शेयर क्या है | शेयर कितने प्रकार के होते है | शेयर कि सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (What Is Share In Hindi) 2022
बिज़नेस क्षेत्र में और निवेश के क्षेत्र में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है, शेयर के बारे में आप सुनते हैं, लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या है ( Share Kya Hai ) तो कोई बात नहीं। आज हम इस पोस्ट में जानेगें कि What is Share in Hindi और शेयर कितने प्रकार कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? के होते है ( share kitne prakar ke hote hain ) , यह कैसे काम करते है, शेयर कैसे बनते है आदि .
Share meaning in Hindi – शेयर क्या होता है
Share Kya Hota Hai :- शेयर का अर्थ होता है “हिस्सा” Share meaning in Hindi “कंपनी का मालिकाना हक” जिसे हम हिंदी में शेयर कहते है अगर आसान भाषा में समझे तो किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा जो की एक शेयर (one share) होता हैं। यह बिलकुल इस चीज पर निर्भर करता है की कंपनी के स्वमित्व को कितने भागों यानि शेयर में बांटा गया है। एक शेयर कंपनी की पूंजी का सबसे छोटा भाग होता हैं।
What is share in Hindi – शेयर क्या है
“ जब किसी कंपनी की कुल पूंजी को एक सामान कई हिस्सों में बांट दिया जाये तब जो पूंजी का एक सबसे छोटा हिस्सा बनता है उस हिस्से को शेयर कहा जाता है।”
जब किसी कंपनी को पूंजी की आवश्यकता होती है, तो पूंजी के लिए पब्लिक को ऑफर करती है। यानि कंपनी के मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी को public कर देता है और खुद को NSE या BSE में register करके shares issue कर देते है जिसके बाद आम लोग उन shares को खरीद लेते है और बाद में वही investor उन शेयर्स को मूल्य बढ़ने और घटने के आधार पर exchange में बेच देते है, फिर उसके बाद लोग exchange में shares पर trading करके मुनाफा कमाते है। इन्ही शेयर्स को कंपनी के शेयर्स कहा जाता है।
जब किसी कंपनी के shares को पहली बार मार्किट में निकाला जाता है तब वो IPO (initial public Offer) आईपीओ के लिए जाते है और फिर shares Investors अपने सूझ-बुझ से उसको खरीदते है।
कंपनी के एक शेयर के कुछ मूल्य निर्धारित होता है, उस शेयर के आधार पर पब्लिक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं। जब कंपनी ग्रोथ करती है तो शेयर का दाम भी बढ़ता है और जब कंपनी घाटे में जाती है तो शेयर का मूल्य गिरता है।
Share Kise Kahate Hain
शेयर एक कंपनी में आपके हिस्सेदारी का एक सबूत होता है यानि आपने जिस कंपनी के शेयर को खरीदा है कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? और आप उस शेयर के कारण उस कंपनी में मालिकाना हक रखते हैं। कंपनी जब ग्रोथ करेगी तो आपको भी मुनाफ़ा होगा यानि आपके खरीदे गए शेयर का मूल्य बढ़ेगा, नुकसान में आपके शेयर का मूल्य घटेगा।
Shareholder Kise Kehte Hain – शेयर होल्डर किसे कहते है
Share holder का मतलब होता है (हिस्सेदार) आसान भाषा में – जब कोई कंपनी का शेयर किसी व्यक्ति द्वारा खरीदा जाता है तो उस शेयर के मालिक यानि शेयर खरीदने वाला व्यक्ति Share holder कहलाता है।
Company Share Kyu Bechti Hai – कंपनी शेयर क्यों बेचती है
किसी भी संस्था या कंपनी को बड़ा करने के लिए सबसे पहली चीज पूंजी की आवश्यकता होती है। तब पूंजी में निवेश के लिए कम्पनियाँ shares बेचती है क्योकि बड़ी-बड़ी कंपनी को चलाना या छोटी कंपनी को बड़ा बनाना आसान नहीं है, इसके लिए बहुत पैसे की जरूरत तो होगी ही और इतनी बड़ी रकम हर किसी के पास नहीं होती, बैंक के नियम भी अलग अलग होते हैं। कंपनी के नुकसान के बाद भी लोन का पैसा चुकाना होता है, लेकिन यहाँ वो बात नहीं है, इसलिए कंपनी शेयर बेचती है।
