10 करोड़ से ज्यादा Demat Account ओपन, शेयर बाजार में निवेश को लेकर भारतीयों में क्रेज
रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.
आदित्य के. राणा
- नई दिल्ली,
- 07 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 07 सितंबर 2022, 7:06 AM IST)
कोरोना के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था तरक्की (Indian Economy Growth) के पथ पर लगातार तेजी से दौड़ रही है. इस तरक्की का पैमाना तो नहीं लेकिन आइना शेयर बाजार को माना जाता है. शेयर बाजार में आई तेजी अक्सर इकोनॉमी की मजबूत बुनियाद का संकेत होती है. मजबूत आर्थिक बुनियाद का आइना माने जाने वाले शेयर बाजार में लोगों की भी दिलचस्पी बढ़ रही है. इसकी मिसाल है देश में तेजी से खुलते डीमैट खाते (Demat account), यानी जिस खाते के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना मुमकिन होता है. अगस्त में देश में 22 लाख नए डीमैट खाते लोगों ने खुलवाए हैं. इसके बाद देशभर में कुल डीमैट डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? खातों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ के पार निकल गई है.
2.5 साल में दोगुने हो गए डीमैट खाते
लेकिन ये नंबर कैसे वाकई महत्वपूर्ण और बड़ा है इसको समझने के लिए इसकी तुलना प्री-कोविड साल से करनी होगी. कोरोना के पहले तक देश में केवल 4.9 करोड़ डीमैट खाते थे. लेकिन जिस तरह से 2020 की शुरुआत से लेकर अक्टूबर 2021 तक भारतीय शेयर बाजार ने दुनियाभर के शेयर मार्केट्स के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए लोगों का भरोसा इस बाजार पर बढ़ा है.
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यही नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को दूसरे बाजारों से कम नुकसान हुआ है. युद्ध का असर कमजोर पड़ने के बाद जुलाई से तो निवेशक फिर से शेयर बाजार की तरफ लौटने लगे हैं. इस सबके असर से भी डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार बढ़ी है.
जून के बाद से फिर बढ़ी डीमैट खातों की रफ्तार
इस कारोबारी साल का हाल देखें तो अप्रैल में कुल डीमैट खातों की संख्या 9.21 करोड़ थी. वहीं मई में ये 9.48 करोड़, जून में 9.65 करोड़, जुलाई में 9.83 करोड़ और अब अगस्त में पहली बार 10.05 करोड़ हो गई है. ये तेजी इक्विटी निवेशकों के बढ़ते भरोसे का दमदार सबूत है. भारत में डीमैट खाता खोलने के लिए CDSL और NSDL के पास जिम्मेदारी है.
आंकड़ों के मुताबिक CDSL के डीमैट खातों की संख्या अगस्त में बढ़कर 7 करोड़ के पार निकल गई, जो जनवरी 2020 के आंकड़े से 3 गुना से भी ज्यादा है. वहीं NSDL के पास करीब 2.9 करोड़ डीमैट खातों की जिम्मेदारी है. हालांकि एसेट्स अंडर कस्टडी यानी AUC के हिसाब से देखें, तो फिर CDSL के पास साढ़े 38 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं. जबकि NSDL के पास करीब 320 ट्रिलियन रुपये के AUC हैं, जो अप्रैल 2020 में 174 ट्रिलियन रुपये थे.
शेयर बाजार में 6 फीसदी से भी कम लोग करते हैं निवेश
हालांकि, 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट खाते होने की एक वजह ये भी है कि कुछ लोगों के एक से ज्यादा डीमैट खाते हैं. अलग अलग ब्रोकर्स से डीमैट खाता खुलवाने की वजह से ये नंबर ज्यादा है. अनुमान है कि भारत में 6-7 करोड़ लोगों के पास डीमैट खाते होंगे. इनमें से भी सभी निवेश नहीं करते हैं, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुल आबादी में से 6 फीसदी से भी कम लोग शेयर बाजार में निवेश करते होंगे. भारतीय निवेशक सीधे शेयर बाजार में निवेश करने के अलावा म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के जरिए भी इक्विटी में रकम लगाते हैं.
शेयर बाजार में फिर लौट रही है तेजी
अक्टूबर 2021 के बाद जून 2022 तक फेड रिजर्व के ब्याज बढ़ाने, महंगाई में तेजी आने और रूस-यूक्रेन युद्ध के असर से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 33 अरब डॉलर निकाले थे. लेकिन अब मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही में एक बार फिर से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में लौटने लगे हैं.
इस तिमाही में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 7.6 अरब डॉलर भारतीय इक्विटी बाजारों में लगाए हैं. सेंसेक्स भी अब अक्टूबर 2021 के ऑल टाइम हाई से महज 5 फीसदी पीछे है. वैसे भी भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों के मुकाबले जबरदस्त प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है. इस साल एसएंडपी 500 18 फीसदी कमजोर हुआ है तो निफ्टी 1.8 प्रतिशत बढ़ा है.
