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LIC IPO से जीवन बदलने की है चाहत? निवेश से पहले जान लीजिए क्या हैं जोखिम
Share market एक्सपर्ट रोहित अरोड़ा ने क्विंट से बातचीत में कहा-LIC IPO से तुरंत प्रॉफिट की उम्मीद न करें.
देश की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था- लाइफ इंश्यॉरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने जा रही है जिसने निवेशकों के बीच काफी उत्साह पैदा किया है. लेकिन कुछ ऐसी बातें जो निवेश करने से पहले जान लें तो जोखिम कम हो सकता है. एलआईसी के इस आईपीओ को लेकर एक्सपर्ट क्या राय रख रहे हैं, उनकी क्या सलाह है, ये जानते हैं.
LIC अपनी 3.5 फीसदी की हिस्सेदारी को बेचकर 21 हजार करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में हैं. इसके बाद कंपनी के वैल्यूएशन को 6 लाख करोड़ के आसपास आकां जा रहा है.
एलआईसी आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹902-949 प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है. एक लॉट में 15 इक्विटी शेयर होंगे. निवेशक कम से कम 15 इक्विटी शेयर या 1 लॉट के लिए बोली लगा सकेंगे.
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि, LIC कंपनी का कोर मजबूत है और भविष्य में अच्छी ग्रोथ होगी ये दिखाई देता है और अब तो कंपनी की वैल्यूएशन भी ठीक नजर आ रही है जब से IPO जारी करने को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं.
LIC कंपनी के बारे में जानिए जरूरी जानकारी
जिस कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं आपको उस कंपनी का अगला-पिछला पता होना चाहिए. 1 सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का विलय किया गया और उसका राष्ट्रीयकरण कर एलआईसी की शुरूआत हुई. उस समय कंपनी की पूंजी 5 करोड़ रुपये थी जो अब लगभग 40 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन करती है.
यह दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी जीवन बीमाकर्ता और देश में सबसे बड़ी परिसंपत्ति (एसेट) प्रबंधक है. 31 दिसंबर, 2021 तक, इसकी पहुंच देश के 91% जिलों तक हैं और इसके साथ 10.30 लाख हजार एजेंट हैं.
प्रीमियम या GWP (ग्रॉस) के मामले में इसकी बाजार में हिस्सेदारी 61.6% है. न्यू बिजनेस प्रीमियम के संदर्भ में 61.4%, जारी की गई व्यक्तिगत नीतियों की संख्या के संदर्भ में 71.8% और ग्रुप पॉलिसी की संख्या के संदर्भ में 88.8% हिस्सेदारी है.
"वैश्विक बाजार कमजोर होने जा रहे हैं इसलिए IPO के जरिए पैसा कमाने का आइडिया अच्छा नहीं है"
Biz2Credit और Biz2X के को-फाउंडर और सीईओ रोहित अरोड़ा क्विंट हिंदी से बातचीत में कहते हैं कि, "वैश्विक बाजार कमजोर होने जा रहे हैं इसलिए आईपीओ के जरिए पैसा कमाने का आइडिया अच्छा नहीं है. निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी लिस्टिंग से तुरंत प्रॉफिट की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. कम से कम 3-5 साल का समय देना होगा. हर कोई आईपीओे में निवेश कर रहा है तो केवल इस आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए. सुनी-सनाई बतों से बचें."
जाहिर है कि पिछले साल की तुलना में इस बार शेयर बाजार में उत्साह नहीं है. खुद एलआईसी ने ही अपने आईपीओ को लेकर कई फैसले बदले क्योंकि इस समय यूक्रेन और रूस के बीच जंग का असर भी बाजाप पर पड़ा है.
"एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक के अधिकतर (मेजॉरिटी) स्टेक्स हैं और आईडीबीआई बैंक के पास बाकी निजी बैंकों की तुलना में सबसे ज्यादा NPA हैं तो अगर खुद आईडीबीआई अच्छा परफॉर्म नहीं करेगी तो एलआईसी की परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा ही."
रोहित का मानना है कि एलआईसी को एक अच्छी डिजिटल स्ट्रेटेजी की जरूरत है ताकि वो उन युवा ग्राहकों तक अच्छी पहुंच बना सकें क्योंकि युवा ग्राहकों में मृत्यु दर बहुत कम है जिससे कंपनी को अधिक फायदा हो सकता है.
