चौथा, आपमें उन शेयरों पर जोखिम लेने की क्षमता होनी चाहिए, जो आपकी निवेश रणनीति की मुश्किल शर्तें पूरी करती हों। मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले शेयरों, दोस्तों-रिश्तेदारों के सुझाव या किसी से बातचीत और टीवी अखबार की लिस्ट पर बनाई राय पर शेयर खरीदने का कोई मतलब नहीं बनता। अगर आपको पता नहीं होगा कि आप कोई चीज क्यों ले रहे हैं, उसको लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं होगी तो आप रिस्क नहीं लेंगे। ऐसे में लिस्ट बड़ी होगी। इसमें दिक्कत ये है कि अगर इनमें से कोई जबरदस्त रिटर्न देता है, रिटर्न इतना नहीं होगा कि उससे आपके मूल निवेश पर कोई खास फर्क पड़ेगा। आपका मकसद इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न लेना है तो फिर पोर्टफोलियो में इंडेक्स जितने शेयर क्यों रखें?

शेयर मार्किट मे निबेश करने का नियम, Rules of invest share market

शेयर मार्किट मे निवेश करने का नियम | Rules of invest share market

बहुत सारे लोगो ने अपनी जमा पूंजी शेयर मार्किट मे खोते है। इसका कारन एक ही है शेयर मार्किट की ज्ञान नहीं होना। लोगो को नहीं पता कहां पर इन्वेस्ट करने से मुनाफा कमाया जाता हैं। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपके पास टाइम होना चाहिए आप शेयर मार्किट को टाइम दीजिए आपको बदले मे मार्किट मुनाफा देगा।

निवेश शुरू करने के लिए बहत सारे रणनीति हो सकते है। यहाँ पर कोई अलग से रूल नहीं है पर हम इस बारे में ज़रूर बात कर सकते है कि निवेश करते समय हम क्या ना करे।

निवेश के समय हमे अपने दोस्तों या किसी से भी निवेश की सलाह नहीं लेनी चाहिए जिनको निवेश के बारे में कोई ज्ञान नहीं। किसी के दिए गए सलाह पर आप यदि निवेश करेंगे तो आपको ज्यादातर नुकसान का सामना करना परेगा। निवेश करना एक प्रोफेशनल स्किल है जहां पर बहुत सी शेयर के बारे मे रिसर्च करना पड़ता तभी आप एक अच्छा इन्वेस्टर बन पाओगे।

निबेश करने की दो तरह की मुख्य रणनीति होता है ( Rules of invest share market):-

वैल्यू के आधार पर:-

वैल्यू के आधार पर इन्वेस्टमेंट हमें किसी भी शेयर का वैल्यू नजर आ रही है तो हमें उस कंपनी पर इन्वेस्ट करना साहिए। आइए उदाहरण के साथ समझते हैं।

मान लीजिये कोई गाड़ी हैं, जिसकी बाज़ार मे कीमत है 1,00000 है लेकिन वो ही गाड़ी आपको 30,000 मे मिल रही है तो आप जरुर खरीदेगे। ए जो आप कम दाम मे खरीदेगे उसे कहते है वैल्यू के आधार पर इन्वेस्ट करना कहते हैं। आपको भी ऐसे ही बाज़ार को रिसर्च करके अच्छा शेयर पर वैल्यू के आधार पर सही समय मे इन्वेस्ट करना चाहिए ।Rules of invest share market

ग्रोथ के आधार पर :-

जब कोई भी कंपनी का शेयर बहुत लम्बे समय ग्रो कर रहा है और किसी इन्वेस्टर को उस कंपनी के भविष्य मे आगे बढ़ने की क्षमता दिखाई दे रही है और जब अर्थव्यवस्था ठीक ना हो तो इसी शेयर मे तब इन्वेस्त्टर अच्छा मुनाफा पाने के लिए एसी शेयर मे इन्वेस्ट करते हैं। इसे ग्रोथ के आधार पर इन्वेस्टमेंट कहते हैं।

भारत में अच्छे रिटर्न के लिए कहां निवेश करें?

भारत में उपलब्ध सर्वोत्तम निवेश निवेश की रणनीति विकल्पों पर चर्चा करते समय कई प्रश्न उठते हैं। प्रत्येक निवेशक भारत में सर्वोत्तम निवेश विकल्पों की तलाश करता है, जहां उन्हें कम से कम जोखिम के साथ एक निश्चित समय सीमा के भीतर उच्चतम रिटर्न मिल सकता है। कुछ लोग अपने निवेश लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए निवेश करते हैं, जबकि अन्य वित्तीय सुरक्षा की इच्छा से ऐसा करते हैं। निवेश रणनीति का चयन करते समय आपकी जोखिम सहनशीलता, निवेश क्षितिज, वित्तीय उद्देश्यों और तरलता आवश्यकताओं पर विचार किया जाना चाहिए। यही निवेश की रणनीति कारण है कि जानकार निवेशक लगातार भारत में निवेश के बेहतरीन अवसरों की तलाश कर रहे हैं, जहां वे एक निर्धारित अवधि में अपने पैसे को चौगुना कर सकते हैं, जिसमें कोई जोखिम नहीं है। हालांकि, ऐसी निवेश रणनीति की खोज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो उच्च रिटर्न और कम जोखिम दोनों प्रदान करे। वास्तव में, रिटर्न और जोखिम सीधे विपरीत रूप से सहसंबद्ध होते हैं, जिसका अर्थ है कि जोखिम बढ़ने पर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्ति दो बुनियादी श्रेणियां हैं जिनमें भारत में निवेश के अवसरों को विभाजित किया जा सकता है। हम वित्तीय संपत्तियों को बैंक एफडी, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), बैंक आरडी, और अन्य बाजार से जुड़ी प्रतिभूतियों जैसे म्यूचुअल फंड, लाइव स्टॉक इत्यादि जैसे निश्चित आय उत्पादों में वर्गीकृत कर सकते हैं। रियल एस्टेट, ट्रेजरी नोट्स और सोने निवेश की रणनीति के निवेश हैं गैर-वित्तीय संपत्ति के उदाहरण आप अपने वित्तीय उद्देश्यों तक पहुँच सकते हैं और एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक वित्तीय गद्दी का निर्माण कर सकते हैं भारत में शीर्ष निवेश विकल्प चुनकर।

