, बिंग Ads, सोशल मीडिया मार्केटिंग (8 नेटवर्क ), ईमेल मार्केटिंग , और बहुत कुछ हैं। हमारा कार्यक्रम परियोजनाओं में लागू करने के लिए सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों रणनीतियों के साथ बनाया गया है। हम कार्यक्रम में 25 से अधिक मॉड्यूल और 10 प्रमाणपत्र कवर करेंगे।

आप दुनिया के किसी भी कोने से अपने समय पर और आराम के साथ डिजिटल मार्केटिंग की ई - लर्निंग क्लासीस का लाभ उठा सकते हैं। हमारे परामर्शदाता से बात करने के लिए हमें 9676525444 पर कॉल करें। अपने ईमेल में सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए पूछताछ फॉर्म भरें।

खूंखार कुत्तों का आतंक : हिंसक व्यवहार के कारणों का विश्लेषण करेगी टीम, बनेगा निगरानी दल

सीतापुर : उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आंतक का पर्याय बन चुके खूंखार कुत्तों से निपटने के लिये जिला प्रशासन ने लोगों से निगरानी दल बनाने की अपील की है. जिले में ये कुत्ते अब तक छह बच्चों को अपना शिकार बना चुके हैं. जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने आज बताया कि प्रशासन ने बच्चों को कुत्तों के हमलों से बचाने के लिये लोगों से निगरानी दल बनाने की अपील की है. अब तक खूंखार कुत्तों का शिकार हुए बच्चों के बारे में विवरण जारी किया गया है और चश्मदीद लोगों के साथ-साथ निगरानी दलों ने भी कुत्तों के झुंड के बच्चों पर हमला करने की पुष्टि की है.

उन्होंने बताया कि अब तक 30 कुत्तों को पकड़कर लखनऊ के कान्हा उपवन में उनकी नसबंदी करायी गयी है। पशु जन्म नियंत्रण क्लीनिक कल से अपना काम शुरू कर देगा। भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान की एक टीम कुत्तों के इस हिंसक व्यवहार के कारणों का विश्लेषण करने के लिये कल जिले में आएगी और इसे एक केस स्टडी के रूप में लेगी. इस काम में उनकी मदद वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की टीम करेगी। जिलाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन कुत्तों को मार डालने का हिमायती नहीं है और ना ही ऐसी घटनाओं में शामिल है.

मालूम हो कि सीतापुर जिले में आदमखोर कुत्तों का आतंक है. ये कुत्ते आमतौर पर बागों, खेतों सुनसान इलाकों और यहां तक कि आबादी के अंदर भी लोगों खासकर बच्चों को अपना निशाना बना रहे हैं। अब तक छह बच्चे इन कुत्तों का शिकार बन चुके हैं जबकि कम से कम आठ अन्य जख्मी हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए इन्हें रोकने के सख्त निर्देश दिये हैं. पशु विज्ञानियों के मुताबिक कुत्तों के व्यवहार में आयी इस अप्रत्याशित आक्रामकता का मुख्य कारण उनकी प्रकृति के मुताबिक भोजन नहीं मिल पाना है और उनकी खाने सम्बन्धी आदत बदलना इतना आसान भी नहीं है.

भारतीय पशु विज्ञान संस्थान (आईवीआरआई) के निदेशक डॉक्टर आर. के. सिंह के मुताबिक, पहले बूचड़खाने चलते थे, तो कुत्तों को जानवरों के बचे-खुचे अवशेष खाने को मिल जाया करते थे. लेकिन बूचड़खाने बंद होने और लोगों द्वारा मांस के सेवन के बाद बचने वाली हड्डियां एवं दूसरे अवशेष खुले में नहीं फेंके जाने की वजह से धीरे-धीरे कुत्तों के भोजन में कमी आ गयी है, इसीलिए यह दिक्कत पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले कुत्तों के इस कदर आक्रामक होने की बात सामने नहीं आयी थी. हालांकि सीतापुर में हमलावर कुत्तों को आदमखोर कहना सही नहीं होगा. यह मुख्यतः ‘ह्यूमन एनीमल कांफ्लिक्ट' का मामला है.

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