एक निवेशक को क्या-क्या ध्यान में रखना होता है?
अगर आप एलआईसी में निवेश कर रहे हैं या नहीं, ये एक अलग बात हैं लेकिन एक निवेशक होने के नाते कुछ बेसिक से बेसिक बातें होती हैं जिनको लेकर समझ होनी चाहिए. क्विंट हिंदी से बातचीत में सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी एलआईसी के आईपीओ में निवेश को लेकर तीन बातों पर जोर देते हैं-
लॉन्ग टर्म फोकस: इक्विटी में निवेश करने वालों को बंपर फायदा हमेशा लॉन्ग टर्म में ही मिलता है. इसके जरिए कम समय में पैसा बनाने के बारे में ज्यादा न सोचें, खासकर इस तरह की लिस्टिंग (LIC IPO) में.
कोई गारंटी नहीं: यह एक इक्विटी का शेयर है. केवल ये सोच कर निवेश ना करें कि ये 'एलआईसी'. आपका फायदा-नुकसान एलआईसी के शेयर की परफॉर्मेंस निर्धारित करते हैं.
उधार लेने से बचें: उधार लेकर निवेश करना ठीक नहीं है. एलआईसी का शेयर कहीं नहीं भाग. स्टॉक मार्केट में आने के बाद भी उसे खरीदा जा सकता है. भविष्य में ऐसे कई मौके आएंंगे जब आप इसके शेयर खरीद सकेंगे वो भी कम दाम में.
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किसी इक्विटी फंड में निवेश करने से पहले किन जानकारियों और जोखिम मानकों पर विचार किया जाना चाहिए?
अपने पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी फंड चुनने के लिए एक व्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया की ज़रूरत होती है जिसमें दो फेज़ होते हैं। पहला फेज़ आपके बारे में है और यह आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी म्यूचुअल फंड की ज़रूरत या आपके वित्तीय गोल के साथ ही इसकी समय सीमा, इक्विटी फंड में निवेश के प्रकार और आपकी जोखिम लेने की क्षमता के असेसमेंट से शुरू होता है। एक बार जब ये तीनों चीजें तय हो जाती हैं, तो मौजूदा फंड्स में से सही फंड चुनने का अगला चरण यानी दूसरा फेज़ शुरू होता है।
इस तरह दूसरे फेज़ में ज़्यादा गुणात्मक नज़रिया अपनाकर सारे उपयुक्त फंड्स के बारे में थोड़ी जानकारी जुटाकर और अलग-अलग जोखिम मापदंडों की जांच करना शामिल है। आपको फंड पोर्टफोलियो, विंटेज, फंड मैनेजर्स, एक्सपेंस रेशो, इसका बेंचमार्क और समय के साथ बेंचमार्क के संदर्भ में फंड ने कैसा परफॉर्म किया है, यह जानकारी देखनी चाहिए।
जब आप पोर्टफोलियो की जांच करते हैं, तो देखें कि यह सेक्टर एलोकेशन और स्टॉक चयन के मामले में कितना विविध दिखता है। इसका अनुमान फंड के टॉप 10 सेक्टर और स्टॉक होल्डिंग से लगाया जा सकता है। जब आप विंटेज को देखते हैं, तो इससे आपको अंदाज़ा हो जाता है कि फंड ने कितने आर्थिक चक्रों का सामना किया है। बुल रन के दौरान, अधिकांश फंड अच्छा परफॉर्म करते हैं, लेकिन बुल और बियर मार्केट फेज़ के पूरे चक्र के दौरान फंड कैसा परफॉर्म करते हैं, यह पोर्टफोलियो की फ्लेक्सिबिलिटी का इंडिकेटर है। फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड फंड के विंटेज से काफी हद तक जुड़ा हुआ है। आप फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड को बेहतर ढंग से देखने के लिए उसके द्वारा मैनेज किए गए दूसरे फंडों को देख सकते हैं।
एक्स्पेंस रेशो इस बात का एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है कि फंड को कितनी अच्छी तरह से मैनेज किया जा रहा है जो फंड के परफॉर्मेंस से अलग होता है। एक्सपेंस रेशो जितना कम होता है, निवेशक के लिए उतना ही अच्छा होता है।
