डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी के एक अन्य समर्थक ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी हैं. उन्होंने हाल ही में अपना पहला ट्वीट एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन--एक किस्म की डिजिटल करेंसी) के जरिए करीब 29 लाख डॉलर में बेचा है. यही नहीं, बैंकिग सिस्टम को खुली चुनौती देने वाली डिजिटल करेंसी को अब बैंकों का ही समर्थन हासिल होने लगा है. अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्स ने पिछले दिनों घोषणा की कि वह अपने खास क्लाइंट्स को बिटकॉइन ऑफर करेगी. एक साल पहले तक ऐसा सोचना नामुमकिन था क्योंकि गोल्डमैन सैक्स का मानना था कि बिटकॉइन सिर्फ एक बुलबुला है जो जल्दी फूट जाएगा और इसे शेयर, बॉन्ड या सोने में निवेश के तौर पर न देखा जाए.
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Bitcoin की कीमत लगातार नीचे आ रही है, यही हाल तमाम क्रिप्टोकरेंसी का है. लेकिन दुनियाभर में इन करेंसीज को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा है. अब Bitcoin के जरिए टू BHK वाला घर खरीदा गया है. इस घर को 3 बिटकॉइन में बेचा गया है.
Bitcoin की कीमत लगातार नीचे आ रही है, यही हाल तमाम क्रिप्टोकरेंसी का है. लेकिन दुनियाभर में इन करेंसीज को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा है. अब Bitcoin के जरिए टू BHK वाला घर खरीदा गया है. इस घर को 3 बिटकॉइन में बेचा गया है. बता दें कि अभी Bitcoin की वैल्यू लगभग 25 लाख रुपये है जबकि 6 महीने पहले 10 नवंबर को यही वैल्यू 50 लाख की थी. इस हिसाब से देखें तो घर के लिए लगभग 75 लाख रुपये अदा किए गए.
घर की ये डील पुर्तगाल में हुई. दुनिया में यह अपने आप में पहली तरह की डील है. इसके लिए खरीदार ने सीधे Bitcoin (BTC) में क्या कोई बिटकॉइन से अमीर हुआ? ही पेमेंट किया. घर की पेमेंट वर्चुअल करेंसी में करने से लोगों में इसके भविष्य को लेकर नई उम्मीदें जग गई हैं.
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क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब
डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन क्या कोई बिटकॉइन से अमीर हुआ? इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.
कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत
सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.
क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.
मदीरा बिटकॉइन अपनाने की घोषणा
पिछले साल इसी कार्यक्रम में अल सल्वाडोर के मध्य अमेरिकी गणराज्य के अभिनव युवा राष्ट्रपति नजीब बुकेले ने घोषणा की कि उनका देश बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अपनाएगा। उनका नया कानून 7 सितंबर 2021 को लागू हुआ और तब से, दुनिया की निगाहें देश पर रही हैं, जहां आर्थिक विकास की पहली हरी शूटिंग पनपने लगी है, आंशिक रूप से बिटकॉइन के लिए धन्यवाद और पर्यटन की आमद के साथ युग्मित नई बचत प्रौद्योगिकी यह लाता है।
मदीरा सेंटर स्टेज
इस साल, मदीरा ने तीन नए क्षेत्रों में से एक के रूप में केंद्र स्तर पर कदम रखा, जो बिटकॉइन अपनाने के मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं जिसे अल साल्वाडोर ने 2021 में चैंपियन बनाया था।
बिटकॉइन समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति सैमसन मोव द्वारा घोषणा की गई थी, जिन्होंने अल साल्वाडोर में बिटकॉइन कानूनों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई अन्य देशों के सहयोग से कानूनी निविदा कानून तैयार करने की अफवाह है, ज्यादातर मध्य और दक्षिण अमेरिका में। मदीरा के राष्ट्रपति से बिटकॉइन के लिए स्पष्ट क्या कोई बिटकॉइन से अमीर हुआ? उत्साह के साथ उनकी भागीदारी उनकी संयुक्त घोषणा को वजन और विश्वसनीयता दोनों देती है।
currency
नई दिल्ली, 10 मार्च क्रिप्टोकरेंसी (या “क्रिप्टो”) एक डिजिटल मुद्रा जिसकी चर्चा हर रोज पूरी दुनिया में हो रही है। क्योकि हर क्या कोई बिटकॉइन से अमीर हुआ? कोई आज कम से कम समय में और आसानी से अमीर जो बनना चाह रहा है और क्रिप्टोक्यूरेंसी लोगों के नजरिये से आज के दौर में अमीर बनने का सबसे आसान तरीका है। … Read more
बिटकॉइन प्राइस पहुंचा 40 लाख रुपये के पार, Bitcoin का कुल मार्केट कैप हुआ 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक
बिटकॉइन प्राइस: दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) ने आज शनिवार 20 फरवरी 2021 को पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया उच्चतम रिकॉर्ड बना लिया है . कॉइनडेस्क पर प्रदर्शित ताजा आकड़ों के मुताबिक आज बिटकॉइन की कीमत $56,563.72 तक पहुंच चुकी है, अगर बात करें भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत की तो … Read more
बिटकॉइन की कीमत में रिकॉर्ड तेजी जारी, जानें क्या है 1 बिटकॉइन का रेट
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) लगातार रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। इस क्रिप्टो करेंसी में मोटे मुनाफे के कारण बड़े-बड़े निवेशक भी इसमें लगातार अपना निवेश कर रहे हैं। coindesk के पर जारी आकड़ों के मुताबिक़ आज पहली बार बिटक्वाइन का रेट (Price) $24,122.67 के नये उच्च स्तर को छू गया। बिटकॉइन ने … Read more
डिजिटल करेंसी की छवि
बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन के वक्त क्योंकि बैंक जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता है, इसलिए इसकी छवि हमेशा से संदेह के दायरे में रहती थी. बिटकॉइन को डार्क वेब, आतंकी गतिविधियों, ड्रग्स के लेन-देन जैसे कारनामों में भी इस्तेमाल होते देखा गया है. इसके अलावा, टैक्स को लेकर कोई एक राय न बन पाने से सरकारें इसे रेगुलेट नहीं कर पा रही हैं.
