प्रियाः इसका सबक ये है कि जब ब्याज दरें गिरती दिख रही हों तो 4 से 6 साल या इससे ज्‍यादा की लंबी अवध‍ि वाले डेट म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगा दे.

धन महोत्सव

मुझे डेट फंड्स में निवेश क्यों करना चाहिए?

हमारे शरीर क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए अलग-अलग पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है और एक ही तरह का भोजन सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकता। इसलिए, हमें अपने शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए उचित अनुपात में अलग-अलग किस्म का भोजन खाना चाहिए। हमारे शरीर की तंदुरुस्ती में हर पोषक तत्व की एक अनोखी भूमिका होती है (उदाहरण के लिए, कार्बोहाइड्रेट्स हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं जबकि प्रोटीन ऊत्तकों के विकास और मरम्मत में मदद करते हैं)।

इसी तरह, हमें अपनी वित्तीय बेहतरी के लिए जीवन में एक संतुलित निवेश पोर्टफोलियो की ज़रूरत होती है। पोर्टफोलियो के भीतर, हमें ऐसी अलग-अलग किस्म की संपत्तियों (एसेट्स) के मिश्रण की ज़रूरत होती है जो हमारे आहार में विभिन्न पोषक तत्वों की तरह अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हैं। वित्तीय सुरक्षा और खुशहाली के लिए किसी भी व्यक्ति को हमेशा अलग-अलग किस्म की संपत्तियों में निवेश करना चाहिए जैसे इक्विटी, निश्चित आय, सोना और रीयल-एस्टेट। व्यक्तिगत निवेशकों को कुछ एसेट क्लासेज़ में सीधे निवेश करना मुश्किल लग सकता है जैसे निश्चित आय, जिसमें बॉन्ड्स और मुद्रा बाज़ार के साधन शामिल हैं। इसके बजाय, वे डेट फंड्स में निवेश कर सकते हैं जो ऐसी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। वे कम लेकिन तुलनात्मक रूप से स्थिर रिटर्नदेते हैं, इसलिए वे आपके इक्विटी, सोने और रीयल-एस्टेट निवेश के पोर्टफोलियो को संतुलन प्रदान करते हैं।

समझें डेट फंड्स में निवेश की ये खास रणनीति, कम जोखिम में मिलेगा ऊंचा रिटर्न

समझें डेट फंड्स में निवेश की ये खास रणनीति, कम जोखिम में मिलेगा ऊंचा रिटर्न

गुड़गांव की कनिका फैशन डिजाइनर हैं. कामकाज में वे इतनी बिजी रहती हैं कि अपने लिए तक वक्त नहीं निकाल पातीं. यही वजह है कि इन्वेस्टमेंट (investment) का नाम आते ही कनिका के हाथ-पैर फूलने लगते हैं. अपनी व्यस्तता के चलते कनिका बाजार (stock market) के रिस्क से दूर रहना ही ठीक समझती हैं. इसीलिए उन्होंने पैसा डेट म्यूचुअल फंड्स (debt mutual funds) में लगाया है. यानी रिस्क भी नहीं और ठीक-ठाक रिटर्न भी. हाल में उन्हें किसी ने बताया कि डेट म्यूचुअल फंड्स में भी इन्वेस्टमेंट की स्ट्रैटेजी होती है. अब ये बात कनिका को पता नहीं थी. आखिर, डेट जैसे प्लेन कॉन्सेप्ट में क्या स्ट्रैटेजी हो सकती है? कनिका फंस चुकी थीं. सोचा, जिस माथापच्ची से बच रही थी, अब वही करनी पड़ेगी. खैर, कनिका की दोस्त प्रिया एक सर्टिफाइड प्लानर है. बस कनिका वीकेंड पर सीधे प्रिया के घर जा पहुंची.

क्या है डेट फंड्स का फंडा

कनिकाः यार प्रिया ये बताओ डेट फंड्स का क्या फंडा है?

प्रियाः क्यों तूने क्या इनमें पैसा लगाया हुआ है?