शेयर कितने प्रकार के होते है – Types Of Shares in Hindi
शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जिनमे Equity शेयर भी शामिल है :
- Equity Share (इक्विटी शेयर)
- Preference Share (परेफरेंस शेयर )
- DVR Share (डी वी आर शेयर )
शेयर कैसे ख़रीदे – Share Me Investment Kaise Kare
बिना जानकारी के शेयर खरीदना आपके बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है, किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आपको शेयर बाज़ार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए अब जानते है कि शेयर कैसे ख़रीदे जाते है और शेयर खरीदने के लिए क्या करना पड़ता है।
शेयर खरीदने के लिए आपके पास एक demat account होना चाहिए। उसके बाद आपको बस अपने demat account में जाकर share पर bid लगा कर share को buy करना पड़ता है और sell करना पड़ता है। और आप बड़ी ही आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते है और अच्छा खासा मुनाफा कामा सकते है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि शेयर मार्किट से पैसा कैसे कमाया जाता है, यहाँ मैंने नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए इसके बारे में बताया है। इसे जरूर पढ़े।
शेयर खरीदने के नियम
शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के कुछ नियम है जिनका पालन किये बिना आप शेयर नहीं खरीद सकते अगर आप शेयर मार्किट के नियम के बारे में जानना चाहते है तो आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
उम्मीद करता हूँ, इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद शेयर क्या है ( What is share in Hindi / share kya hai ), शेयर कितने प्रकार के होते है (Types Of Shares in Hindi ) इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी। इस सम्बन्ध में आपका कोई सवाल हो जिसको इस पोस्ट में मैंने कवर नहीं किया हो, तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। इसके साथ ही मुझे सपोर्ट करने के लिए उन जरुरत मंद लोगों तक इस पोस्ट को शेयर करें, जिन्हे शेयर मार्किट के बारे में नहीं पता हो।
Share Buyback क्या होता है, शेयर बायबैक के फायदे
What is a share buyback साल 2022 में TCS और Gail जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने शेयर बायबैक करने की घोषणा की थी. शेयर मार्केट में यदि आप रुचि रखते हैं या फिर लेनदेन करते हैं तो आपने इस तरह की खबरों को जरूर सुना होगा.
शेयर मार्केट में बायबैक क्या होता है? इस बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं क्योंकि ये टर्म काफी कम बार उपयोग होती है और अधिकतर लोग इसका सही मतलब नहीं जान पाते हैं. शेयर मार्केट में रुचि रखने वाले लोगों को शेयर बायबैक क्या है? इस बारे में जरूर जानना चाहिए.
शेयर बायबैक क्या है? What is a share buyback
कोई भी कंपनी ग्रोथ करने के लिए या अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए शेयर मार्केट में लिस्ट होकर अपने शेयर बेचती है और अपने बिजनेस के लिए पैसा जुटाती है. इस प्रोसेस में कंपनी को अपने शेयर बेचने होते हैं.
शेयर खरीदने वाले लोगों को investor कहा जाता है. ये अपना पैसा देकर कंपनी के शेयर खरीदते हैं. जब शेयर के दाम बढ़ते हैं तो इन्वेस्टर को फायदा होता है और जब शेयर के दाम घटते हैं तो इन्वेस्टर को घाटा होता है.
इस पूरी प्रोसेस में कंपनी को अपना Business आगे बढ़ाने का पैसा मिलता है और बदले में कंपनी की हिस्सेदारी लोगों के पास चली जाती है. मतलब जितने शेयर कंपनी के बिक जाते हैं उतनी हिस्सेदारी कंपनी खो देती है.
