शोध दिशानिर्देश

आयोग के अधिनियम के अनुसार इससे यह अपेक्षित है कि मानव अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा दे। (अधिनियम का खण्ड 12 (जी))। तद्नुसार यह विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से अनुसंधान अध्ययन आयोजित करता है। आयोग युवा अंत:शिक्षुओं को अपने अनुसंधान कार्य में भागीदारी करने के लिए सूचीबध्द भी करता है। आयोग के लिए यह काफी महत्तवपूर्ण हो गया है कि अनुसंधान को उन विषयों के साथ जोड़े जिनका मानव अधिकारों के बेहतर संरक्षण के लिए व्यावहारिक महत्तव हो। अत: आयोग का यह प्रयत्न रहता है कि ऐसे अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करे जिनकी बनावट जमीनी स्तर पर किए जाने वाले व्यावहारिक कदमों तकनीकी और मौलिक अनुसंधान की संभावना के इर्द-गिर्द हो। इसलिए अनुसंधान का उद्देश्य न केवल जमीनी वास्तविकताओं का पता लगाना, डाटा बेस बनाना आदि है बल्कि देश में ऐसा नेटवर्क बनाना भी है जिसे मानव अधिकारों के संवर्ध्दन एवं संरक्षण् तथा उन अधिकारों के हनन का सामना करने के लिए सक्रिय किया जा सके। हर वर्ष आयोग कई अध्ययनों को प्रायोजित करता है तथा अल्प/दीर्घावधि अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित करने के लिए इसने दिशा-निर्देश दिए हैं।

Technical Analysis Kya hai ?

तकनीकी विश्लेषण में क्या शामिल है? तकनीकी विश्लेषण में क्या शामिल है?

मौलिक(Fundamental ) और तकनीकी(Technical ) विश्लेषण दो बुनियादी प्रकार के बाजार विश्लेषण हैं। शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। तकनीकी विश्लेषण का उपयोग अन्य बातों के अलावा स्टॉक मूल्य में उतार-चढ़ाव, प्रवृत्तियों और ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच के लिए किया जा सकता है।

तकनीकी विश्लेषण (मौलिक विश्लेषण के विपरीत) का उपयोग वित्तीय बाजार की गतिविधियों का शीघ्रता से विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। यह पिछले वॉल्यूम और मूल्य आंदोलन डेटा का उपयोग करके वित्तीय बाजार की कीमतों की दिशा की भविष्यवाणी करने की एक तकनीक है। ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर स्टॉक की चाल का अनुमान लगाया जा सकता है। स्टॉक अस्थिरता के चार्ट का विश्लेषण किया जा सकता है।

Technical Analysis Vs Fundamental Analysis

तकनीकी विश्लेषण का फोकस ऐतिहासिक डेटा पर है। पिछले मूल्य और वॉल्यूम डेटा के आधार पर तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करके स्टॉक रुझानों का आकलन किया जा सकता है। दूसरी ओर, मौलिक विश्लेषण में कंपनी के वित्तीय खातों, व्यवसाय मॉडल, प्रबंधकीय क्षमताओं आदि का अध्ययन शामिल है।

मौलिक विश्लेषण का मुख्य लक्ष्य किसी फर्म में लंबे समय तक निवेश करने के लिए समय से पहले पूर्वानुमान बनाना है। तकनीकी विश्लेषण भी लंबी अवधि के निवेश करने में आपकी सहायता कर सकता है।

दूसरी ओर, आप केवल तकनीकी विश्लेषण सीख सकते हैं यदि आप अल्पावधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। आइए अब कुछ और तकनीकी विश्लेषण बुनियादी बातों पर एक नज़र डालें।

अल्पकालिक निवेशकों या व्यापारियों को तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करना चाहिए, जबकि दीर्घकालिक निवेशकों को मौलिक विश्लेषण का उपयोग करना चाहिए। मूल्य और मात्रा की सहायता से, आप सर्वोत्तम दीर्घकालिक प्रवेश और निकास निर्णय ले सकते हैं।

बार के साथ ग्राफ

एक बार चार्ट का उपयोग किसी विशिष्ट समय पर स्टॉक या स्टॉक की गति को निर्धारित करने के लिए किया जाता है; यह एक विशिष्ट समय अवधि (15 मिनट, 1 घंटा, 1 दिन, आदि) के लिए स्टॉक, कमोडिटी या एफएक्स शेयर का उद्घाटन, उच्च और निम्न है।

मुझे पता था, मैंने ले लिया, और मैंने सौदा बंद कर दिया। तकनीकी विश्लेषण स्टॉक की कीमत, बार चार्ट या चार्ट की किसी अन्य शैली, जैसे कैंडलस्टिक या लाइन चार्ट की गति को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

एक पंक्ति में ग्राफ

एक लाइन चार्ट बार चार्ट या कैंडलस्टिक चार्ट से अलग होता है। स्टॉक की कीमत की गति को मापने में आपकी सहायता करने के लिए लाइन चार्ट पर एक लाइन को दर्शाया गया है, जैसा कि नाम में है। बार और कैंडलस्टिक चार्ट की तुलना में लाइन चार्ट को समझना अधिक कठिन होता है।

