ऐसे में उन्होंने 2019 तक अपना सारा पैसा निकाल लिया. लेकिन जब उनके साथ काम करने वाले एक सहकर्मी ने इसके फायदे-नुकसान गिनाए तो उन्होंने फिर से इसमें 2 हजार डॉलर के साथ कदम रखा. इसके बाद से वह लगातार निवेश कर रहे हैं. आज की तारीख में उनका अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में 4 बेडरूम का घर है.
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है | और बिटकॉइन का मालिक कोन है?
चाहे किसी ने क्रिप्टो करेंसी के बारे में हाल ही में सुना हो या फिर कोई क्रिप्टो के बारे में बहुत लम्बे समय से जनता हो, सभी के मन में ये सवाल ज़रूर आता है की बिटकॉइन किस देश की करेंसी है और इसका मालिक कोन है. आज के इस लेख में, मे आपको बिटकोइन के बारे में पूरी जानकारी दूंगा, इन Bitcoin का मालिक कौन है Bitcoin का मालिक कौन है सवालों के अलावा इसको लेकर आपके मन में जितने भी सवाल होंगे में उम्मीद करता हूँ आपके उन सभी सवालों का जवाब मिल जायेगा.
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बिटकॉइन का मालिक कोन है
सबसे पहले हम इसके मालिक के बारे में बात करेंगे, वेसे तो बिटकॉइन के मालिक का नाम सातोशी नकामोतो बताया जाता है. और माना जाता है की ये जापान में पैदा हुए थे, लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है की इसका मालिक सातोशी नकामोतो ही है. क्योंकि बिटकॉइनक को डेवेलपर के एक ग्रुप ने बाया बनाया था, लेकिन इसे बनाने वाले बाकि लोगों का कुछ अता-पता नहीं मिलता, क्योंकि इसे बनाने वाले सभी लोगों ने खुद को दुनिया से छुपा कर रखा है.
इतना ही नही सातोशी नकामोतो के नाम पर भी लम्बी बहस चलती है, क्योंकि इस इन्सान को कभी किसी ने नहीं देखा. माना जाता है, बिटकॉइन के मालिक की जो फोटो इन्टरनेट पर दिखाई जाती है असल में वो फोटो भी फेक है, इस लिए इसके मालिक के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है, इसी कारण मुझे लगता है की कोई नही जनता की बिटकॉइन का असली मालिक कोन है और कहाँ रहता है, ये एक गहरा राज़ है.
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
अगर बात ये हो की बिटकॉइन किस देश की करेंसी है, तो ये कहा जा सकता है की इसे जापान के लोगों ने बनाया था. मगर इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है की बिटकॉइन जनाप की क्रिप्टो करेंसी है, क्योंकि कसी भी देश की करेंसी होने के लिए उस करंसी पर वहां की सरकार का पूरा कंट्रोल होना ज़रूरी है.
लेकिन इस केस में एसा बिलकुल भी नही है, बिटकॉइन पर दुनिया के किसी भी देश की सरकार का कोई नियंतरण नहीं है, और इसी लिए इसे डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी कहा जाता है. इसे एसे समझते है, आम तोर पर हम ऑनलाइन किसी को पेसे ट्रांसफर करते है या कोई सामान खरीदते हैं, तो उसका पता हमारे बेंक को रहता की हमने कितने पेसे किसको दिए हैं.
वहीँ बात अगर बिटकॉइन के ज़रिये कुछ Bitcoin का मालिक कौन है खरीदने की या फिर किसी दुसरे व्यक्ति को बिटकॉइन ट्रांसफर करने की हो तो. इसके बारे में किसी भी देश के बेंक और सरकार को पता नही होता की किस व्यक्ति ने किसको कितने बिटकोइन दिए है, वही इसे Bitcoin का मालिक कौन है दुनिया में कोई भी व्यक्ति आसानी से खरीद और बेंच सकता. इसी लिए बिटकॉइन किस देश की करेंसी है, इस सवाल का जवाब ये है की सभी देशों की और किसी भी देश की नहीं.
Dogecoin क्या है?
Dogecoin एक वर्चुअल यानी डिजिटल मुद्रा (करेंसी) है। ये बाकि कर्रेंसी से बिलकुल अलग है क्यूंकि Dogecoin को ना ही हम देख सकते हैं ना ही उसे पैसों की तरह छू सकते हैं। हम Dogecoin को सिर्फ ऑनलाइन खरीद और Bitcoin का मालिक कौन है बेच सकते हैं। आप बस इसमें ट्रेड कर सकते है।
Dogecoin भी अन्य दूसरी क्रिप्ट्रोकरैन्सी की तरह ही एक डिजिटल करेंसी है जिसमें आप ट्रेड कर सकते है। Dogecoin की शुरुआत सॉफ्टवेयर इंजीनियर Billy Markus और Jackson Palmer ने 2013 में एक मजाक के रूप में की थी।
माना जा रहा है कि दुनियाभर में करीब 128 अरब से ज्यादा डॉजकॉइन (Dogecoin) सर्कुलेशन में है। इसे महज एक शुरुआत कहा जा रहा है। वर्तमान आंकड़ो पर नजर डाले तो bitcoin से भी ज्यादा Dogecoin क्रिप्टोकरेंसी में लोगो की रूची काफी बढी है।
Dogecoin का मालिक कौन है?
