Gold ETF in Hindi गोल्ड ईटीएफ के बारे में जानिए
Gold ETF kya hai, details of Gold ETF in Hindi – ऐसा अक्सर देखा गया है की भारतीयों को सोने या सोने से बने आभूषणो से बहुत प्यार होता है। एक ऐसे इंसान को ढूंढ़ना बहुत मुश्किल होगा जिसने कभी सोने में निवेश न किया हो। भारतीये सालो से सोने में निवेश करते आ रहे है और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड अब आप सोच रहे होगें की कैसे तो मैं आपको बतादू सोना खरीद के रखना भी एक तरह से सोने में निवेश करना होता है। क्यूंकि खरीद के सोने को रखने का एक ही मकसद होता भविष्य में जरुरत पड़ने में उसको इस्तेमाल किया जा सके। अब वह जरुरत कुछ भी हो सकती है बच्चो की शादी या भविष्य में होने वाले वित्तीय संकट को पूरा करने क लिए।
लोगो की ऐसी सोच को देखते हुए अब कंपनियों से गोल्ड ईटीएफ (ETF) लांच कर दिया है। सोना खरीदने से पहले यह जाना बहुत जरुरी है की हम सोना किस लिए खरीद रहे है जैसे की कुछ लोग सोना अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए खरीदते है अगर आप इसलिए खरीद रहे तो आपको सोना भौतिक रूप (physical form) में खरीदना चाहिए। लेकिन अगर आप सोना खरीद रहे ताकि सोने के दाम में आए उतार या चढ़ाव का फायदा उठा सके तो मैं आपको यही सलाह दूंगी कि आप Gold ETF (Exchange Traded Fund) या स्वर्गीय गोल्ड बांड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) में निवेश करे।
‘गोल्ड ईटीएफ’ क्या हैं – Gold ETF Kya Hai
दरअसल गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को अनुमति है देता है की वह सही रकम में गोल्ड की ट्रेडिंग कर पाए वह भी dematerialized रूप में। अगर में सीधे शब्दो में कहूँ तो गोल्ड ईटीएफ (विनिमय व्यापार फंड) एक निवेश विकल्प है जिसमें आप ऑनलाइन सोने की ट्रेडिंग करते है। आप ऑनलाइन सोने को कभी भी खरीद सकते है और ख़रीदे हुए सोने को जब चाहे तब बेच सकते है। ख़रीदा हुआ सोना आपके डीमैट खाते में रखा जाता है। जैसे आप शेयर की ट्रेडिंग करते है उसी तरह से गोल्ड ईटीएफ में भी ट्रेडिंग होती है।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश कैसे करें?
गोल्ड ईटीएफ को शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज जैसे एनएसई या बीएसई में खरीदा और बेचा जा सकता है जैसे नियमित स्टॉक। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने में सक्षम होने के लिए शेयर ब्रोकर के जरिए किसी को डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।
Gold ETF के फायदे
1. शुद्धता की गारंटी
भौतिक रूप में यदि आप गोल्ड खरीदते गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड है तो उसमे शुद्धता की गारंटी मिलना मुश्किल होता है बल्कि जब आप गोल्ड डिजिटल रूप में खरीदते है मिलावट की कोई आशंका नहीं होती है।
2. कम मात्रा में खरीद
जब आप गोल्ड ईटीएफ के जरिये सोना खरीदते है तो एक ग्राम से लेकर आधा ग्राम के यूनिट तक खरीद सकते है। वही सोने को फिजिकल रूप में छोटे या बड़े मात्रा में खरीदना असुविधाजनक हो जाता है।
3. खरीदने में आसान
गोल्ड ईटीएफ आप घर बैठे भी खरीद सकते है, और आपको सोना खरीदने के लिए सुनार के पास जाने की आवश्यकता नहीं है।
4. बेचना आसान
भौतिक गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड को बेचना आसान है। आपने अक्सर देखा होगा की जब आप अपने सुनार से सोना खरीदने जाते है तोह वह आपको एक अलग मूल्य बताता है वही अगर आप सोना बेचने जाते है तो वह आपको अलग मूल्य बताता है और एक चीज़ जो अपने ध्यान दे होगी कि हमेशा बेचने का मूल्य ख़रीदने क मूल्य से कम होता है। लेकिन यदि आप गोल्ड ईटीएफ खरीदते है तो ऐसा कभी नहीं होगा।
XAU/USD - गोल्ड स्पॉट अमरीकी डॉलर
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XAU/USD - गोल्ड स्पॉट अमरीकी डॉलर समाचार
चेन्नई, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारतीय संस्थाएं अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी), गुजरात में मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों पर.
