Mean- मीन
क्या होता है मीन?
मीन (Mean) दो या अधिक संख्याओं के एक समूह का सरल गणितीय औसत है। किसी दी गई संख्याओं के समूहों के लिए मीन की गणना अर्थमैटिक मीन पद्धति और जियोमीट्रिक मीन पद्धति से हो सकती है। अर्थमैटिक मीन पद्धति सीरीज में संख्याओं के योग का उपयोग करती है, जबकि जियोमीट्रिक मीन पद्धति उत्पादों के एक समूह का औसत है। बहरहाल एक साधारण औसत की गणना के सभी प्राथमिक तरीके ज्यादातर समय एक ही अनुमानित परिणाम प्रदर्शित करते हैं।
मुख्य बातें
- मीन दो या रुझान अनुमान के तरीके अधिक संख्याओं के एक समूह का सरल गणितीय औसत है।
- अर्थमैटिक मीन और जियोमीट्रिक मीन दो प्रकार के मीन रुझान अनुमान के तरीके होते हैं जिनकी गणना की जा सकती है।
- एक समूह में संख्याओं का योग करना और कुल संख्या के द्वारा उन्हें विभाजित करना आपको अर्थमैटिक मीन प्रदान करता है।
- जियोमीट्रिक मीन अधिक जटिल होता है और इसमें संख्याओं का बहुगुणन शामिल होता है।
- मीन समय के साथ किसी निवेश या कंपनी के प्रदर्शन के आकलन में मदद करता है और इसके अन्य उपयोग भी हैं।
मीन को समझना
मीन एक सांख्यिकीय संकेतक है जिसका उपयोग दिनों, रुझान अनुमान के तरीके महीनों या वर्षों में किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत के प्रदर्शन का अनुमान लगाने में किया जा सकता है। इसकी मदद से एक कंपनी कई वर्षों में अपनी कमाई के माध्यम से, एक फर्म अपने मूल कारकों जैसे प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो, फ्री कैश फ्लो और बैलेंस शीट पर अपनी देनदारियों का आकलन करने के माध्यम से और एक पोर्टफोलियो एक विशिष्ट समय अवधि के दौरान अपने औसत रिटर्न का अनुमान लगा सकता है।
एक विश्लेषक जो मान लीजिये पिछले 10 दिनों में किसी कंपनी की स्टॉक वैल्यू की ट्रैजेक्टरी की माप करना चाहता है, 10 दिनों के प्रत्येक दिन में स्टॉक की क्लोंजिंग प्राइस का योग करेगा। फिर अर्थमैटिक मीन को हासिल करने के लिए दिनों की संख्या के द्वारा इस कुल योग को विभाजित किया जाएगा। जियोमीट्रिक मीन की गणना एक साथ मिल कर सभी वैल्यू को मल्टीप्लाई कर गणना करने के द्वारा की जाएगी। जियोमीट्रिक मीन कंपाउंडिंग एवं अस्थिरता में शामिल रहता है जिसके कारण यह औसत रिटर्न का बेहतर मीट्रिक बन जाता है।
उदयपुर में हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी-कांग्रेस को जमकर कोसा, वसुधंरा राजे को बताया लुटेरी दूल्हन
उदयपुर: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को उदयपुर में कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। आगामी विधानसभा को लेकर अपनी पार्टी के लिए मेवाड़ में जमीन तलाशने पहुंचे बेनीवाल ने यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बीजेपी नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली। राजस्थान में गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ की बात दौहराते हुए इस बार बेनीवाल ने वसुधंरा राजे को लुटेरी दुल्हन तक कह डाला। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी के 20 दूल्हे रुझान अनुमान के तरीके और एक लुटेरी दुल्हन है, ये मुख्यमंत्री के चेहरे हैं।
बेनीवाल ने गहलोत और मोदी पर साधा निशाना
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराध के लिए पूर्ण रूप से गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी और महिला अपराध में उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश को पीछे छोड़कर राजस्थान के आगे निकलने पर कटाक्ष किया। यहां पर मजबूूूत कानून व्यवस्था को लागू करने की जरूरत बताया। प्रदेश के हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए बेनीवाल ने कहा कि गहलोत और वसुंधरा राजे का गठजोड़ है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के मामले में मोदी और गहलोत सरकार पूरी तरह से फेल रहे हैं। उसका परिणाम यह है कि प्रदेश के युवाओं को दर-दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रदेश में बदलाव की लड़ाई रही है आरएलपी
आजादी के 70 सालों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कांग्रेस और उसके बाद भाजपा का राज रहने के बाद भी हालातों में बदलाव नहीं आए। बेनीवाल ने कहाकहा कि आरएलपी बदलाव की लड़ाई लड़ रही है। आरएलपी मेवाड़ और मारवाड़ में आने वाले दिनों मे बहुत बड़ी रैली करने जा रही है। इसमें लाखों लोगों रुझान अनुमान के तरीके रुझान अनुमान के तरीके को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा आरएलपी प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में लोगों के बीच जाएगी और भाजपा और कांग्रेस की स्थिति को बयां करने के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।
Gujarat Election Result 2022: गुजरात में चुनाव लड़ने से आम आदमी पार्टी को क्या हासिल हुआ, जानिए
AAP In Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इतना ही नहीं, अरविंद केजरीवाल का कद राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ जाएगा. आने वाले चुनावों में बीजेपी के हिंदुत्व और AAP के सॉफ्ट हिंदुत्व के बीच टक्कर तेज हो सकती है.