कोई भी कंपनी अपने एक दो शेयर को मार्केट में नहीं उतारती है बल्कि किसी भी कंपनी के लाखों और करोड़ों शेयर होते हैं. इन शेयर को मैनेज करना, इन्हें खरीदना-बेचना अपने आप में ही बहुत बडा काम है.
जब कोई कंपनी अपने शेयर को मार्केट से कम करना चाहती है यानि वो खुद ही अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है तो वो शेयर बायबैक करती है. मतलब वो मार्केट से शेयर को फिर से खरीदती है. ऐसा करने से वो खुद उन शेयर की मालिक बन जाती है जो उसने बेचे थे.
शेयर बायबैक कैसे होता है?
शेयर बायबैक का मतलब है ‘अपने शेयर फिर से खुद खरीदना’. अब ये दो तरीके से होता है.
पहला तरीका होता है टेंडर से शेयर बायबैक करने का. इसमें शेयरधारकों के लिए एक टेंडर जारी किया जाता है जिसमें बाजार मूल्य से ज्यादा मूल्य देकर एक तय अवधि में सभी शेयर को वापस खरीद लिया जाता है.
मतलब आपकी कोई कंपनी है और उसके शेयर मार्केट में लोगों के पास है. वर्तमान में आपके एक शेयर का रेट 150 रुपये है. तब आप टेंडर जारी करेंगे कि 20 अक्टूबर 2022 तक सभी शेयर धारक 180 रुपये प्रति शेयर के रेट पर शेयर को लौटा दें. इसमें शेयरधारकों को ही फायदा रहता है क्योंकि कंपनी वर्तमान रेट से ऊपर का भाव शेयर पर दे रही है.
टेंडर वाले तरीके में ये जरूरी नहीं कि कंपनी के पास सभी शेयर वापस आ जाए. आपके पास हैं और आप अभी शेयर को नहीं बेचना चाहते तो आप उसे बेचने के लिए बाध्य नहीं है. लेकिन कंपनी अगर बायबैक के लिए टेंडर निकाल रही है तो वो उसे तय समय तक कैंसिल नहीं कर सकती है.
कंपनी ने टेंडर में जो जिस तारीख तक के लिए जो प्राइस फिक्स किया है उसे उसी प्राइस पर आने वाले सभी शेयर को खरीदना होगा. कंपनी इन्हें खरीदने से मना नहीं कर सकती.
शेयर बायबैक करने का दूसरा तरीका है ओपन मार्केट. शेयर मार्केट से जैसे आम निवेशक शेयर खरीदते हैं वैसे ही कंपनी के ब्रोकर भी एक बड़ी मात्रा में शेयर को खरीदते हैं. ओपन मार्केट में होने वाला शेयर बायबैक बहुत ही नॉर्मल होता है.
इसमें जो मार्केट में शेयर का रेट चल रहा है उसी रेट पर कंपनी उन्हें वापस लेती है. ओपन मार्केट में कंपनी शेयर बायबैक को कैंसिल करने का अधिकार भी रखती है. इसमें कंपनी पर शेयर को खरीदने की बाध्यता भी नहीं होती है. कंपनी अपनी मर्जी के मुताबिक जब तक चाहे ओपन मार्केट से शेयर को उठा सकती है और जब चाहे तब मना कर सकती है.
शेयर बायबैक करने का फायदा benefits of share buyback
खुद के शेयर खुद खरीदने से कंपनी को क्या फायदा होगा. उसे तो जेब से इन्वेस्टर को पैसा देना पड़ रहा है. ऐसे में शेयर बायबैक करने का कंपनी को क्या फायदा होता होगा?