आगे, स्टैन्डर्ड डीवीऐशन और बीटा जैसे इक्विटी फंड जोखिम के मुख्य इंडिकेटर को देखते हैं। पहला आपको रिटर्न में फंड की अस्थिरता या इसके रिटर्न में अपेक्षित उतार-चढ़ाव के बारे में बताता है। उच्च स्टैन्डर्ड डीवीऐशन का मतलब है कि आप फंड रिटर्न में ज़्यादा अस्थिरता की उम्मीद कर सकते हैं मतलब फंड के औसत अपेक्षित रिटर्न में दोनों तरह के (अच्छे और बुरे) उतार-चढ़ाव होने की संभावना होती है। बीटा बाजार की गतिविधियों के लिए फंड की संवेदनशीलता का इंडिकेटर है। बीटा>1 का मतलब है कि फंड का NAV बाजार की गतिविधियों के प्रति ज़्यादा संवेदनशील है। इसलिए बाजार के फेज़ में तेज़ी के दौरान फंड बाजार की तुलना में ज़्यादा बढ़ेगा और बाजार में मंदी के फेज़ में बाजार की तुलना में ज़्यादा गिरेगा। बीटा = 1 का मतलब है कि फंड का NAV बाजार की गति के साथ-साथ आगे इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? बढ़ेगा। कम जोखिम वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आमतौर पर बीटा
अपना पोर्टफोलियो चुनने से पहले फंड्स के बारे में जानकारी जुटाने और उनकी जांच करने के लिए थोड़ा समय खुद बिताएं या किसी वित्तीय सलाहकार से मार्गदर्शन लें।
Investment करने से पहले कि कुछ बातें
शेअर बाजार में ज्यादातर नुकसान नहीं लोग करते हैं जो नये होते हैं। इसलिये हम आज बतायेंगे कि Things to Know Before Investing in Stock Market hindi 2022 ताकी आपका मेहनत का पैसा आपको गलत निर्णय से गवाने ना पड़ें।
कुछ दिन पहले हि शेयर बाजार के ऊपर एक वेबसेरीज आई थी जिसका नाम था 'स्कॅम 1992' जिसमे एक डाॅयलाॅग था 'शेअर मार्केट एक ऐसा कुआं है जो पुरे देश के पैसों कि प्यास बुझा सकता है' दरसल में यह सही मायनों में सच ही हैं। लेकिन ज्यादातर नये लोग जो शेअर मार्केट में आते हैं वह नुकसान ही कर बैठते हैं इसके इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? बहुत सारे कारण है और इसी के बारे में हम आज आपको विस्तार से आपको बतायेंगे तो यह आर्टिकल आखिर तक पढ़ें।
शेयर मार्केट में में इन्वेस्टमेंट करने से पहले ये बातें जरुर जान लिजिए
1.उन्हीं शेयर में इन्वेस्ट करें जिन्हें आप जानते हैं
अक्सर क्या होता हैं हम किसी न्युज या खबरों को सुनके एक स्टाॅक को खरिदने कि सोचते हैं लेकिन आपने कभी सोचा है की ऐसी खबरें आपको बहुत देरी से मिलती है जब आपने बड़ी देर कर दी हैं क्योंकि जब आपके पास ऐसी इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? कोई खबर या न्युज आई हैं तो यह सोचो कि कितने लोगों को इसके बारे में पहले से मालुम होगा यह सोचो और कईबार क्या होता हैं कि अपना फसा हुआ पैसा निकालने के लिये अक्सर ऐसी खबरें फैलाई जाती है और आप जब इसमें इन्वेस्टमेंट करते हो तो आपको नुकसान होता है।
इसलिये ऐसी ही स्टाॅक्स पर निवेश करों जिसके बारे में आपको पता हो या आप इस्तमाल करते हों और यह ऐसे शेयर हो जो कोई भी बता सके की अगले 10 साल तक इसकी डिमांड कम ना हों।
2. आपको ट्रेंड या खबरों से दुरी बनानी हैं
नये इन्वेस्टर ज्यादातर यही गलती कर देते हैं कि किसीके सुनी सुनाई बातों पर आंख बंद करके विश्वास रख देते हैं या कोई शेयर खबरों में बना हुआ है और पहले से हि वह बहुत भाग चुका हैं।