कैंडलस्टिक का चार्ट(Candlestick Chart )

बार चार्ट की तरह, कैंडलस्टिक चार्ट मूल्य परिवर्तन दर्शाते हैं। यह एक निश्चित अवधि (15 मिनट, 1 घंटा, 4 घंटे आदि) के लिए स्टॉक, कमोडिटी या फॉरेक्स शेयर के ओपनिंग, हाई, लो और क्लोज (OHLC) को निर्धारित करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।

बार चार्ट में स्टॉक को तकनीकी और मौलिक अनुसंधान बार द्वारा दर्शाया जाता है। कैंडलस्टिक चार्ट में, शेयर की कीमत को मोमबत्तियों द्वारा दर्शाया जाता है। कैंडलस्टिक चार्ट तकनीकी और मौलिक अनुसंधान बार चार्ट, लाइन चार्ट और अन्य प्रकार के चार्ट की तुलना में व्याख्या करना आसान होता है। एक तेजी के बाजार में, मोमबत्तियां हरी होती हैं, जबकि एक नकारात्मक बाजार में, मोमबत्तियां लाल होती हैं।

Affiliate Marketing Meaning in Hindi।Affiliate Marketing Kya haiAffiliate Marketing Meaning in Hindi।Affiliate Marketing Kya hai

अंक और अंकों के साथ आरेख (Diagram with points and figures)

अंक और आंकड़ों के साथ आरेख बार चार्ट, जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, स्टॉक मूल्य में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ग्राफिक का एक प्रकार है। 1898 में प्रकाशित अपनी पुस्तक “हॉयल” में लेखक “हॉयल” ने इस तकनीक का परिचय दिया। नतीजतन, इसका उपयोग पुरानी चार्टिंग तकनीक में किया जाता है।

इस चार्ट दृष्टिकोण में, दो प्रकार के आंकड़े हैं: शून्य और क्रॉस। शून्य संख्या का उपयोग लाल बाजार, यानी मंदी के बाजार को दर्शाने के लिए किया गया है। क्रॉस को हरे रंग के रूप में तकनीकी और मौलिक अनुसंधान प्रदर्शित किया जाता है, जो एक तेजी से बाजार का संकेत देता है।

तकनीकी विश्लेषण बुनियादी शब्दावली

Bear Market – बैल शब्द का तात्पर्य किसी ऐसे व्यक्ति से है जो बुलिश हो। बुल एक शब्द है जिसका इस्तेमाल शेयर बाजार में एक ऊपर की ओर प्रवृत्ति की दिशा में शेयर बाजार की गति का वर्णन करने के लिए किया जाता है।

(Bear Market) एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ है “मंदी”। शेयर बाजार के शब्दजाल तकनीकी और मौलिक अनुसंधान में, मंदी का मतलब है कि शेयर बाजार का रुझान नीचे जा रहा है।

इंट्राडे – डे ट्रेडर्स को इंट्राडे ट्रेडर्स के रूप में भी जाना जाता है। इस रणनीति में भाग लेने के लिए आपको बाजार खुलने के बाद शेयर खरीदना चाहिए और बाजार बंद होने से पहले शेयर बेचना चाहिए। शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब एक ही दिन में एक ही स्टॉक को खरीदना और बेचना है।

स्विंग ट्रेडिंग को आज एक स्टॉक खरीदने और इसे बेचने से पहले एक सप्ताह से अधिक समय तक रखने के रूप में परिभाषित किया गया है।

पोस्टेशनल ट्रेडिंग – शेयर बाजार में, पोस्टियन ट्रेडिंग आज एक स्टॉक खरीद रहा है और इसे बेचने से पहले एक से तीन महीने तक रखता है।

तकनीकी और मौलिक अनुसंधान

prl logo

prl logo

हिंदी अनुभाग

भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पी.आर.एल.) का हिंदी अनुभाग भारत सरकार की राजभाषा नीतियों का सुचारु कार्यान्वयन एवं अंतरिक्ष विभाग के संबंधित आदेशों के तकनीकी और मौलिक अनुसंधान परिपालन हेतु प्रतिबद्ध है। राजभाषा गतिविधियों में नगर स्तर पर पी.आर.एल को कई बार पुरस्कार प्राप्त होना, इस प्रदिबद्धता को प्रतिपादित भी करता है। हिंदी अनुभाग पी.आर.एल. का एक महत्वपूर्ण एवं अभिन्न अंग है।

