दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
Demat vs Trading Account: डीमैट व ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर
जिस ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? तरह से आप अपने में पैसा रखते हैंबचत खाता, उसी तरह, आपके स्टॉक a . में रखे जाते हैंडीमैट खाता. जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो वह आपके डीमैट खाते में जमा हो जाता है। और, स्टॉक बेचने पर, इस खाते से डेबिट हो जाता है।
इसके विपरीत, एक ट्रेडिंग खाता, शेयर बाजार में शेयर खरीदने या बेचने का एक माध्यम है। जब भी आप शेयर खरीदने के लिए तैयार होते हैं, तो आपको कुछ विवरण देने होते हैं, और फिर खरीदारी एक ट्रेडिंग खाते के माध्यम से की जाती है।
हालांकि, सुनिश्चित करें कि भारतीय शेयरों में ट्रेडिंग करते समय, आपको क्रमशः डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा।
ट्रेडिंग खातों के प्रकार
विभिन्न प्रकार के ट्रेडिंग खाते हैं जो ट्रेडिंग स्टॉक, सोना, के लिए उपलब्ध हैं।ईटीएफप्रतिभूतियों, मुद्राओं, और बहुत कुछ। कुछ सबसे सामान्य और सर्वोत्तम ट्रेडिंग खाते हैं:
- ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग खाता: व्यापारिक वस्तुओं में मदद करता है
- ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार खाता: विदेशी मुद्रा बाजार में आंदोलन की अटकलों के लिए एक या एक से अधिक मुद्राओं में जमा रखता है
- ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग खाता: अनुमति देता हैनिवेश इक्विटी में, आईपीओ,म्यूचुअल फंड्स, और मुद्रा व्युत्पन्न उपकरण
- ऑनलाइन मुद्रा व्यापार खाता: मुद्राओं में व्यापार करने में मदद करता है
- ऑनलाइन डेरिवेटिव ट्रेडिंग खाता: के भविष्य के मूल्य पर जुए से लाभ प्राप्त करने में मदद करता हैआधारभूत संपत्ति, जैसे विनिमय दर, मुद्राएं, स्टॉक, और बहुत कुछ
ट्रेडिंग खाता खोलना
ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने के लिए, पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम एक ट्रेडिंग खाता खोलना है। आप चाहें तो ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट से भी जा सकते हैं। नीचे संक्षेप में कुछ चरण दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:
एक विश्वसनीय खोजने के लिए पहला कदम है,सेबी-पंजीकृत ब्रोकर क्योंकि आपको डीमैट खाता खोलना पड़ सकता है। और, इसमें आपकी मदद करने के लिए, चयनित ब्रोकर के पास सेबी द्वारा जारी एक व्यवहार्य पंजीकरण संख्या होनी चाहिए।
एक बार जब आपको एक विश्वसनीय ब्रोकर मिल जाए, तो अधिक विवरण में जाएं और खाता खोलने की उनकी प्रक्रिया के बारे में पता करें। उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं, उनकी फीस, अतिरिक्त शुल्क, और बहुत कुछ के बारे में और जानें।
एक सामान्य प्रक्रिया में केवाईसी के लिए कुछ फॉर्म भरना शामिल है, जैसे खाता खोलने का फॉर्म, ग्राहक पंजीकरण फॉर्म और बहुत कुछ।
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें Demat और Trading Account
डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता हैलेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। लेकिन ये अकाउंट क्या होता है, कैसे खुलता है, इसका क्या उपयोग होता है, अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल आते हैं तो निश्चिंत हो जाइए क्योंकि आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिलने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो डीमैट अकाउंट किसी बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, अंतर सिर्फ इतना ही है की बैंक अकाउंट में पैसों का लेनदेन होता है।
क्या है डीमैट अकाउंट
डीमैट अकाउंट शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रख सकते हैं। बता दें कि डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं। जिस तरह आप बैंक अकाउंट में पैसे का ट्रांजैक्शन करते हैं उसी तरह डीमैट अकाउंट में आप शेयर्स व सिक्योरिटीज का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा जमा और निकाल सकते हैं। इसी तरह आप इस अकाउंट में सिक्योरिटी को भी जमा कर सकते हैं। साथ ही, जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट भी किया जाता है। बता दें कि डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है। इसके अलावा आपके अकाउंट में अगर जीरो बैलेंस भी है तो कोई परेशानी होगा।
डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी। स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ सामान्य अंतर
डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है,लेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। बता दें कि, डीमैट अकाउंट जहां बस एसेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। साथ ही, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है। इसके अलावा डीमैट अकाउंट पर निवेशक को सालाना चार्ज देना होता है। वहीं आमतौर पर ट्रेडिंग अकाउंट फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? आपसे चार्ज लेगी या नहीं। हालांकि, डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं।
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है। जब एक इन्वेस्टर शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शन ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं होती है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 813