Why Rupee Falling: आखिर क्यों गिरता जा रहा है रुपया, जानिए इस रुपये की कहानी. रुपये की ही जुबानी!

Why Rupee Falling: आखिर क्यों गिरता जा रहा है रुपया, जानिए इस रुपये की कहानी. रुपये की ही जुबानी!

Why Rupee Falling: सोमवार को रुपया 78.04 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था। मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? सोमवार को एक वक्त ऐसा आया था जब रुपये ने 78.28 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ था। मंगलवार को रुपया मामूली मजबूती के साथ 78.03 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। रुपये में गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों का पूंजी निकालना और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं।

Why Rupee Falling: आखिर क्यों गिरता जा रहा है रुपया, जानिए इस रुपये की कहानी. रुपये की ही जुबानी!

Why Rupee Falling: आखिर क्यों गिरता जा रहा है रुपया, जानिए इस रुपये की कहानी. रुपये की ही जुबानी!

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कैसे रुपये के गिरने से भारत को हो रहा है नुकसान?
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं कैसे रुपये का गिरना एक बड़ी समस्या है। मान लीजिए आपको कोई सामान आयात करने में 1 लाख डॉलर चुकाने होते हैं। इस साल की शुरुआत में रुपये की कीमत डॉलर की तुलना में करीब 75 रुपये थी। यानी तब हमें इस आयात के लिए 75 लाख रुपये चुकाने पड़ रहे थे। आज की तारीख में रुपया 78 रुपये से भी अधिक गिर गया है। ऐसे में हमें उसी सामान के लिए अब 75 के बजाय 78 लाख रुपये से भी अधिक चुकाने होंगे। यानी 3 लाख रुपये का नुकसान। यह आंकड़ा तो सिर्फ 1 लाख डॉलर के हिसाब से निकाला है, जबकि आयात के आंकड़े लाखों-करोड़ों डॉलर के होते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रुपये की वैल्यू गिरने से भारत को कितना नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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क्यों गिरता जा रहा है रुपया?
बाजार सूत्रों के अनुसार घरेलू कारोबार का नीरस माहौल, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी को भारतीय बाजार से लगातार निकालने के चलते रुपये की कीमत पर असर पड़ा है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का दाम 0.72 प्रतिशत बढ़कर 123.15 डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध रूप से 4,164.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

तो फिर विदेशी निवेशक क्यों निकाल रहे हैं पैसे?
मौजूदा समय में अमेरिका में महंगाई दर 40 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और तेजी से बढ़ रही है। मई महीने में यह 8.6 फीसदी दर्ज की गई थी। भारत में मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? भी महंगाई काफी अधिक हो चुकी है और मई में यह करीब 7 फीसदी है। जिस तरह भारत के रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए पिछले करीब डेढ़ महीनों में दो बार में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है, वैसे ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक भी बढ़ोतरी करने पर विचार कर मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? रहा है।

अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यह बढ़ोतरी 28 सालों की सबसे बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में विदेशी निवेशक शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल कर अमेरिका में लगा सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो। भारत के पूंजी बाजार में विदेशी निवेशक इसीलिए पैसे लगाते हैं, क्योंकि वहां की तुलना में यहां रिटर्न अधिक मिलते हैं। वैसे विदेशी निवेशक दुनिया भर के बाजारों में पैसे लगाते हैं और जहां ये लोग पैसे लगाते हैं, वहां बाजार भागता है।

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