नए भर्ती होने वाले स्टाफ सदस्यों की राजभाषा संबंधी ज्ञान एवं आवश्यकता को ध्यान में रखने से लेकर महत्वपूर्ण बैठकों एवं समय-समय पर हिंदी प्रचार-प्रसार संबंधी विभिन्न प्रोत्साहनवर्धक कार्यक्रम आयोजित करना, प्रशिक्षण, निरीक्षण में सहायता प्रदान करना भी इस अनुभाग के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। अन्य तात्कालिक एवं समयबद्ध कार्यों में मुख्य है अनुवाद कार्य जिनमें, संस्था के वार्षिक प्रतिवेदन से लेकर विभिन्न बैठकों की कार्यसूची, कार्यवृत्त, दैनंदिन सूचना, सामान्य आदेश एवं राजभाषा नियमावली धारा 3(3) के अंतर्गत विभिन्न दस्तावेज तैयार करना, इत्यादि शामिल हैं। पी.आर.एल. वैज्ञानिक कार्यों की एक अग्रणी संस्था है जिससे विज्ञान विषय संबंधी अनुवाद विशेष तकनीकी अनुवाद होता है, जिसे हिंदी अनुभाग पूर्ण कौशल के साथ सम्पादित करता आया है। संस्था के विभिन्न अनुभागों द्वारा हिंदी में पत्राचार एवं अन्य लक्ष्यों तकनीकी और मौलिक अनुसंधान की प्राप्ति के लिए समय-समय पर आंतरिक निरीक्षण की व्यवस्था भी इस अनुभाग के मुख्य कार्यों का एक भाग है। पी.आर.एल. की हिंदी पत्रिका “विक्रम” का प्रकाशन एवं मौलिक हिंदी पुस्तक लेखन संबंधी बुनियादी सहायता तकनीकी और मौलिक अनुसंधान का उत्तरदायित्व भी हिंदी अनुभाग पर है। इसके अलावा हिंदी पखवाड़ा एवं हिंदी तकनीकी संगोष्ठी बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं।

तकनीकी और मौलिक अनुसंधान

#

Launched in 1952, Vigyan Pragati has entered the 67 year of its publication in 2019. Vigyan Pragati endeavours to familiarize its readers with important current events/issues in the field of science in an easy-to-understand manner. The keen interest of the readers is well evident by their feedback through the incessant inflow of तकनीकी और मौलिक अनुसंधान letters. Articles from experts were published on several topical issues to apprise readers of the latest developments.

With its theme as "Science for common man", it presents objectively the contributions of Indian S&T in different fields of human welfare as well as their impact on society. Vigyan Pragati publishes special numbers on various topical issues. How popular this magazine is, can easily be gauged by its circulation which stands today highest amongst all Indian popular science magazines. More than 10 to 11 lakh readers of this magazine are located in far flung areas of the country and a few across the boundaries of India.

Subscription:

Inland: Rs. 30.00 (Single Copy), Rs.300.00 (1 year), Rs.570.00 (2 years), Rs.810.00 (3 years)

Foreign: US$ 90 (1 year)

Editorial Staff: Editor Dr. Balak Ram, E-mail: [email protected]

तकनीकी और मौलिक अनुसंधान

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 10वां दीक्षान्त समारोह वर्चुअल आयोजित

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 10वां दीक्षान्त समारोह वर्चुअल आयोजित

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालयों को उद्योग, कृषि एवं तकनीक से जुड़े ज्ञान को समाहित करते हुए रोजगारपरक एवं कौशल विकास के नये पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी से समयानुरूप व्यवसायिक और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध हो सकेगी।

राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के दसवें वर्चुअल दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हमारे युवा इंजीनियर्स तकनीकी कौशल से तकनीकी और मौलिक अनुसंधान दक्ष होने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों से भी समृद्ध हों, इसके लिए तकनीकी शिक्षा में संस्कार नैतिक शिक्षा, आपदा प्रबंध एवं आनन्दम जैसे विषयों का समावेश जरूरी है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया‘ और आत्मनिर्भर भारत की सोच को साकार करने के लिए युवा इंजीनियर्स पर बड़ी जिम्मेदारी है। युवा प्रतिभाएं शिक्षा प्राप्त कर अपने ज्ञान का उपयोग विदेशों में नहीं कर अपने देश की उन्नति के लिए करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को भारत-केन्द्रित तकनीकी ज्ञान और कौशल से सम्बंधित विशेषज्ञ पाठ्यक्रम विकसित करने चाहिए जिससे देश के स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का देश में ही अधिकतम उपयोग हो सके। उन्होंने परम्परागत तकनीकी ज्ञान का विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने की अलग से व्यवस्था करने का सुझाव भी दिया ताकि वे यह जान सकें कि ज्ञान, विज्ञान तकनीकी और मौलिक अनुसंधान और तकनीक के क्षेत्र में हम आरंभ से ही कितने समृद्ध थे।

तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के तकनीकी विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण और तकनीकी और मौलिक अनुसंधान शोधपरक शिक्षा को बढ़ावा देकर मौलिक अनुसंधान के लिए अनुकूल माहौल विकसित करें और नये-नये पेटेन्ट हासिल करने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को राजस्थान के ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभान्वित करने के लिए ‘टेक्नोलॉजी हब‘ स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।

राष्ट्रीय प्रत्यायन मण्डल (एनबीए) के चेयरमैन प्रो. के.के. अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन की पढ़ाई को कला, मानविकी एवं कृषि जैसे विषयों से जोड़ते हुए अंर्तअनुशासन ज्ञानार्जन को प्रोत्साहित किये जाने पर बल दिया। कुलपति प्रो. आर.ए. गुप्ता ने अपने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

रेटिंग: 4.55
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 220