लौरा सांचेज़ द्वारा Investing.com - यूरोपीय बाजारों में बुधवार को उतार-चढ़ाव रहा - IBEX 35, CAC 40, DAX. - कल वॉल स्ट्रीट में गिरावट के एक सत्र के बाद 2023 के लिए विभिन्न.
लिज़ मोयर द्वारा Investing.com - अमेरिकी शेयर कम कारोबार कर रहे थे क्योंकि फेडरल रिजर्व द्वारा अगले सप्ताह के ब्याज दर के फैसले से पहले निवेशक रुके थे। 9:47 ET (14:47 GMT) पर, डॉव.
XAU/USD - गोल्ड स्पॉट अमरीकी डॉलर विश्लेषण
Investing.com द्वारा ट्रैक की गई 34 में से 17 कमोडिटी वार्षिक घाटा दर्शाती हैं स्लाइड आती है क्योंकि डॉलर की रैलियां नए सिरे से इस धारणा पर होती हैं कि फेड 2023 में फिर से.
वार्ता के बाद कल सोना -0.64% गिरकर 53505 पर बंद हुआ क्योंकि भारत का व्यापार मंत्रालय अवैध शिपमेंट पर लगाम लगाने के लिए सोने पर आयात करों में कमी पर चर्चा कर रहा है। कीमती धातु के.
सोना ने पिछले महीने से बढ़ना शुरू किया, नवंबर को बहुत मजबूत नोट पर समाप्त किया। लेकिन यहां और भी बहुत कुछ हो रहा है। सोना एक प्रमुख मूल्य प्रतिरोध स्तर पर बंद हुआ—और न केवल किसी.
तकनीकी सारांश
कैंडलस्टिक पैटर्न
आर्थिक कैलेंडर
करेंसी एक्स्प्लोरर
XAU/USD आलोचनाए
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Dhanteras 2021 : डिजिटल गोल्ड में निवेश के तरीके, सोने के बाजार भाव पर रिटर्न तथा बाॅन्ड में ब्याज मिले अलग से
चाेरी या मेकिंग चार्च कटने के डर से सोने में पैसा लगाने से कतराते हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश एक अच्छा तरीका है। आजकल डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई तरीके हैं। आइए जानते हैं इनमें इनवेस्टमेंट के तरीके तथा इसके फायदे.
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड में इनवेस्टमेंट करने के बहुत सारे फायदे हैं। डिजिटल इंडिया के युग में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके मौजूद हैं। सबसे पहला तरीका है म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। इसमें आप 100 रुपये से लेकर जितनी मर्जी हर महीने की एसआईपी कर सकते हैं या फिर जब सोने के भाव गिरे निवेश करते जाएं। इसमें आप ग्रोथ या डिविडेंट ऑप्शन चुन सकते हैं। ग्रोथ ऑप्शन में रिटर्न का लाभांश उसी फंड में निवेश कर दिया जाता है, जिससे आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। इस ऑशन में लंबी अवधि में तेजी से पैसा बढ़ता है। जबकि डिविडेंट ऑप्शन में हर महीने या नियत समय पर लाभांश का लगातार भुगतान किया जाता है। गोल्ड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड की एनएवी सोने के डेली भाव पर ही आधारित होती है।
आम के आम गुठलियों के दाम : डिस्काउंट के साथ साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड में निवेश, ब्याज के साथ रिटर्न टैक्स फ्री
दूसरा तरीका साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड (एसजीबी) का है। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एसजीबी जारी करता है। आरबीआई गोल्ड बाॅन्ड में निवेश करते समय कुछ डिस्काउंट देता है तथा साधारण ब्याज भी देता है। इसके अलावा जब भी आप गोल्ड बाॅन्ड भुनाते हैं तो आपको सोने के मार्केट रेट पर भुगतान किया जाता है। यानी आम के आम गुठलियों के दाम। साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड स्कीम 2021-22 सीरीज के तहत भारत सरकार की ओर से आरबीआई 29 नवंबर से 3 दिसंबर, 2021 तक सब्सक्राइब करने का मौका दे रही है। इसके अलावा 10 से 14 जनवरी, 2022 तथा 28 फरवरी से 4 मार्च, 2022 के दौरान भी एसजीबी में निवेश किया जा सकेगा।
साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड के फायदे तथा संबंधित जरूरी बातें
- गोल्ड बाॅन्ड भुनाने पर मिलने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड वाला रिटर्न टैक्स फ्री
- सोना रखने के लिए लाॅकर के किराए की बचत
- सोने के चोरी होने का डर नहीं
- बाॅन्ड जारी करते वक्त निवेशित राशि पर साधारण वार्षिक ब्याज तय होगा जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा।