प्रियाः रुक कॉफी बनाती हूं और…तुझे इंटरेस्ट रेट्स का चक्कर तो पता ही होगा.

प्रियाः कोई ना. इसे समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है.

कनिकाः मेरे लिए रॉकेट साइंस जैसा ही है.

प्रियाः कॉफी विद प्रिया में आज खुलेंगे इंटरेस्ट रेट के राज..हाहाहा

‘कॉफी विद प्रिया’ में आसान भाषा में समझें काम की बात

प्रियाः देख…इंटरेस्ट रेट्स के साथ दो बातें हो सकती हैं. या रेट ऊपर जाएंगे या गिरेंगे.

कनिकाः ठीक है. बात आई समझ में. वैसे कॉफी शानदार है.

प्रियाः थैंक्स, तो अब दोनों केस में तुझे अलग-अलग स्ट्रैटेजी की जरूरत पड़ सकती है.

कनिकाः अच्छा. मतलब रेट्स के हिसाब से फैसला लेना होगा.

प्रियाः करेक्ट. अब देख. अभी ब्याज दरें लो लेवल पर हैं.

तो इस बात के ज्यादा आसार हैं कि अगली तिमाहियों में रिजर्व बैंक महंगाई रोकने के लिए ब्‍याज दरें बढ़ाए.

कनिकाः ओके. अब इसमें क्या करना चाहिए?

प्रियाः ऐसे माहौल में लोगों को ऐसे डेट म्‍यूचुअल फंड में पैसे लगाने चाहिए जिनका मैच्‍योरिटी पीरियड कम हो.

प्रियाः एक्सपर्ट की राय तुझे बताती हूं.

क्या है बाजार के जानकार की राय

ITI म्‍यूचुअल फंड के CEO CIO जॉर्ज हेबर जोसेफ कहते हैं, “जब दरें बढ़ती हैं तो कम मैच्‍योरिटी पीरियड वाले फंड फायदेमंद होते हैं और इसी तरह ब्‍याज दरें घटने के मामले में यह उलटा होता है. इसलिए बढ़ते ब्‍याज दर के माहौल में लिक्‍विड फंड, अल्‍ट्रा शॉर्ट फंड, लो ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड, शॉर्ट-ड्यूरेशन फंड तार्किक रूप से फायदा पहुंचाते हैं.”

कनिकाः wow…. अच्छा अगर ब्याज दरों में गिरावट दिख रही हो तो क्या करूं?

प्रियाः कोविड के वक्त तूने देखा था कि इंटरेस्ट रेट्स में तेज गिरावट आई थी.

कनिकाः हां. याद है मुझे

प्रियाः तो उस वक्त लंबी ड्यूरेशन वाले डेट म्‍यूचुअल फंड्स को फायदा हुआ.

ऐसे ज्‍यादातर फंड्स में डबल डिजिट रिटर्न मिला.

ले‍किन तब में कम अवध‍ि वाले म्‍यूचुअल फंड्स को नुकसान हुआ.

कनिकाः इससे क्या सबक मिला?

डेट फंड्स हमारी रकम को कहाँ निवेश करते हैं?

डेट फंड्स हमारी रकम को कहाँ निवेश करते हैं?

डेट फंड्स निवेशकों से सामूहिक तौर पर एकत्रित की गई रकम को बैंकों, PSU, PFI (सार्वजनिक वित्तीय संस्थान), कॉर्पोरेट्स और सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। आम तौर पर ये बॉन्ड्स मध्यम से लंबी अवधि क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए के लिए होते हैं। जब कोई म्यूचुअल फंड ऐसे बॉन्ड्स में निवेश करता है, तो इन बॉन्ड्स से वह मीयादी ब्याज कमाता है जो समय के साथ फंड की कुल रिटर्न में योगदान देता है।

कुछ डेट फंड्स मुद्रा बाज़ार के साधनों, जैसे सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले T-बिल, वाणिज्यिक पत्र, जमा प्रमाणपत्र, बैंकर्स एक्सेप्टेंस, विनिमय बिल आदि, में भी निवेश करते हैं जिनका स्वरूप अधिकतर छोटी अवधि का होता है। ये साधन भी नियमित क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए अंतरालों पर नियत ब्याज का भुगतान करने का वादा करते हैं, जो समय के साथ फंड की कुल रिटर्न में योगदान देता है।

क्या मुझे डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए?