सभी जिस स्टाॅक या सेक्टर कि बात कर रहे हैं हो सके तो उसमें दुरी बनालो क्योंकी ऐसा नहीं है कि ट्रेंड पे हैं यानी आगे जाके वह सेक्टर या शेयर काफी ग्रो करेगा ऐसा नहीं होता ट्रेंड या न्युज 2 दिन या 4 दिन में बदलती है इसलियें जो सब कर रहे हैं उसमें आप संभल कर चलें।
3. हमेशा अच्छे स्टाॅक्स ना ढुंढें
ज्यादातर नये लोग शेयर बाजार इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? में आते हैं और अपना ज्यादातर समय स्टाॅक्स को ढुंढने में हि लगते हैं या पोर्टफोलियो को बदलते रहते हैं। अगर आपने एकबार अच्छे से रिसर्च करके कोई शेयर चुना है तो उसको समय दें नाकी थोड़े थोड़े समय में उसपर पर उसे बदलते रहे कोई एक दो खबरों के कारण। कोई भी शेयर एक रात में मल्टीबैगर नहीं बनता अगर आप 10 शेयरों में निवेश करेंगे तो उसमें 2 या 3 शेयर सालों बाद आपको बेहतरीन रिटर्न्स दे जायें ना कि 10 के 10 स्टाॅक्स। हो सके तो बार बार अपने पोर्टफोलियो में प्रोफिट और लाॅस ना देखो।
इसलिये अच्छे स्टाॅक्स को ढुंढने कि वजह उसे थोड़ा वक्त दे हो सकता है आगे जाके कोई स्टाॅक MRF या Wipro इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? जैसा निकल कर आ सकता हैं।
4. हमेशा सिखना हैं
अगर आप नये हैं तो शुरुवात में आपको थोड़ा बहुत किसी स्टाॅक्स या सेक्टर में लाॅस भी होता है तो घबराना नहीं हैं आपको उससे सिखना हैं कि कहा आपकी ऐनालायसी गलत हो गयीं और उस गलती को दुबारा नहीं दौराना हैं। शुरवात में ज्यादातर लोग गलतियां करते ही हैं। अगर आप लाॅस भी करते हो लेकिन आप उससे कुछ सिख रहें हों तो आपको शेयर बाजार में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता हैं।
ऐसा कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? इन्वेस्टर नहीं होगा जिसने एक रुपयें भी जिंदगी में गवायें नहीं होंगे। हर एक चीज़ से आपको सिखना हैं समझना हैं तभी आप शेयर मार्केट में सफल बन सकते हों। इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? अगर आप भय और लालच को कंट्रोल करना सिख गये तो आप शेयर मार्केट सिख गयें यह याद रखना।
5. किसी एक में 10% से ज्यादा निवेश नहीं करें
नयें निवेशक ज्यादा रिटर्न्स के कारण एक हि किसी स्टाॅक्स या शेअर पे फोकस करते हैं और अपना सारा पैसा स्टॉक या शेअर पर लगा देते हैं और किसी कारणवंश या ग़लत खबरों से भी एक शेअर या एक सेक्टर अचानक ही कम समय में ही निचे आ जाता है और आपका पोर्टफोलियो में बहुत बड़ा लाॅस दिखता हैं इसलियें अपनी इन्वेस्टमेंट को हमेशा डायवर्सिफाइड करके रखें। मतलब एक हि स्टाॅक या सेक्टर पर भरोसा ना रखें क्योंकि उसमें आपके बहुत बड़ा नुकसान हो सकता हैं।
हमेशा अपना इन्वेस्टमेंट डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? करके रखें यानी किसी भी एक में अपना पुरे इन्वेस्टमेंट का 10% से ज्यादा ना रखें। इससे आपका रिस्क बहुत कम हो जायेगा। अक्सर फायनाशियल बजेट के दौरान अगर किसी इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? सेक्टर को अनदेखा कर दिया जाता है तो इसका असर सालों साल उस सेक्टर या स्टाॅक पर पड़ता हैं और अगर आप ऐसे हि एक पर अपना पैसा निवेश कर बैठे हैं तो आपको लाॅस बुक करके बाहर निकलना होगा या आपको उसके बढ़ने तक इंतजार करना होगा। इसलिये आपके पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाना आवश्यक हैं।
आपने क्या सीखा:
नये निवेशक Stock Market में शुरवात में क्या गलतिया करते है और इससे हम कैसे बच सकतें हैं इसके बारे में हमने पुरे विस्तार से यहा बताया हैं। ऐसे कौन कौन सी चींजे है जीसे अगर आप फोलो करतें हैं तो आप एक अच्छे निवेशक बन सकतें हैं और अपने निवेश को सेव या बढ़ा सकते हैं।
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पहली बार पैसा इंवेस्ट करने से पहले जरूर जानें ये टिप्स, नुकसान की कम रहेगी संभावना
कभी भी अपनी पूरी पूंजी को एक जगह निवेश नहीं करना चाहिए। इससे नुकसान की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जब भी आप निवेश करें तो अलग-अलग स्कीम या अलग-अगल जगहों पर ही निवेश करें।
अनुभवी निवेशक समझते हैं कि जोखिम और रिटर्न साथ-साथ चलते हैं।
फाइनेंशियल ट्रॉजैक्शन में परदर्शिता आने के साथ अधिकांश लोग समझ चुके हैं कि, पैसे को सिर्फ बचाने बजाय निवेश करना समझदारी का काम है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो पहली बार ही निवेश करने की सोच रहे हैं। अगर आप भी इसी पक्तिं में हैं तो आपको निवेश के लिए पेशेवर लोगों की मदद लेनी चाहिए। इसके अलावा आप अपनी सूझबूझ के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं। इसके लिए यहां हम आपको कुछ टिप्स देने वाले है। अगर निवेश करते समय इनको फॉलो करेंगे तो आपका वित्तिय नुकसान कम होने की संभावना रहेगी।
शेयर बाजार में निवेश का सही समय! बहुत से लोग सोचते हैं कि, शेयर बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है तो ये पैसा इंवेस्ट करने का सही समय है लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप भी शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने की सोच रहे हैं तो अनुभवी शेयर बाजार के सलाहकार की मदद लें। ये आपको सही समय पर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने की सलाह देंगे। जिससे आपके नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
अलग-अलग जगह करें निवेश- निवेश करने वाले लोगों का मानना है कि, कभी भी अपनी पूरी पूंजी को एक जगह निवेश नहीं करना चाहिए। इससे नुकसान की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जब भी आप निवेश करें तो अलग-अलग स्कीम या अलग-अगल जगहों पर ही निवेश करें।
30 साल बाद शनि ग्रह गोचर करके बनाएंगे विशेष राजयोग, 2023 में इन राशियों को आकस्मिक धनलाभ के साथ उन्नति के प्रबल योग
Diabetes Control: डायबिटीज में मूंगफली खाना चाहिए या नहीं? इसका सेवन करने से ब्लड शुगर पर कैसा असर पड़ता है एक्सपर्ट से जानिए
जोखिम इतना बुरा नहीं है – अनुभवी निवेशक समझते हैं कि जोखिम और रिटर्न साथ-साथ चलते हैं। निवेशक सोचते हैं कि ज्यादा जोखिम लेने से उन्हें ज्यादा रिटर्न मिलेगा, लेकिन यह हकीकत नहीं है। कम जोखिम लेने से आपको वाजिब रिटर्न भी मिल सकता है। ऐसा कोई निवेश नहीं है जो ‘नो रिस्क’ के साथ आता हो इन्वेस्टमेंट करने से पहले क्या करें? और कैलकुलेटेड रिस्क लेना बिल्कुल भी बुरा नहीं है।
तेज ग्रोंथ का वादा हो सकता है नुकसानदायक – अगर कोई पोर्टफोलियो आपसे कम समय में निवेश को दोगुना या तेज ग्रोंथ का वादा करता है। तो वहां आपके नुकसान की संभावना भी ज्यादा हो सकती है। जबकि छोटे और विश्वसनीय जगह पर किया गया लंबा निवेश हमेशा फायदे का सौदा होता है।
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