- कम से कम एक ग्राम सोने के लिए बाॅन्ड खरीदना होगा। एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा चार किलोग्राम तक के गोल्ड बाॅन्ड में निवेश कर सकता है।
- एसजीबी की अवधि आठ वर्ष की होगी लेकिन पांच वर्ष में भी इसे भुनाया जा सकता है।
- बाॅन्ड डिमेट अकाउंट में रखकर सेबी (स्टाॅक एक्सचेंज बोर्ड) के नियमों के तहत आप स्टाॅक एक्सचेंज में उसकी ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्ट के तहत बाॅन्ड एक से दूसरे को ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
जोखिम कर डर नहीं बिंदास करें इनवेस्टमेंट तथा ट्रेडिंग : गोल्ड ईटीएफ में निवेश मतलब गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड खरीदने-बेचने की आजादी
सोने में डिजिटली निवेश का यह भी एक तरीका है। दरअसल यह म्यूचुअल फंड ही होता है जिसकी आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की तरह इसमें भी छोटे निवेशक इनवेस्ट कर सकते हैं। यहां एसजीबी की तरह कम से कम एक ग्राम सोना खरीदने की अनिवार्यता नहीं होती। साथ ही म्यूचुअल फंड की तरह इसे खरीदने बेचने के लिए दो से तीन दिन का वेट नहीं करना पड़ता। इसकी बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज या नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज पर वर्किंग डे में सुबह 9.15 बजे से शाम 3.30 बजे तक करेंट रेट पर ट्रेडिंग यानी खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। इसमें आप निवेश करके कई साल तक के लिए छोड़ भी सकते हैं। यानी यह ट्रेडिंग के साथ-साथ इनवेस्टमेंट का भी एक बेहतरीन जरिया है। इसके लिए आपके पास डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है।
जोखिम पसंद है तो ही करें गोल्ड ट्रेडिंग : एमसीएक्स पर भी कर सकते हैं डिजिटली गोल्ड की ट्रेडिंग
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर आप डिमेट तथा ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए फ्यूचर गोल्ड की ट्रेडिंग कर सकते हैं। यहां आप एक ग्राम, आठ ग्राम तथा एक किलोग्राम सोने के लाॅट की ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें आपको सोने के भाव का तकरीबन 10-12 प्रतिशत मार्जिन राशि देकर एक्सपायरी डेट तक ट्रेडिंग की सहुलियत मिलती है। यहां बस इतना ध्यान रखना होता है कि एक्सपायरी से पहले आपको लाभ या हानि जो भी हो उसका सेटलमेंट करना होता है। नहीं तो कुछ मामलों में सोने के बराबर राशि का भुगतान करके फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी लेनी पड़ सकती है।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल गोल्ड में डिजिटली निवेश के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए है। यह लेख रिटर्न की गारंटी नहीं देता। गोल्ड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने, बीएसई तथा एनएसई में गोल्ड ईटीएफ की खरीद-फरोख्त या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में गोल्ड की ट्रेडिंग से पहले अपने इनवेस्टमेंट अडवाइजर से सलाह जरूर लें।
Gold म्यूचुअल फंड vs Gold ETF vs SGB: कहां निवेश करना है बेहतर?
सोने में कैसे करें निवेशः फिजिकल सोने रखने की बजाय गोल्ड ETF, गोल्ड म्यूचुअल फंड, सॉवरेन गोल्ड बोन्ड निवेश का एक अच्छा तरीका है.
- Paurav Joshi
- Publish Date - August 5, 2021 / 05:52 PM IST
image: Unsplash, MCX पर सिल्वर का सितंबर डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट का भाव 359 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 63,233 रुपये प्रति किलो पर चला गया.
अक्षय तृतीया, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारो पर या कोइ भी शुभ दिन पर लोग ज्यादातर फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते है. लेकिन फिजिकल रुप में सोने को रखने से उसको स्टोर करना पडता है. ज्वेलरी बनाने में मेकिंग चार्जिस लगते हैं. सोने में मिलावट का भी खतरा रहता है तो सोने में निवेश के कइ और तरीके भी है जिसको हम अपना सकते हैं. जैसे गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB).
