इस कड़ी में, गाथा की सह-संस्थापक शिवानी धर बताती हैं, “हम अपने प्लेटफार्म पर सिर्फ हाथ से बने उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं। वहीं, अक्सर देखा जाता है कि बाजार में जो उत्पाद मिलते हैं, उसके विषय में कोई जानकारी नहीं होती है कि इसे किसने बनाया और यह कहाँ बनी। लेकिन, ग्राहकों को उत्पादों को बनाने वाले कारीगरों के विषय में जानकारी देते हैं। इससे ग्राहकों की रुचि बढ़ने के साथ-साथ कारीगरों का उत्साहवर्धन भी होता है।“
Start Online Product Selling Business
दोस्तों सबसे पहले हम ये जानेंगे कि eCommerce kya hota hai(ई-कॉमर्स होता क्या है)? और इस पर Selling क्यों की जाती है और कैसे की जाती है (How to Sell Product On eCommerce)। ई-कॉमर्स का मतलब इलेक्ट्रॉनिक कारोबार या कम्प्यूटर द्वारा इन्टरनेट के माध्यम से किया जाने वाले ऑनलाइन बिजनेस को ई-कॉमर्स कहा जाता है। तो आज हम आपको बता दे कि आजकल के वैब के जमाने में ई-कॉमर्स बेहद ही काम की चीज है, जो हमारी छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरूरतों को पूरा करता है। वक्त की कमी ईकामर्स क्या है? रखने वाले यानि की बिजी व्यक्ति जो ऑनलाइन खरीददारी करते है उनके लिए ई-कॉमर्स बेहद ही काम की चीज है। साथ ही साथ में बिजनेसमैन (Businessman) यानि की व्यापारियों के लिए भी ई-कॉमर्स ईकामर्स क्या है? ने कई सारे नए रास्ते खोल दिए है। कैसा भी, किसी भी प्रकार का बिज़नस ( Type of Business),और कोई भी व्यक्ति इ-कॉमर्स पर Business कर पैसे कमा सकता है (Make money online with eCommerce)।
In-direct Selling Stuff-
आप किसी चीज का या किसी भी Product/service का ऑफलाइन व्यापार करते है तो उसका ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बिजनेस करने के लिए उसे ऑनलाइन बेचेंगे। या आप किसी भी Products को खरीदकर ऑनलाइन सेल कर सकते है। ऑनलाइन सेल करने के लिए या तो आपके पास Personal ई-कॉमर्स वेबसाइट या Seller साइट पर अकाउंट होना बेहद जरूरी है।
ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कोई भी व्यक्ति अपना Product लेकर Seller अंकाउट के जरिए Listed करता है यानि कि उस वेबसाइट पर अपना कोई भी Product पब्लिश कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति उस Product को खरीदना चाहता है, वो उस Product को उस वेबसाइट पर खरीदेगा।
वो Product E-commerce कंपनी का तो होता नही है, तो वह कंपनी उस Seller को Product के डिमांड का ऑर्डर देती है। उसके बाद उस ई-कॉर्मस कंपनी का कुरियर डिपार्टमेंट का व्यक्ति उस प्रॉडक्ट को सैलर से लेकर खरीदने वाले को डिलीवर करता है।
Direct Selling Stuff-
जिस व्यक्ति के पास अपना खुद का Product होता है, वो खुद भी अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाकर direct selling stuff कर सकता है। लेकिन ये प्रोसेस काफी बड़ा होता है। और शुरूआत में इसमें इन्वेस्टमेंट भी करनी होती है. और इस बिजनेस को अच्छा काम करने के लिए काफी time भी लग सकता है।
इसमें Success की गारन्टी नही है। तो डायरेक्ट सैलिंग स्टफ में आपको काफी अनुभव, धन और धर्य की आवश्यकता होती है। तो इस हिसाब से नये ई-कॉमर्स Seller को डायरेक्ट Selling Stuff करने से बचना चाहिए।
ब्लॉग से शुरू हुई थी तीन दोस्तों ‘गाथा’, आज करते हैं करोड़ों का कारोबार
साल 2013 में सुमिरन ने अपने दोस्त शिवानी धर और हिमांशु खार के साथ मिलकर हैंडिक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए 5 लाख रुपए की लागत से अपनी ई-कॉमर्स कंपनी ‘गाथा’ को शुरू किया था। आज यह कंपनी हर साल करोड़ों का कारोबार करती है।