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया
शशिकांत सिंह
- नई दिल्ली,
- 08 दिसंबर 2022,
- (Updated 08 दिसंबर 2022, 9:34 PM IST)
चुनाव में AAP की 5 सीटों पर जीत
AAP ने 12.9 फीसदी वोट हासिल किए
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. लेकिन आम आदमी पार्टी इस चुनाव में बाजीगर बनकर उभरी है. भले ही पार्टी हार गई है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की पार्टी को बड़ा फायदा मिला है. इस चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इसके अलावा गुजरात में पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ा है. इस जनाधार को लेकर पार्टी 2024 आम चुनाव में जा सकती है और जनता का भरोसा जीतने की कोशिश कर सकती है.
गुजरात में आम आदमी रुझान अनुमान के तरीके पार्टी का प्रदर्शन-
गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है. भले ही पार्टी के खाते में अनुमान से कम सीटें आई हों, लेकिन पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ा है. पार्टी को सूबे में 12.9 फीसदी वोट मिले हैं. जामजोधपुर से हेमंत आहिर ने पूर्व मंत्री चीमन सापरिया को हराया है, जबकि लट्ठाकांड से चर्चा में आए बोटाद से उमेश मकवाना ने जीत दर्ज की है. विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भूपेंद्र भाई ने बीजेपी उम्मीदवार हर्षद रिबडीया ने जीत दर्ज की है. डेडियापाडा से चैतर वसावा और गारियाधार सीट से वाघनी ने भी जीत दर्ज की है.
गुजरात में AAP को क्या मिला-
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. त्रिकोणीय लड़ाई की बदौलत बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है. आम आदमी पार्टी को अच्छी-खासी सफलता मिली है. पार्टी ने गुजरात में एक अच्छा-खासा वोट बैंक बना लिया है. पार्टी के इस प्रदर्शन की बदौलत AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इसके साथ ही केजरीवाल का कद बड़ा हुआ है. चलिए आपको बताते हैं कि गुजरात चुनाव नतीजों से आम आदमी पार्टी को क्या-क्या हासिल हुआ है.
राष्ट्रीय पार्टी का मिलेगा दर्जा- रुझान अनुमान के तरीके
गुजरात चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. फिलहाल पार्टी को दिल्ली, पंजाब और गोवा में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिला है. जबकि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के लिए कम से कम 4 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा होना जरूरी है. इस लिहाज से गुजरात चुनाव आम रुझान अनुमान के तरीके आदमी पार्टी के लिए अहम है. पार्टी ने चुनाव में 12 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए हैं और 5 सीटों पर जीत हासिल की है. इस तरह से गुजरात में AAP को स्टेट पार्टी का दर्जा मिलना तय है. इसके बाद 4 राज्यों में आम आदमी पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इसके साथ ही AAP राष्ट्रीय पार्टी बन जाएगी.
गुजरात में AAP ने बनाया जनाधार-
आम आदमी पार्टी को गुजरात चुनाव से कई फायदे हुए है. सबसे बड़ा फायदा जनाधार को लेकर हुआ है. केजरीवाल की पार्टी ने गुजरात में 5 सीटें जीती है और 12.9 फीसदी वोट हासिल किए हैं. इस चुनाव के बाद पार्टी को पूरे सूबे में एक बड़ा जनाधार मिल गया है. आदिवासी इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक में पार्टी ने जनता के बीच भरोसा बनाया है. आम आदमी पार्टी इसका इस्तेमाल आगामी चुनावों में कर सकती है.