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) एक पैसिव इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है जिसका उद्देश्य घरेलू सोने की कीमत को ट्रैक करना है. एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर है और इसकी प्योरिटी 99.5 फीसदी होती है. Gold ETF फिजिकल गोल्ड या गोल्ड माइनिंग/रिफाइनिंग वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. गोल्ड इटीएफ लिक्विडिटी बनाये रखने के लिए अपना कुछ हिस्सा यानी 0-10 प्रतिशत डेट सिक्युरिटीज में इंवेस्ट करते हैं.
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता (Demat Account) होना चाहिए. अगर आप कीमती धातु में निवेश करने के लिए कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प तलाश रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ को सही विकल्प माना जाता है. ईटीएफ को एक्सचेंज पर सक्रिय रूप से खरीदा-बेचा जाता है. कीमतें अक्सर ट्रेडिंग एक्टिविटी पर निर्भर करती हैं. इस तरह गोल्ड ईटीएफ की कीमतें सोने से अलग होती हैं. गोल्ड इटीएफ में एक्सपेंस रेशियो करीब 0.5% से 1% होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund)
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund) फंड ऑफ फंड स्ट्रक्चर पर काम करता है जो मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ में अंडरलाइन एसेट के रूप में निवेश करता है. आप सीधे ऑनलाइन मोड या डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सुविधा गोल्ड ईटीएफ के साथ उपलब्ध नहीं है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड में आप किस्तों में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड सोना खरीद सकते और इसका मूल्य NAV में प्रदर्शित होता है. इसमें 500 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप कम पैसे में सोने में नियमित निवेश करने की तलाश कर रहे हैं तो एक गोल्ड फंड एक बेहतर और अच्छा विकल्प है, इसके अलावा एक्जिट लोड की बात करें तो एक साल के अंदर पैसा निकालने पर 1% से 2% एक्जिट लोड लग सकता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
इन बॉन्ड्स को आरबीआइ इश्यू करता है और ये काफी सिक्योर भी है इतना ही नहीं इस पर वार्षिक 2.5% ब्याज भी मिलता है. इटीएफ की तरह इसमें भी मिनिमम इंवेस्टमेंट 1 ग्राम का करना होगा. यदि बच्चों की उच्च शिक्षा शादी-विवाद के खर्च के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड बॉन्ड लंबी अवधि में बेहतर विकल्प है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमतें 24 कैरेट सोने की मौजूदा बाजार कीमतों से सीधे जुड़ी होती हैं. लेकिन, ज्यादातर एसजीबी अमूमन सोने की असली कीमतों से कम पर ट्रेड करते हैं. लो लिक्विडिटी इसका बड़ा कारण है. वैसे तो एसजीबी भी एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं. खरीदार 8-12 फीसदी तक के डिस्काउंट पर गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड के साथ एक और फायदा यह है कि बॉन्ड पर कैपिटल गेंस पर पूरी तरह से टैक्स छूट है. शर्त यह है कि इन्हें आठ साल के लिए रखा जाए. इसको कोलेटरल रख कर आप लोन भी ले सकते हैं.
IIBX: ग्लोबल गोल्ड एक्सचेंज से क्या फायदा- सीधे सीईओ अशोक गौतम से जानिए
India International Bullion Exchange भारत का पहला गोल्ड एक्सचेंज है जिसपर फिजिकल सोने और चांदी की बिक्री होगी.
सोना यानी गोल्ड भारतीयों के दिल के करीब है, हर कोई थोड़ा ही सही लेकिन गोल्ड जरूर रखता है, कई लोग इसे निवेश की नजर से देखते हैं तो कई इसे शुभ..शगुन भी मानते हैं. खबर ये है कि भारत ने पहला ग्लोबल गोल्ड गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड एक्सचेंज (India International Bullion Exchange, IIBX) लॉन्च कर दिया है, इसकी घोषणा दो साल पहले हुई थी. लेकिन ये गोल्ड एक्सचेंज आपकी जेब पर क्या असर करेगा.. जेब पर असर.. बिल्कुल हर सोमवार हम आपकी जेब से जुड़ी खबर को विस्तार में बताते हैं और हफ्ते की बड़ी खबरों पर भी नजर डालते हैं जो आपके जेब से जुड़ी है.
पहली खबर- म्यूचुअल फंड के निवेशक या जो निवेश करने वाले हैं और अभी नॉमिनी देना चाहते हैं या नॉमिनेशन से बाहर आना चाहते हैं तो इससे जुड़ी सुविधा फिलहाल बंद हैं. नए नियम के तहत म्यूचुअल फंड निवेशकों को म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा नॉमिनेशन फॉर्म या ऑप्ट आउट डिक्लेरेशन फॉर्म का विकल्प देने का प्रावधान किया गया है. यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा.