भारतीय हस्तकला की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है, लेकिन हाल के वर्षों में उद्योगों में मशीनों के बढ़ते उपयोग के कारण इसकी चमक फीकी पड़ने लगी है। लेकिन, सुमिरन पांड्या ने भारतीय हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसी पहल की शुरूआत की, जिससे कारीगरों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित होने के साथ ही वह खुद भी करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। सुमिरन पांड्या
बड़े बिजनेसमैन ने किया इशारा, एक दिन बंद हो जाएगी ऑनलाइन शॉपिंग
बिड़ला कहते हैं कि ई-कॉमर्स में तेजी से हो रहा निवेश बिना रिटर्न के यूं ही चलता नहीं रहेगा। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ई-कॉमर्स का ये मॉडल आखिर कितने दिन तक ठीक से चल सकेगा। उन्होंने अपने इंटरव्यू में इसी बात पर जोर दिया कि ई-कॉमर्स का ये मॉडल नहीं चल सकेगा।
आज के समय में बहुत से लोग ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए ही सामान खरीदना पसंद कर रहे हैं। और ऐसा हो भी क्यों ना, ऑनलाइन शॉपिंग पर बहुत सारे आकर्षक ऑफर जो मिलते हैं।
लेकिन जरा सोचिए कि किसी दिन इंटरनेट पर ईकामर्स क्या है? सजी ये सारी दुकानें बंद हो जाएं तो क्या होगा? आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का तो कुछ ऐसा ही सोचना है।
क्यों हो सकता है ऐसा?
बिड़ला ने कहा कि किसी भी बिजनेस में निवेश करने वाले निवेशकों का आखिरकार अपने निवेश के बदले फायदा कमाने की उम्मीद रहती है। बिना किसी फायदे के कोई निवेशक किसी बिजनेस में कितने दिनों तक निवेश करेगा।
बिड़ला कहते हैं कि ई-कॉमर्स में तेजी से हो रहा निवेश ईकामर्स क्या है? बिना रिटर्न के यूं ही चलता नहीं रहेगा। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ई-कॉमर्स का ये मॉडल आखिर कितने दिन तक ठीक से चल सकेगा। उन्होंने अपने इंटरव्यू में इसी बात पर जोर दिया कि ई-कॉमर्स का ये मॉडल नहीं चल सकेगा।
टाटा की यह कंपनी कर रही बड़ी तैयारी, मुकेश अंबानी और जेफ बेजोस को लगेगा जोर का झटका!
टाटा ग्रुप (Tata group) ई-कॉमर्स सेक्टर में रिलायंस (Reliance), अमेजन (amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसे दिग्गजों को टक्कर देने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। टाटा संस ने अपनी ई-कॉमर्स कंपनी टाटा डिजिटल में 5,882 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह टाटा ग्रुप द्वारा ई-कॉर्मस सेगमेंट में किसी एक वित्त वर्ष में किया गया अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
टाटा समूह की नियामकीय फाइलिंग का हवाला देते हुए द इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि एडिशनल फंडिंग के साथ ईकामर्स क्या है? ही टाटा ग्रुप द्वारा 2020-22 में टाटा डिजिटल में किया गया निवेश 11,872 करोड़ रुपये का हो गया है।
Importance Of Online Retail Business
Online retail store आपके लिए क्यों ज़रूरी है ?
यह आपके business को बहुत ज़्यादा expand कर सकता है | जिस तरह से हमारा देश और पूरी दुनिया COVID की महामारी से जूझ रहा है उस प्रकार लोगो ने घरों से निकलना एक डर से लड़ने के बराबर समझा है। आज सभी अपने-अपने घर से ही Online Shopping कर रहे है। किराने के सामान से लेकर कपड़े और अन्य सामान भी घर से ही Online Shopping के ज़रिये ईकामर्स क्या है? खरीद रहे हैं जिससे Retailers आज सफल साबित हो रहे है |
Digital Store ग्राहकों को latest updated offers और scheme availability के ईकामर्स क्या है? बारे में बहुत आसानी से बता देता है | Online जानकारी देना बहुत ही सस्ता और आसान हो गया है | एक ही समय पर हम बहुत सारे लोगों तक पहुँच सकते हैं|
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