Dogecoin के मालिक Billy Markus और Jackson Palmer हैं। इन्होने Dogecoin की शुरुआत 2013 में की थी। और दोनों ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। इन्होने डोगेकोईन की शुरुआत मजाक – मजाक में की थी जो आज अरबों की करेंसी बन चुका है।
बिली मार्कस और एडोब इंजीनियमर जैक्सन पाल्मर ने पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन (Peer-To-Peer Transaction) के लिए इसे शुरू किया था। उन्होंने डॉजकॉइन के लिए किसी फैन्सी एम्बलेम को चुनने की जगह जापानी कुत्ते की एक ब्रीड शिबा इनू (Shiba Inu) को चुना। यह पहले से ही ऑनलाइन पॉपुलर हो गया था।
Dogecoin इतना चर्चा में क्यों है?
अगर बात करे Dogecoin की चर्चा में क्यों हैं, तो आपको बता दें की वर्तमान में चर्चाओं का कारण दुनिया के सबसे अमीर आदमी की लिस्ट में शामिल टेसला और स्पेस एक्स के को-फाउंडर का एक ट्वीट है।
इस ट्वीट में टेसला के को-फाउंडर एलोन Bitcoin का मालिक कौन है मस्क ने कहा की वह स्पेस एक्स की तरफ एक रॉकेट लॉंच करेगा और उस रॉकेट में वे इस Dogecoin की एक कॉपी भेजेंगे। इसके बाद तो मानो इस की Price में बहार आ गई और इसमें 5 से 6 रुपये तक का उछाल आ गया। और अब इसमें 180 फीसदी का उछाल आचुका है।
इस करेंसी में निवेश करने की सलाह हर कोई दे रहा है क्योंकि इस Dogecoin क्रिप्टो करेंसी की कीमत बहुत ही जल्द सातवें आसमान पर जाने वाली है।
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के Bitcoin का मालिक कौन है फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Bitcoin का मालिक कौन है Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
कोई स्कूल ड्रॉपआउट, कोई टीचर, Bitcoin का मालिक कौन है Cryptocurrency से बन गए अमीर!
- नई दिल्ली ,
- 28 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 28 फरवरी 2022, 5:12 PM IST)
- वर्चुअल करेंसी में निवेश से बदली जिंदगी
- किसी के पास आलीशान घर, कोई कर रहा बिजनेस
Richest cryptocurrency investors: Cryptocurrency की पॉपुलरिटी लोगों के बीच बढ़ती जा रही है. कई लोगों ने इस वर्चुअल करेंसी के कारण जमीन से आसमान तक की उछाल लगाई है. ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में आजम हम आपको बताने जा रहे हैं. कुछ सामान्य नौकरी करने वाले लोग थे जो कम तनख्वाह के साथ काम कर रहे थे. लेकिन Cryptocurrency ने इनकी जिंदगी बदल दी. ऐसे ही कुछ लोगों की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं.
JIO के मालिक मुकेश अंबानी नहीं रहे एशिया के सबसे अमीर, Binance Cryptocurrency के CEO चांगपेंग ने पछाड़ा
Binance CEO Changpeng Zhao beats Mukesh Ambani Jio: भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस जियो (Reliance JIO) के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अब एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति नहीं रह गये हैं. उनकी जगह क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ले ली है. क्रिप्टोकरेंसी के सीईओ का नाम चांगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) है. मुकेश अंबानी को पछाड़कर चांगपेंग ‘सीजेड’ झाओ एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गये हैं. इस तरह अब वह विश्व के सबसे अमीर लोगों में शुमार हो गये हैं.
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वर्चुअल क्वाइंस की वजह से एथेरियम निर्माता विटालिक ब्यूटिरिन और क्वाइनबेस के संस्थापक ब्रायन आर्मस्ट्रांग दोनों अरबपति Bitcoin का मालिक कौन है बन गये. सीएनएन बिजनेस ने बायनेंस के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि ‘सीजेड अन्य उद्यमियों और संस्थापकों की तरह ही अपनी अधिकांश संपत्ति, यहां तक कि अपनी संपत्ति का 99 प्रतिशत भी दान करना चाहते हैं.’
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सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीजेड यानी चांगपेंग झाओ ने वर्ष 2017 में बायनेंस को लांच किया था. सीजेड ने धीरे-धीरे इसे दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) में से एक में तब्दील कर दिया. इसके बाद सीजेड ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. क्रिप्टोकरेंसी में लोगों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया और उन्हें इतना रिटर्न मिला, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. यानी क्रिप्टोकरेंसी ने बहुत ही कम समय में लोगों को मालामाल कर दिया.
Posted By: Mithilesh Jha
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