हां, डेट फंड निवेश के लिए सबसे लोकप्रिय ऑप्शन माने जाते है और ये फंड आपके निवेश पर स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं लेकिन पैसा निवेश करने से पहले आपको इनके बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए जैसे –

  • उस फंड का अंतिम क्या मुझे डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए प्रदर्शन कैसा रहा?,
  • रिस्क फैक्टर क्या है?,
  • परिपक्वता अवधि क्या है? और
  • अन्य कारक जो आपकी निवेश क्षमता और फंड योजना पर निर्भर करते है।

इन फंडों के लिए पूंजी वृद्धि (Capital appreciation) एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। ये फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं, इसलिए इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में रिटर्न भी कम होता है।

आपको अपने निवेश लक्ष्य और बचत के बारे में योजना बनानी चाहिए। अगर आप शॉर्ट टर्म (1-3 वर्ष तक) गोल और उद्देश्य के लिए निवेश करना चाहते हैं तो ये फंड आपके लिए एक अच्छा विकल्प हैं।

म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो भूल कर भी न करें ये गलतियां वरना डूब जाएगा पैसा

म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो भूल कर भी न करें ये गलतियां वरना डूब जाएगा पैसा

The redeemed proceeds would be subject to capital gains tax (short-term or long-term) depending on the holding period.

How to Invest in mutual funds : म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. अगर आप म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातों को समझ लेना बेहद जरूरी है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन की भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.

पिछला रिटर्न बेहतर रिजल्ट की गारंटी नहीं

म्यूचुअल फंड (Mutual funds) के नए निवेशक सबसे बड़ी गलती फंड के पिछले रिटर्न को देख कर निवेश करने में करते हैं. पिछले रिटर्न को देख कर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि आगे फंड कैसा प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा मार्केट में सही वक्त पर एंट्री भी एक अहम पहलू है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशक को बाजार का पहले से अनुभव है तो म्यूचुअल फंड्स में वह लंबे समय तक बना रहता है.

नए निवेशकों के लिए जरूरी है कि शुरू में स्थापित कंपनियों के फंड में निवेश करें. उनके पोर्टफोलियो पर गौर करें और फिर निवेश का फैसला लें. म्यूचुअल फंड में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएं. इसका सबसे अच्छा उपाय एसआईपी ( SIP) के जरिये निवेश करना है. बाजार कैसी भी हालत में हो Systematic Investment Plan यानी एसआईपी के जरिये निवेश सबसे अच्छा तरीका है.

शेयर बाजार के मौजूदा हालात में नए निवेशकों की रणनीति

शेयर बाजार अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है. ऐसे में म्यूचुअल फंड के नए निवेशकों को इंडेक्स या लार्ज कैप फंड (Large Cap Mutual funds) में निवेश करना चाहिए. उन्हें मिड-कैप (Mid Cap) और स्मॉल कैप (Small Cap) में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि बाजार के उतार-चढ़ाव में ये बुरी तरह प्रभावित होते हैं. अगर कोई निवेशक आज की तारीख में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में 10 हजार रुपये निवेश करना चाहता है तो उसे एक इंडेक्स फंड (Index fund), एक फ्लैक्सी कैप (Flexi Cap fund ) फंड और एक वैल्यू फंड ( Value fund) का चुनाव करना चाहिए ताकि उन्हें डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिल सके.

म्यूचुअल फंड में निवेश छोटी नहीं लंबी अवधि में ही फायदेमंद साबित होता है. सही रिटर्न के लिए सात से दस साल तक समय देना पड़ता है. ज्यादातर निवेश एक साल में ही बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. लेकिन इतनी कम अवधि का रिटर्न देख कर म्यूचुअल फंड में निवेश की रणनीति बनाना ठीक नहीं है.

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