आदिवासी रुझान अनुमान के तरीके बेल्ट में मिली इंट्री-
आम आदमी पार्टी को गुजरात के आदिवासी इलाके में इंट्री मिल गई है. पार्टी ने आदिवासी इलाके के डेडियापाडा में जीत हासिल की है. चैत्र वसावा को 39 हजार से ज्यादा वोटों से जीत मिली है. चैत्र वसावा बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता छोटू वसावा सबसे खास कहे जाते थे. लेकिन उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. चैत्र वसावा की जीत आदिवासी इलाके रुझान अनुमान के तरीके में किसी भी सीट पर जीत में सबसे बड़ी है. इस जीत के सहारे आम आदमी पार्टी आदिवासी बेल्ट में अपना जनाधार बढ़ा सकती है.
बड़ा हुआ केजरीवाल का कद-
गुजरात चुनाव से अरविंद केजरीवाल का कद बड़ा हुआ है. पीएम मोदी के गृह सूबे में अरविंद केजरीवाल ने खूब प्रचार किया था. भले पार्टी को ज्यादा सीटों पर जीत नहीं मिली. लेकिन केजरीवाल का चेहरा चमका है और राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ जाएगा. फिलहाल विपक्ष में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो पीएम मोदी के सामने टिक सके. और जिस तरह से केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, पंजाब में जीत हासिल की है. उससे अरविंद केजरीवाल का कद बढ़ा है.
हिंदुत्व पर बीजेपी को टक्कर-
देशभर में बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर सभी पार्टियों को घेरती है. इस मुद्दे पर सारी पार्टियां बैकफुट पर नजर आती हैं. लेकिन केजरीवाल के हालिया बयानों और पार्टी के काम के तौर-तरीके से कहा जा रहा है कि AAP सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रही है. इतना ही नहीं, ये भी कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर AAP ही बीजेपी को टक्कर दे सकती है. अब जब आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा तो वो बीजेपी के खिलाफ और भी आक्रामक हो सकती है.
2024 चुनाव में मिल सकता है फायदा-
आम आदमी पार्टी ने पंजाब, दिल्ली, गोवा के बाद गुजरात में भी संगठन खड़ा कर लिया है. पार्टी को जनता पसंद कर रही है. ऐसे में 2024 आम चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है. आम आदमी पार्टी बीजेपी के खिलाफ खुद को विपक्ष के तौर पर पेश कर सकती है और जनता को भरोसा दिलाने का काम कर सकती है.
रिलेशनशिप को इंटरडिपेंडेंस के जरिए बनाएं मजबूत, जानें इसके 7 आसान तरीके
कई लोग रिलेशनशिप में आते ही अपना शौक, हॉबीज समेत सब कुछ छोड़ देते हैं. हालांकि आपको गहरे रिश्ते के लिए अच्छी आदतें छोड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 26, 2022, 07:19 IST
हाइलाइट्स
रिलेशनशिप के बाहर अपने शौक पर भी काम करें.
आप प्यार और सम्मान देते हुए ना बोलना सीखें.
Interdependence Relationship: रिलेशनशिप में इंटरडिपेंडेंस यानी एक दूसरे के प्रति निर्भरता के संतुलन को बनाने और उसे मेंटेन रखने के तरीके को कहा जा सकता है. मनोवैज्ञानिक और काउंसलर ल्यूसिले शैकलटन का कहना है कि जब हम एक दूसरे पर इंटरडिपेंडेंस होते हैं तो हमारी प्राथमिकता रिश्ता और संबंध को निभाना होता है जबकि इसके बीच व्यक्तिगत भावनाएं भी जुड़ी रहती हैं. इसमें हम अपने पार्टनर के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहने के साथ साथ अपने व्यक्तिगत पहचान और पैशन के लिए भी काम करते रहते हैं. ऐसे रिश्ते किसी तरह की गिल्टी फीलिंग से बचाते हैं और हम एक दूसरे को स्पेस भी देते चलते हैं. इससे रिश्ते में थकान या बोझ का अनुभव नहीं होता. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप इंटरडिपेंडेंस रिलेशनशिप में रहकर अपने रिश्ते को किस तरह मजबूत और रोमांस से भरा बना सकते हैं.
इंटरडिपेंडेंस रिलेशनशिप कैसे बनाएं
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 527