रिटेल निवेशकों के भरोसे बढ़ रहा है शेयर बाजार
FPIs ने जब भारतीय बाजारों से पैसा निकाला, तो दुनिया के बाकी शेयर बाजारों के मुकाबले यहां पर कम गिरावट की वजह रही रिटेल निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी. IPO मार्केट ने भी रिटेल निवेशकों को शेयर बाजार की तरफ लगातार आकर्षित किया है.
यहां तक की अप्रैल-जून तिमाही में जब जून में डीमैट खाते खुलवाने की रफ्तार 16 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गई थी, तब भी उस महीने 18 लाख डीमैट खाते खुलवाए गए थे. रिटेल निवेशकों की इक्विटी मार्केट में सीधी बढ़ती हिस्सेदारी और SIP के जरिए पैसा लगाने की चाहत ने भारतीय शेयर बाजार को दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में शुमार किया हुआ है.
शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया
Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं.
What is Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं. नई तकनीक के साथ चीजें अधिक डाइनामिक हो गई हैं. आज के समय में ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है. आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना आसान नहीं है. बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए हुआ. इसमें सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है. शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई. डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है. डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है. डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. इस तरह, डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं.
Stock Market Closing: 1 दिन में निवेशकों के 2.5 लाख करोड़ साफ, सेंसेक्स 879 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 18415 पर
डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं?
- सबसे पहले, अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें. फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा.
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे.
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं. जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.
(स्रोत: एंजेल ब्रोकिंग)
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क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।
क्या आपको पता है शेयरों में एसआईपी के जरिये भी किया जा सकता है निवेश? जानें कैसे कर सकते हैं शुरू
क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? एसआईपी.
क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। डीमैट खाता खुलने के बाद आप अपने मोबाइल एप के जरिये ब्रोकर के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए शेयर बाजार से शेयरों की खरीद सकते हैं। इसके लिए आपका बैंक खाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप महीने में एक तय राशि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर खरीदने में लगा सकते हैं।
शेयरों में एसआईपी कैसे शुरू करें
शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्यादि के बारे में बताना पड़ता है। ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा। इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्हें आपने चुना है। ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्टम के अनुसार एग्जीक्यूट होते हैं। आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं। शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें। आप बता सकते हैं कि हर एक शेयर में
मजबूत कंपनियों के शेयरों में करें निवेश
म्यूचुअल फंड में जब आप एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो उसका प्रबंधन म्यूचुअल फंड मैनेजर करता है। लेकिन स्टॉक एसआईपी जिसे 'ई-सिप' कहा जता है उसमें निवेश का प्रबंधन खुद करना होता है या फिर आपका ब्रोकर इसे संभालता है। पको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं। ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों। ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है। यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें।
बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल करना आसान
ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश करते हैं। आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं। निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है। इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई रिटर्न का फायदा मिलता है। म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है। लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है। इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है। जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है
इन बातों का रखें ध्यान
शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्टॉक एसआईपी रीक्वेस्ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं। आप किसी भी समय स्टॉक एसआईपी इंस्ट्रक्शन को कैंसिल या बदल सकते हैं। यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी।
Demat login new rules: डीमैट लॉग इन के लिए ज़रूरी
1 अक्टूबर, 2022 से डीमैट अकाउंट इसके बगैर लॉग इन नहीं किया जा सकेगा
- Date : 09/09/2022
- Read: 3 mins Rating : -->
डीमैट खाताधारकों ने यदि ‘टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ विकल्प नहीं चुना (इनेबल न किया) तो इक्विटी बाजार में कारोबार करने के लिए लॉग इन नहीं कर सकेंगे।
Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।
सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? पजेशन फैक्टर।
ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।
TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।
डीमैट खाते के लिए डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।
माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।
जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,
- गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
- माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
- ऑथी Authy
- लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
- बिटवॉर्डन Bitwarden
अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।
डीमैट अकाउंट क्या होता है
Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।
सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।
ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।
TOTP का मतलब है टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड। आमतौर पर ईमेल या एसएमएस संदेशों द्वारा भेजे जाने वाले प्रचलित पासवर्ड (OTP) के स्थान पर TOTP पासवर्ड ग्राहक के फ़ोन पर मौजूद ऐप में ही उपलब्ध कराए जाते हैं। सामान्यतया इनकी वैधता भी बहुत ही कम समय के लिए होती है।
डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें? इनेबल करें)
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।
माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।
जेरोधा (Zerodha) के अनुसार TOTP प्राप्त करने के लिए निवेशकों को नीचे दिए गए ऐप की सूची में से किसी एक ऐप को अपने निजी कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन पर डाउनलोड करना होगा,
- गूगल ऑथेंटिकेटर Google Authenticator
- माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर Microsoft authenticator
- ऑथी Authy
- लास्ट पास ऑथेंटिकेटर Last Pass Authenticator
- बिटवॉर्डन Bitwarden
अपस्टॉक्स (Upstox) के ग्राहक को लॉग इन करने के लिए OTP/पिन देना होगा। मोबाइल द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक के साथ ओटीपी या पिन का प्रयोग किया जा सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 83