शेयर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? बायबैक करना एक ऐसी प्रोसेस है जो कंपनी और इन्वेस्टर दोनों के लिए फायदेमंद साबित होता है. इसमें इन्वेस्टर का फायदा तो हो ही रहा है क्योंकि उसे मार्केट रेट से ज्यादा पर शेयर बेचने को मिल रहा है. मतलब उसकी भविष्य की रिस्क खत्म हो गई. उसने फायदे का सौदा किया.
दूसरी ओर लोगों को लगता है कि अपने ही शेयर कंपनी को खरीदने में घाटा है लेकिन ऐसा नहीं है. खुद के शेयर कंपनी यदि खरीदती है तो उसका फायदा ही होता है.
आप खुद सोचिए कि आपने कोई बिजनेस शुरू किया. इसमें कुल 10 लाख रुपये लगे. इन 10 लाख में से 7 लाख आपने अपनी जेब से लगाए और 3 लाख आपके दोस्त ने लगाए. और ये तय किया गया कि प्रॉफ़िट में से 10 प्रतिशत आपके दोस्त का रहेगा.
इस पूरे बिजनेस को आप संभालेंगे, उसमें मेहनत करेंगे, उसे आगे बढ़ाने का प्रयत्न करेंगे, दिन रात उसके लिए काम करेंगे लेकिन होने वाले प्रॉफ़िट में से 10 प्रतिशत प्रॉफ़िट आपको उस दोस्त को देना होगा जिसने 3 लाख रुपये लगाए हैं. ये कुछ समय तक तो आपको हजम होगा लेकिन बाद में आपको ये ठीक नहीं लगेगा क्योंकि पूरी मेहनत आप कर रहे हैं और प्रॉफ़िट कोई और ले जा रहा है.
ऐसे में आप चाहेंगे कि आप आपके दोस्त के 3 लाख वापस देकर पूरे 100 प्रतिशत प्रॉफ़िट को कमाएं. बस यही शेयर बायबैक करने पर कंपनी को भी होता है. शेयर के माध्यम से कंपनी आपको उनका प्रॉफ़िट ही तो दे रही है.
जब कंपनी आर्थिक रूप से सक्षम हो जाती है तो वो शेयर बायबैक करके अपनी हिस्सेदारी वापस ले लेती है और निवेशकों को उनके द्वारा निवेश किए गए धन से ज्यादा धन दे देती है. बस यही शेयर बायबैक का गणित होता है.
शेयर बायबैक करना किसी भी कंपनी के लिए फायदे का सौदा होता है, क्योंकि इसमें वो इन्वेस्टर को अपनी मर्जी की राशि देती है, मतलब शेयर पर पूरी तरह उनका कंट्रोल है. जितने शेयर उनके पास वापस आ जाएंगे उन पर फिर से कंपनी का कंट्रोल हो जाएगा
How to Invest In Share Market: शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करते हैं, आइये प्रेम से समझते हैं
How to Invest in Share Market: शेयर मार्केट ये नाम सुन कर ऐसा लगता है कि ये कोई जुआं है जिसमे लोग पैसा लगाते हैं और भाग्य साथ दिया तो लॉटरी लग गई और नहीं दिया तो कंगाल हो गए, लेकिन ऐसा कतई नहीं है, शेयर मार्केट की दुनिया को आप अच्छे से समझ लें इसी लिए हम आपको इधर प्रेम से एक-एक पहलु के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आपको इन्वेस्ट करने के लिए किसी और से बार-बार कुछ पूछना नहीं पड़ेगा।
शेयर में इन्वेस्ट कैसे करते हैं (How To Invest In Share Market)
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको एक ब्रोकर की ज़रूरत पड़ती है, कोई भी बिना किसी ब्रोकर के अपने शेयर ना तो खरीद सकता है और ना ही बेच सकता है, आज कल कई शेयर मार्केट ब्रोकिंग कंपनियों ने अपने एप्लीकेशन बना दिए हैं, जिसमे इन्वेस्ट करना और शेयर बेचना काफी आसान हो गया है।
इन्वेस्ट करने के लिए क्या चाहिए (How To Start Investing In Share Market)
सबसे पहले आपके पास एक DE Mat Account होना चाहिए, इसी अकाउंट के माध्यम से आप शेयर खरीदेंगे और बेचेंगे, डीमेट अकाउंट आपकी चुनी हुई ब्रोकिंग कंपनी बनाती है, ये किसी बैंक में नहीं खुलता, बल्कि बैंक खाते का ही डीमेट अकाउंट खुलता है।
