Key Points

SCSS या वरिष्ठ नागरिक बचत योजना: विवरण, लाभ और ब्याज दरें

सरकार ने हाल ही में आयकर अधिनियम में धारा 194P को जोड़ा है। यह सिफारिश की गई है कि पेंशन और ब्याज आय प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को कर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उनकी वार्षिक आय का एकमात्र स्रोत पेंशन और ब्याज आय है। बैंक 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग नागरिकों पर कर वापस लेने के लिए बाध्य हैं, जो बैंक से पेंशन और ब्याज आय प्राप्त करते हैं। एससीएसएस एक दीर्घकालिक कर बचत योजना है जो आपको अपने निवेश पर ब्याज अर्जित करने की अनुमति देती है और पूंजी की सुरक्षा के साथ एक सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करती है। यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है, जो कर बचत के पूर्ण लाभों का आनंद लेते हुए आय का एक स्थिर प्रवाह चाहते हैं।

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भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्रोत कौन-सा है?

Key Points

  • सेवा क्षेत्र, भारत का सबसे बड़ा क्षेत्र है। अतः सही उत्तर विकल्प 1 है।
  • 2020-21 में, सेवा क्षेत्र के लिए मौजूदा कीमतों पर सकल मूल्य वर्धित ( GVA ) 96.54 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
  • भारत के 179.15 लाख करोड़ रुपये के कुल GVA में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 53.89 प्रतिशत है।
  • प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक (सेवा) क्षेत्रों की हिस्सेदारी 21.82 प्रतिशत, 24.29 प्रतिशत और 53.89 प्रतिशत अनुमानित की गई है।

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Last updated on Nov 28, 2022

UPPSC RO ARO Admit Card released for the Computer Typing Test. The typing test was held between 11th to 14th October 2022. The आय का एक स्थिर स्रोत UPPSC RO ARO recruitment was announced for 337 vacancies. The final selection will be as per Merit prepared on the basis of total marks obtained by the candidates in the Main (written) examination. The आय का एक स्थिर स्रोत candidates between the age of 21 to 40 years and with Graduation could apply for this recruitment drive

Income Tax रिटर्न नहीं भरने पर भारी जुर्माना और हो सकती है जेल, जानिए आयकर कानून के नियम

India TV Paisa Desk

Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: August 08, 2022 14:11 IST

Income tax return - India TV Hindi

Photo:FILE Income tax return

Income Tax Income रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2022 समाप्त हो चुकी है। ऐसे में अगर आपकी सालाना आय, कर योग्य है और आपने जानबूझ कर आयकर रिटर्न आय का एक स्थिर स्रोत फाइल नहीं किया है तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं। आयकर कानून के तहत आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों से भारी पेनल्टी वसूलने का प्रावधान है। इसके साथ ही जेल का भी नियम है। आइए, जानते हैं कि रिटर्न नहीं भरने पर क्या-क्या हो सकता है।

छूट से अधिक आय तो रिटर्न भरना जरूरी

इनकम टैक्स वह टैक्स होता है जो आप अपनी निजी आमदनी के बदले चुकाते हैं। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139 के अनुसार हर उस व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है जिसकी आमदनी इनकम टैक्स से छूट की मौजूदा सीमा से अधिक है। इसके अलावा किसी व्यक्ति को किसी मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी या प्रतिनिधि के तौर पर भी टैक्स रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है।

जिस व्यक्ति को कायदन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए, अगर वह इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करता, तो उस आकलन वर्ष के दौरान उस पर 5000 रुपयेका आर्थिक दंड लगाया जाता है। टैक्स रिटर्न दाखिल न करने या देर से दाखिल करने की स्थिति में सेक्शन 234ए, 234बी और 234सी के तहत उस व्यक्ति पर ब्याज भी लगाया जाता है।

7 साल तक सजा संभव

आयकर कानून के तहत रिटर्न फाइल नहीं करने पर 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि, यह सभी के लिए नहीं है। आयकर विभाग सिर्फ उन मामलों में मुकदमा कर सकता है, जब टैक्स की रकम 10,000 रुपये से अधिक होती है। सभी मामलों में यह कानून लागू नहीं होता है। हालांकि, इससे पहले आयकर विभाग व्यक्ति को कर चुकाने के लिए नोटिस भेजता है।

अगर आपने गलती से ITR नहीं फाइल किया है तो पेनाल्‍टी की रकम कुल टैक्‍स देनदारी की 50 फीसदी होगी। अगर जानबूझकर नहीं फाइल किया है तो यह 200 फीसदी होगी। यह पेनाल्‍टी आपको टैक्‍स देनदारी के ऊपर देना होगा। इसके साथ ही टैक्‍स देनदारी पर 1 फीसदी की दर से ब्‍याज भी देना होता है। ब्‍याज दर आपको उसी दिन से देना होगा, जिस दिन ITR फाइल करने की अंतिम तारीख खत्‍म होती है।

आय प्रमाण पत्र

अथवा अपने निकतम लोकसेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते है :

भोपाल में लोक आय का एक स्थिर स्रोत सेवा केंद्र का पता: कलेक्ट्रेट, ए ब्लॉक, पुराना सचिवालय, भोपाल, गैस राहत भवन / निकट पुराना विदर्भ, भोपाल / कोलार नगर पालिका भवन, गेहूँखेड़ा, भोपाल /, रिकॉर्ड रूम, तहसील पेरिस, बेरसिया, जिला भोपाल
स्थान : कलेक्ट्रेट, ए ब्लॉक, पुराना सचिवालय | शहर : भोपाल | पिन कोड : 462001