बैंकिंग में पहले के मुकाबले फ्रॉड के मामलों में गिरावट आई है. ये फ्रॉड हजारों करोड़ का है. RBI के मुताबिक बैंकिंग में 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी में गिरावट है. वित्त वर्ष 2021-22 में फ्रॉड की संख्या 265 से घटकर गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड 118 रही. इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंक्स शामिल हैं.
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि RBI ब्याज दर बढ़ा रहा है जिससे महंगाई कम होने में मदद मिलेगी. सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य और ईंधन में है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और विदेशी कर्ज भी कम हैं. बता दें कि हमारे फॉरेन रिजर्व में 571 अरब डॉलर रह गया है.
अब बात करते हैं गोल्ड एक्सचेंज की पीएम मोदी ने 29 जुलाई को गिफ्ट सिटी यानी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में भारत के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) को लॉन्च किया. इस एक्सचेंज पर फिजिकल सोने और चांदी की बिक्री होगी.
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज या गोल्ड एक्सजेंच. इसमें बुलियन का मतलब हाई प्यूरिटी का सोना या चांदी जो बिस्किट, ईंट के आकार या सिक्कों के रूप में होता है.
देखिए सोने को आयात अब तक सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता था. मतलब कुछ बैंक और केंद्रीय बैंकों की तरफ से मंजूर की गई नॉमिनेटेड एजेंसियों को ही सोने को सीधे आयात करने की मंजूरी थी. लेकिन इस बुलियन एक्सचेंज की मदद से क्वालिफाइड ज्वैलर्स सीधे इसका आयात कर सकेंगे. ये एक्सचेंज आपको सोने और चांदी को स्टोर करने के लिए भी बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर देगा.
लेकिन इस एक्सचेंज पर आप और हम ट्रेड नहीं कर पाएंगे. मसलन इसके लिए आपको क्वालीफाइड ज्वैलर होना पड़ेगा. क्वालिफाइड ज्लैर की नेट वर्थ कम से कम 25 करोड़ होनी चाहिए और भी मानदंडों को पूरा करना होगा. इसके अलावा NRI, प्रोपाइटरशिप फर्म, रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म,
प्राइवेट/पब्लिक लिमिटेड कंपनी, आदी..इस पर ट्रेड कर पाएंगे.
आप पूछेंगे साहब जब हम ट्रेड ही नहीं कर पाएंगे तो हमारा फायदा कैसा?
वो अइसा कि इस एक्सचेंज पर जो सोना ट्रेड होगा वही रिटेलर्स के पास आएगा और चेन के मुताबिक आपके पास. एक्सचेंज का फायदा ये है कि इसपर हर क्वालिटी का सोना ट्रेड नहीं होगा, केवल हाई क्वालिटी का सोना ही मिलेगा यानी आप तक हाई प्यूरिटी वाला सोना ही पहुंचेगा, ट्रांस्परेंसी होगी, और भारत को सोने की कीमत तय करने को मिलेगा. अब तक क्या होता है सब जगह सोने का भाव एक-सा नहीं होता. हम विदेशी बाजार के आधार पर कीमत तय करते हैं लेकिन इस एक्सचेंज पर ट्रेड होने से कीमतें भारत तय कर सकेगा, कीमत को लेकर आपका संकोच खत्म होगा.
इस एक्सचेंज पर ट्रेडिंग डॉलर में भी हो सकेगी यानी भारत के एक्सचेंज पर दोनों- सोना खरीदने और बेचने वाला विदेशी हो सकता है. यानी हम बुलियन का हब बन सकेंगे. इससे भारत में निवेश आएगा, कारोबार बढ़ेगा और नई नौकरियां भी पैदा हो सकेंगी. गोल्ड लोन लेना भी आसान होगा.
इस एक्सचेंज की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि भारत गोल्ड का बहुत बड़ा कंज्यूमर है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में सोने की मांग सालाना आधार पर 43% अधिक रही. यानी 170 टन. भारत में सोने के गहनों की मांग 49% बढ़कर 140 टन रही. दूसरी ओर ग्लोबल लेवल पर सोने की मांग 8% घटी है. अब देखिए मांग 170 टन है और भारत केवल 1.5 टन गोल्ड ही माइन करता है. बाकी सारा इंपोर्ट होता है.
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