ये DE Mat अकाउंट क्या होता है (What is De Mat Account)
De Mat Account का मतलब होता है De-Materialized account, इसमें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को इलेक्ट्रॉनिक रूप कह लीजिये कि डिजिटली रूप से रखा जाता है, इसके ज़रिये Mutual Fund, Bond, Government Securities, भी रखी जाती है, De Mat account से SEBI के गाइडलाइन पर ही शेयर खरीदा या बेचा जाता है।
What Is Trading Account
Trading Account के ज़रिये ही आप स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं। ब्रोकिंग फर्म आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट बना कर देती है, जिसमे आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है, इसके बाद आप ब्रोकिंग फर्म के ऐप से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट खाते के लिए एक मिडयम की तरह काम करता है
मान लीजिये आप 10 शेयर खरीदना चाहते हैं, तो पहले आप अपने बैंक सेविंग अकाउंट से पैसा ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे, इस प्रोसेस को फंड एडेड कहा जाता है।
What Is Share
किसी भी कंपनी को अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है, इसी लिए वो अपना शेयर जारी करती है, आप जितना शेयर खरीदते हैं उतने परसेंट के मालिक बन जाते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता है कि आपने रिलायंस का शेयर खरीदा है तो आप अगले दिन कंपनी के ऑफिस में घुस कर शेखी बघारने लगे. अगर कंपनी को प्रॉफिट होता है तो आपको भी प्रॉफिट होगा और अगर कंपनी को घाटा होता है तो आपको भी होगा।
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए क्या दस्तावेज चाहिए (Documents Required For Investing In Share Market)
1. आपके पास PAN Card होना चाहिए,
2. KYC होनी चाहिए, इससे संस्था अपने ग्राहक के पहचान और पते को वेरिफाई करती है,
ब्रोकर को कैसे चुनें (How To Choose Broking Firm)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए आपको एक भरोसेमंद ब्रोकिंग फर्म की जरूरत होती है। जैसे Angel Brokering, Sharekhan, आईसीआईसीआई या फिर India Bulls,
ब्रोकिंग फर्म कैसे काम करती हैं (How Broking Firm Works)
किसी भी शेयर की ट्रेडिंग के लिए ब्रोकिंग फर्म ही आपका माध्यम होते हैं। आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकिंग फर्म आपसे चार्ज लेते हैं, जैसे टोटल अमाउंट का 0.1 से लेकर 0.5% तक, ब्रोकिंग फर्म भी 2 तरह की होती हैं एक Full Time Broker, और दूसरा Discounting Service Broking,
Full Time Broker आपको कॉल कर के शेयर मार्केट की जानकरी देते रहते हैं, और अन्य फेसिलिटी भी देते हैं, आपके कहने पर आपका पैसा लगा देते हैं। लेकिन कुछ Full Time Broker कंपनी इसके बदले 0.10% तक ब्रोकिंग लेती है
Discounting Service Broking में आप सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं, कंपनी आपको कुछ नहीं बताती,
इन्वेस्ट करने का तरीका (Investing Category)
इन्वेस्ट करने के 2 तरीके होते हैं पहला Intraday Trading, और दूसरा Delivery Base Trading.