Tax Free Source Of Income : 10 तरह की इनकम जिन पर नही लगता एक रुपये का भी टैक्स

Income Tax

इनकम टैक्स

  • देश में 2.5 लाख रुपये से अधिक आय पर इनकम टैक्स लगता है
  • लेकिन कुछ स्रोत ऐसे भी हैं, जिनसे होने वाली आय टैक्स दायरे में नहीं आती
  • आईटी कानून के धारा 10 में टैक्स छूट वाली इस तरह की आमदनी के बारे में जिक्र है
  1. EPF में जमा रकम
    PF अकाउंट में आपकी ओर से जमा रकम पर Income Tax कानून के Section 80C के तहत आयकर में छूट मिलती है। आपके EPF अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से जमा किये जाने वाले रकम पर भी टैक्स छूट मिलती है। इसमें शर्त यह है कि यह रकम आपकी Basic Salary के 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर रकम इससे अधिक है तो बाकी रकम पर आपको Income Tax देना पड़ेगा।
  2. शेयर या इक्विटी Mutual Fund से मिला एक लाख रुपये तक का रिटर्न
    अगर आपने Shares या इक्विटी Mutual Fund में निवेश किया है तो एक साल बाद इन्हें बेचने पर मिलने वाला एक लाख रुपये तक का रिटर्न Tax Free होता है। इस रिटर्न की गणना LTCG के तहत होती है। पिछले साल के बजट में शेयरों या इक्विटी Mutual Fund में निवेश से मिलने वाले एक लाख रुपये से अधिक के रिटर्न पर LTCG टैक्स लगा दिया गया आय का एक स्थिर स्रोत है।
  3. शादी-विवाह में मिले गिफ्ट
    अगर शादी-विवाह में दोस्तों या रिश्तेदारों से गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ता। इसमें शर्त यह है कि आपको गिफ्ट आपकी शादी के आसपास ही मिला हो। अगर आपकी शादी 16 मार्च को है और गिफ्ट छह महीने बाद दिया जाए तो उस पर Income Tax में छूट नहीं मिलेगी। इसके साथ ही गिफ्ट की वैल्यू 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  4. बचत खाते पर ब्याज
    अगर आपके बैंक के बचत खाते से एक साल में 10,000 रुपये तक का ब्याज मिलता है तो Income Tax कानून के सेक्शन 80TTA के तहत इस पर आपको आयकर से छूट मिलती है। अगर बचत खाते पर ब्याज सालाना आय का एक स्थिर स्रोत 10,000 रुपये से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर आपको Income Tax देना पड़ेगा।
  5. पार्टनरशिप फर्म से मिला प्रॉफिट
    अगर आप किसी फर्म में पार्टनर हैं तो Share Of Profit के तौर पर आपको मिली रकम इनकम टैक्स देनदारी से मुक्त है। वास्तव में आपकी पार्टनरशिप फर्म पहले ही इस पर Tax चुका देती है। इनकम टैक्स में छूट सिर्फ फर्म के मुनाफे पर है, आपको मिलने वाले वेतन पर नहीं।
  6. जीवन बीमा क्लेम या मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम
    अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है तो आपकी तरफ से इसका दावा करते वक्त या इसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पूरी तरह Income Tax से फ्री होती है। इसमें शर्त यह है कि आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उसके सम अस्योर्ड के 10% से अधिक न हो। अगर जीवन बीमा आय का एक स्थिर स्रोत पॉलिसी में प्रीमियम इससे अधिक है तो आपको अतिरिक्त रकम पर इनकम टैक्स देना होगा। अगर आपने जीवन बीमा पॉलिसी अपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के लिए ली है तो प्रीमियम की रकम सम अस्योर्ड का 15% तक हो सकती है।
  7. VRS में मिली रकम
    बहुत से लोग नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेते हैं। अगर आपने भी VRS लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपये तक की रकम Income Tax से फ्री है। यह सुविधा सिर्फ आय का एक स्थिर स्रोत सरकारी या PSU (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों) में काम कर रहे इम्पलॉई के लिए ही है, निजी क्षेत्र के कामकाजी लोगों के लिए नहीं।
  8. विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति
    अगर आपको भी अपने माता-पिता से विरासत में संपत्ति, जेवर या नकदी मिली है तो इस पर आपको Income Tax नहीं चुकाना होता है। अगर आपके नाम से किसी ने वसीयत किया था और आपको उससे संपत्ति या नकदी मिली है तो भी उस पर आपको इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। ऐसी संपत्ति आय का एक स्थिर स्रोत से भविष्य में होने वाली कमाई या ब्याज से आमदनी पर आपको अपने Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा।
  9. कृषि आय
    अगर आपके पास कृषि भूमि है और आप खेती या उससे जुड़ी गतिविधियों से कमाई कर रहे हैं तो आपको उस आमदनी पर किसी तरह का Income Tax नहीं चुकाना पड़ता है। कृषि आय में उससे होने वाली उपज, किराए के रूप में मिलने वाली रकम आदि भी शामिल है। अगर आप कृषि फ़ार्म बनाकर खेती करते हैं तो उससे होने वाली आमदनी भी Income Tax से मुक्त है।
  10. बिजनस में खिलाने-पिलाने का खर्च
    अगर आप कारोबारी हैं तो आपका आय का एक स्थिर स्रोत बिजनस के दौरान कई तरह के लोगों से मिलना-जुलना होता है। इसमें ग्राहक, वेंडर और अन्य इम्पलॉई शामिल हैं। बिजनस की प्रक्रिया में ही उनको खिलाने-पिलाने का खर्च भी शामिल होता है। आपको इस तरह के खर्च का बिल रखना चाहिए और उसे व्यावसायिक खर्च के रूप में पेश करना चाहिए। अगर आप इस प्रक्रिया को अपनाते हैं तो आप इस रकम पर Income Tax बचा सकते हैं।
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