इसके अलावा, जो सबसे चिंताजनक बात है, वह है बिटकॉइन के निर्माण के दौरान खर्च होने वाली बिजली. जिस तरह रुपये या डॉलर के नोट को सेंट्रल बैंक ईश्यू करता है, उसी तरह बिटकॉइन को भी क्रिएट किया जाता है. इसे बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं. बिटकॉइन माइनिंग के दौरान अलग-अलग कंप्यूटरों पर एक खास किस्म के हार्डवेयर के साथ दुनियाभर में हो रहे बिटकॉइन ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया जाता है. इसे करने वाले आईटी एक्सपर्ट होते हैं जो करीब 10 मिनट के अंदर मैथमैटिकल प्रॉब्लम को सुलझा कर हर लेन-देन को वेरिफाई करते हैं. इसके बदले उन्हें पैसे मिलते हैं, जो बिटकॉइन में होते हैं. इस तरह, हर बिटकॉइन के लेन-देन के वेरिफिकेशन के बाद कई अन्य बिटकॉइन पैदा होते हैं.
पर्यावरण को नुकसान
यह प्रक्रिया सुनने में जितनी दिलचस्प लगती है, हकीकत में उतनी ही खर्चीली और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली होती है. बिटकॉइन के निर्माण में एक-दो नहीं बल्कि हजारों कंप्यूटर एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक, बिटकॉइन माइनिंग इतनी बिजली खपाता है जितनी स्विट्ज़रलैंड एक साल में बिजली पैदा करता है.
क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को लेकर मुखर लोग बिटकॉइन के पूरी थ्योरी को ही नकारते हैं. उन्हें इसका इस्तेमाल समझ नहीं आता क्योंकि दुनियाभर में अमीरी-गरीबी की खाई इतनी गहरी है और समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जहां तक अभी तक बिजली जैसी बुनियादी जरूरत नहीं पहुंच पाई है. पर्यावरणविदों का मानना है कि डिजिटल करेंसी को लेकर ऐसा पागलपन और एक खास तबके का बिजली का यूं लापरवाही से इस्तेमाल करना, अन्याय है. इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर अगले क्लाइमेट समिट में बिटकॉइन के विरोध में नारे लगें.
टेस्ला और बिटकॉइन का मेल
लेकिन पर्यावरणविदों के इन अभियान पर टेस्ला के मालिक इलान मस्क ने पानी फेर दिया है. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले कंपनी टेस्ला हमेशा से ग्रीन एनर्जी की समर्थक रही है. क्रिप्टो एक्सपर्ट प्रो. डेविड येरमैक का कहना है कि आज किसी भी करोड़पति का लगाव टेस्ला कार और बिटकॉइन दोनों के लिए है और वह दोनों को रखना चाहता है. उनका मानना है कि जल्द ही बिटकॉइन को लेकर आम लोगों की धारणा और बदलेगी. बिटकॉइन माइनिंग के लिए हाइड्रो इलेक्ट्रिक या जियो थर्मल पावर का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो सराहनीय है.
इसमें कोई शक नहीं है कि बिटकॉइन जिसे भविष्य की करेंसी कहा जाता है, अब अपने ऊंचाई की ओर बढ़ चला है. इसकी कीमत में तेजी से उछाल और ढलान ही इसकी खासियत है. आने वाले दिनों में टेक कंपनियों के दखल से इसे मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा और यह पारंपरिक बाजार के नक्शे को बदल सकता है.
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