What Is Intraday Trading In Hindi
इन्वेस्ट करने का यह एक तरीका होता है, जिसे Intraday Trading कहते हैं। इसमें आप उसी दिन शेयर खरीद कर उसी दिन बेचते हैं, अगर शेयर की वेल्यू बढ़ गई और आपने उस वक़्त उसे बेच दिया फिर तो कमाई हो गई, और अगर आप मार्केट बंद होने के बाद भी शेयर नहीं बेच पाते तो जो शेयर की करेंट वेल्यू रहती है उसमे वह खुद बिक जाते हैं।
What Is Delivery Base Trading
इसमें आप शेयर को होल्ड कर के रख सकते हैं, जबतक आपका मन करे तबतक, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कह लीजिये, इसमें रिस्क कम रहता है और हो सकता है जो शेयर आप आज 10 रुपए का खरीदें वो 10 साल बाद 2 हाज़र रुपए का हो जाए।
List Of Share Market Investing Platforms
आज के समय में शेयर में इन्वेस्ट करना बहुत आसान हो गया है, आप किसी भी ब्रोकिंग कंपनी का ऐप डाउनलोड कर के उसमे रेजिस्टर कर सकते हैं।
6. Kotak Stock Trader App
8. Motilal Oswal Trading App
शेयर मार्केट की ऐसी ही जानकारी को जानने के लिए RewaRiyasat.com को फॉलो करिये
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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गुपचुप तरीके से काम करती है TATA की यह कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? कंपनी, निवेशकों की एक साल में बल्ले-बल्ले
Multibagger Stock : पिछले एक साल में ही कई शेयर ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है. टाटा का एक ऐसा ही शेयर है, जिसके बारे में शायद ही आपने नाम सुना हो. लेकिन इस शेयर ने एक साल में निवेशकों के पैसे को 10 गुना कर दिया है.
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नई दिल्ली : Multibagger Stock : देश और दुनिया में टाटा एक ऐसा नाम है, जिस पर लोग जमकर विश्वास करते हैं. टाटा ग्रुप की कंपनियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. टाटा की कई कंपनियां ऐसी हैं, जिनके नाम पर टाटा लिखा है और उन्हें पहली बार में ही पहचान लिया जाता है. लेकिन कई कंपनियां ऐसी हैं, जिनके नाम के आगे टाटा नहीं लिखा हुआ. आमतौर पर ऐसी कंपनियों पर लोग ध्यान नहीं देते.
सालभर में ही 10 गुने हुए पैसे
लेकिन ऐसी ही कुछ कंपनी निवेशकों को बंपर फायदा दे रही हैं. फायदे का आलम यह है कि निवेशकों के पैसे सालभर में ही 10 गुने हो गए हैं. यानी जिसने एक साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया था, अब वह बढ़कर 10 लाख रुपये हो गया है. हालांकि जिस कंपनी के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसके बारे में शायद ही आपने सुना हो.
क्या है कंपनी का नाम?
जिस कंपनी के बारे में हम बात कर रहे हैं वह टाटा ग्रुप की 'ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग और असेंबली' (Automotive Stampings & Assemblies Ltd) है. यह टाटा की ही एक साल में 1000 फीसदी का रिटर्न देने वाली कंपनी है.
1 लाख के हुए 10 लाख
12 मार्च 2021 को ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग और असेंबली कंपनी का शेयर 37.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. सोमवार को बंद हुए कारोबारी सत्र में इस कंपनी का शेयर बढ़कर 397.70 रुपये पर पहुंच गया. सोमवार को ही इसमें करीब 5 प्रतिशत की तेजी आई है. इस तरह इसमें एक साल में ही 10 गुने से ज्यादा का रिटर्न दिया है. छह महीने पहले यह शेयर 56.70 रुपये के स्तर पर था.
क्या करती है यह कंपनी?
यह कंपनी मुख्य रूप से टाटा मोटर्स के लिए शीट मेटल स्टैम्पिंग, वेल्डेड असेंबली और पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स के लिए मॉड्यूल बनाती है. इसके अलावा,यह कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को जनरल मोटर्स इंडिया, फिएट इंडिया, पियाजियो वाहन, अशोक लीलैंड, जेसीबी, टाटा हिताची और एमजी मोटर्स जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपने उत्पाद बेचती है.
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