सांकेतिक फोटो।

मानव विकास सूचकांक में भारत नीचे खिसका, पहुंचा 132 वें स्थान पर

मानव विकास सूचकांक में भारत 131 प्रमुख संकेतक और सूचकांक वें स्थान से खिसककर 132 वें स्थान पर चला गया है. ये आंकड़ें 2021 के हैं. 2020 में भारत 131वें स्थान पर था. कुल 191 देशों की सूची में भारत का यह स्थान है. चार संकेतकों - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) के माध्यम से इसे मापी जाती है. India ranks 132 out of 191 countries in human development index .

नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में 132वें पायदान पर खिसक गया है. भारत का 0.6333 का एचडीआई मान देश को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है, जो 2020 की रिपोर्ट में इसके 0.645 के मान से कम है. वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर था. India ranks 132 out of 191 countries in human development index.

मानव विकास सूचकांक 2020 में भारत को मिला 131 वां स्थान

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) में 189 देशों में अपने पिछले स्थान से दो पायदान फिसलकर 131 वें स्थान पर आ गया है।

रिपोर्ट के अनुसार:

  • इस सूचकांक में नॉर्वे सबसे ऊपर है, इसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड हैं।
  • निम्न मानव विकास श्रेणी में 189 वें स्थान पर नाइजर सबसे कम रैंक वाला देश है, जिसका स्कोर 0.394 है।
  • भारत (131), भूटान (129), बांग्लादेश (133), नेपाल (142), और पाकिस्तान (154) को मध्यम मानव विकास वाले देशों में स्थान दिया गया।
  • ब्रिक्स समूह में, रूस मानव विकास सूचकांक में 52, ब्राजील 84 और चीन 85 वें स्थान पर था।

मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें पायदान पर खिसका

मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें पायदान पर खिसका

सांकेतिक फोटो।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में 132वें पायदान पर खिसक गया है। वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर था। रिपोर्ट में कहा गया है, वैश्विक रुझानों की तरह, भारत के मामले में भी 2019 में एचडीआइ 0.645 था जो 2021 में 0.633 तक आ गया, इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट (69.7 से घटकर 67.2 वर्ष होने को) जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। भारत में स्कूली शिक्षा का अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष और स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 6.7 साल है।

मानव विकास सूचकांक क्या होता है

मानव विकास को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) के रूप में मापा जाता है. इसे मानव विकास की आधारभूत उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक (composite indicator) के रूप में मापा जाता है और विभिन्न देशों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के क्षेत्र में की गई उन्नति के आधार पर उन्हें श्रेणी (rank) प्रदान करता है. यह श्रेणी 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है, जो एक देश, मानव विकास के महत्त्वपूर्ण सूचकों में अपने रिकॉर्ड से प्राप्त करता है. मानव विकास सूचकांक UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा नापा जाता है. UNDP का headquarter न्यूयॉर्क में है. इसकी स्थापना 1965 को हुई थी. चलिए जानते हैं मानव विकास सूचकांक क्या होता है और इसको मापने के लिए किन पैमानों (measures) का प्रयोग किया जाता है?

शिक्षा

यहाँ पर शिक्षा प्रमुख संकेतक और सूचकांक का अभिप्राय प्रौढ़ साक्षरता दर तथा सकल नामांकन अनुपात से है. इसका अर्थ यह है कि पढ़ और लिख सकने वाले प्रमुख संकेतक और सूचकांक वयस्कों की संख्या तथा विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक होने से सूचकांक (index) में वृद्धि होती है.

संसाधनों तक पहुँच को करी शक्ति (अमेरिकी डॉलर में) के सन्दर्भ में मापा जाता है.

सूचकांक निर्मित करने के लिए प्रत्येक सूचक के लिए सर्वप्रथम न्यूनतम तथा अधिकतम मान निश्चित कर लेते हैं:

जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 25 वर्ष और 85 वर्ष

सामान्य साक्षरता दर: 0 प्रतिशत और 100 प्रतिशत

प्रतिव्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (PPP)

$100 अमेरिकी डॉलर और $40, 000 अमेरिकी डॉलर. इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता (weights) दी जाती है. मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) इन सभी आयामों को दिए गए weights का कुल योग होता है. स्कोर, 1 के जितना निकट होता है, मानव विकास का स्तर उतना ही अधिक होता है. इस प्रकार 0.983 का स्कोर अति उच्च स्तर का, जबकि 0.268 मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर माना जायेगा.

2015 में भारत ने 130वाँ स्थान लाया और भारत का स्कोर था – – 0.609. Norway ने 1st rank, Australia ने 2nd रैंक और Switzerland 3rd स्थान प्राप्त किया.

प्राप्तियाँ और कमियाँ (Attainment and Shortfalls)

मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास में प्राप्तियों एवं कमियों को मापता है.

प्राप्तियाँ (ATTAINMENTS):

प्राप्तियाँ मानव विकास के प्रमुख प्रमुख संकेतक और सूचकांक क्षत्रों में की नई उन्नति की सूचक हैं. ये सर्वाधिक विश्वनीय माप नहीं है, क्योंकि ये वितरण (distribution) के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं देती.

मानव गरीबी सूचकांक, मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) से सम्बंधित है और मानव विकास में कमियों को मापता है. इनमें कई पक्षों को सम्मिलित किया जाता है, जैसे – 40 वर्ष कम आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता (feasibility), प्रौढ़ निरक्षरता दर (adult illiteracy rate), स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्प्भार वाले छोटे बच्चों की संख्या (number of underweight children) आदि. मानव विकास सूचकांक इन पैमानों (measures) द्वारा संयुक्त अवलोकन कर के किसी देश में मानव विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है|

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक के 189 देशों की सूची में भारत 131वें स्थान पर

Children of slum dwellers play under a pushcart in New Delhi December 19, 2006. REUTERS/Ahmad Masood/Files

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में 189 देशों में मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) की सूची में भारत को 131वां स्थान प्राप्त हुआ. भारत की रैंकिंग में एक स्थान की गिरावट दर्ज की गई है.

मानव विकास सूचकांक के जरिये किसी देश प्रमुख संकेतक और सूचकांक के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर के मानकों को प्रमुख संकेतक और सूचकांक मापा जाता है.

मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल थी. बांग्लादेश में यह 72.6 साल और पाकिस्तान में 67.3 साल थी.

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