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नए साल में बड़े निवेश की करनी है शुरुआत, जानिए 2020 में किस फंड में मिलेगा अच्‍छा रिटर्न

म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश अब सिर्फ वित्तीय जानकारी रखने वालों के लिए नहीं रह गया है. अब टियर-1 (Tier 1) और टियर-2 (Tier 2) शहरों के लोग भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं.

म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश अब सिर्फ वित्तीय जानकारी रखने वालों के लिए नहीं रह गया है. अब टियर-1 (Tier 1) और टियर-2 (Tier 2) शहरों के लोग भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. जी बिजनेस की खास पेशकश म्यूचुअल फंड हेल्पलाइन कंप्लीट सर्किल कंसल्टेंट्स के को-फाउंडर क्षितिज महाजन ने 2019 में म्यूचुअल फंड का रिटर्न कैसा रहा, इसके बारे में बताया. साथ ही नये साल में आपका पोर्टफोलियो कैसा होना चाहिए, इसके बारे में भी टिप्‍स दिए.

सार्वजनिक निवेश के बल पर टिकी विकास की रणनीति को वैश्विक मुद्रास्फीति से ख़तरा है

आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन को 35 फीसदी बढ़ाते हुए उम्मीद की गई है कि राज्य सरकारें पीएम गति शक्ति परियोजना, जिसका मकसद नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत चिह्नित नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हेतु फंड जुटाने के लिए सरकारी परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण है, के तहत फंडिंग में योगदान करेंगी. पर सवाल है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश में इज़ाफ़ा किस हद तक निजी निवेशक को प्रोत्साहित कर पाएगा?

आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन को 35 फीसदी बढ़ाते हुए उम्मीद की गई है कि राज्य सरकारें पीएम गति शक्ति परियोजना, जिसका मकसद नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत चिह्नित नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हेतु फंड जुटाने के लिए सरकारी परिसंपत्तियों का मौद्रिकरण है, के तहत फंडिंग में योगदान करेंगी. पर सवाल निवेश की रणनीति है कि सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश में इज़ाफ़ा किस हद तक निजी निवेशक को प्रोत्साहित कर पाएगा?

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को पिछले आठ वर्षों से ठहर से गए निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी लाने निवेश की रणनीति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आखिरी कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है.

प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का कार्यकाल लगभग एक दशक पूरा करने की ओर बढ़ रहा है. उन्हें यह चिंता अवश्य सता रही होगी कि आय, निजी निवेश, रोजगार, बचत ओर पूंजी निर्माण जैसे विभिन्न अहम पैमानों पर निराशाजनक वृद्धि को उनकी विरासत के तौर पर लिए याद किया जाएगा. 1991 में आर्थिक सुधारों की शुरुआत होने के बाद से इन मोर्चों पर किसी भी प्रधानमंत्री का रिपोर्ट कार्ड इतना फीका नहीं रहा है.

गलती सुधारने को तैयार रहने वाले ही शेयर बाजार में पैसे लगाएं

Equity

दूसरा, आपको फाइनैंशल ऐनालिसिस करना आना चाहिए। बिजनस को आंकड़ों से निवेश की रणनीति निवेश की रणनीति निवेश की रणनीति समझना आना चाहिए। कंपनी कैसे प्रॉफिट कमाती है इसका पता होना चाहिए। निवेश करने से पहले जानना चाहिए कि आप किन आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर शेयर में पैसा लगा रहे हैं।

तीसरा, शॉर्टलिस्ट में शामिल शेयरों को लेकर अपनी निवेश रणनीति को अंजाम देने का हौसला और धैर्य होना चाहिए। मान लिया कि आप अपनी रणनीति के तहत ऐसी कंपनियों पर फोकस कर रहे हैं जो लगातार ग्रोथ कर रही है (आंकड़ा), कारोबार में लगाई पूंजी पर ज्यादा रिटर्न (आंकड़ा) मिल रहा है और मैनेजमेंट का फोकस बिना कर्ज या लागत बढ़ाए ग्रोथ (आंकड़ा) हासिल निवेश की रणनीति करने पर है। ऐसे सैकड़ों शेयर होंगे जो आपकी इस निवेश रणनीति पर खरा निवेश की रणनीति उतरते हैं। आपको लगातार छंटनी करनी होगी। इससे आपकी निवेश रणनीति में मजबूती बढ़ती जाएगी।

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