दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की गिरावट से निवेशकों को 165 लाख करोड़ का घाटा
मुंबई- दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेशकों का अरबों डॉलर सफाया हो गया है। लेकिन सरकार के सतर्क रुख और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा इस मुद्रा बाजार पर नकेल के कारण भारत के निवेशक इससे बच गए। आरबीआई ने पिछले कुछ सालों से लगतार क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी देने से इन्कार किया है। साथ ही बार-बार उनमें कारोबार के खिलाफ भी चेतावनी दी है। जबकि सरकार ने इस पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स भी लगा दिया। साथ ही लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस लगा है।
आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ डॉलर था। तब से अब तक इसमें 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) की गिरावट आई है। हाल में एफटीएक्स के साम्राज्य का पतन होने से इसके सह-संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्राइड के 16 अरब डॉलर का सफाया हो गया है। क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसने उद्योग को हिला कर रख दिया है। इसके साथ ही प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन और ईथर की कीमतों में भी गिरावट आई है। वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट के बाद भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का संचालन जारी है।
आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली को बाईपास करने के लिए विकसित किया गया है। उद्योग का अनुमान है कि क्रिप्टो की संपत्तियों में भारतीय निवेशकों का निवेश केवल 3 फीसदी हिस्सा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को स्पष्ट खतरे के रूप में बताया था।
उन्होंने कहा था कि कोई भी चीज जो विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करती है, वह सिर्फ अटकलें हैं। आरबीआई 24 दिसंबर, 2013, 01 फरवरी, क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी 2017 और 05 दिसंबर, 2017 को सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से वर्चुअल करेंसी (वीसी) के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को सावधान कर रहा है। उसने कहा कि इसमें व्यवहार करना संभावित आर्थिक, वित्तीय, परिचालन, कानूनी, ग्राहक से सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिम जुड़ा है।
दिसंबर से जी -20 की अध्यक्षता भारत ने संभाली है। क्रिप्टो विनियमन और देशों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता की भी इसमें चर्चा होने की संभावना है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर उच्च नियामक मानकों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
क्रिप्टोकरंसी को लेकर सरकार का महत्वपूर्ण संकेत
भारत क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध वाले तमाम दावों को बताया अफवाह
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए प्रस्तावित मसौदा विधेयक पर आज एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया है। निर्मला सीताराम ने राज्यसभा में उन तमाम अफवाहों को गलत बताया कि जिसमें बताया जा रहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से कि मोदी सरकार संसद में एक क्रिप्टो बिल पेश करेगी, ऐसी खबरें आई हैं कि भारत सरकार देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। लेकिन अब वित्त मंत्री सीतारमण का बयान इससे अलग मामला बता रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्द क्रिप्टो करेंसी पर एक अंतिम चेतावनी ही क्रिप्टो पर एक नया बिल, "क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021" पेश करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। क्रिप्टोक्यूरेंसी पर पिछले बिल में बदलाव किए गए हैं।
आपको बता दें कि वर्तमान सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा प्रदर्शित विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय नहीं लिया है। बिल पेश होने के बाद आने वाले दिनों में अंतिम फैसला लिया जाएगा। सीताराम ने निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की चेतावनी भी दी है और कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते समय लोगों को सावधान रहना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग से अवांछित गतिविधि का जोखिम होता है और सरकार द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है। इस पर कई स्तरों पर बहस हो रही है।
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नई दिल्लीः सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर काम कर रही है, ताकि लेनदेन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सके। इस समय सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है। इसके अलावा सोने के मामले में पूरे लेनदेन मूल्य पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।’’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से एक फीसदी के बीच हो सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कर की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 प्रतिशत हो या एक प्रतिशत। पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।’’
जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं। अनुयोज्य दावा एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो।
आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है।
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एयर इंडिया को तेल कंपनियों की चेतावनी, 18 अक्तूबर तक पैसे का भुगतान नहीं तो ईंधन बंद
सरकारी तेल कंपनियों ने गुरुवार को एयर इंडिया को एक अंतिम चेतावनी जारी करते हुए 18 अक्टूबर तक मासिक एकमुश्त भुगतान करने को कहा है नहीं तो वे छह प्रमुख घरेलू हवाई अड्डों पर ईंधन की आपूर्ति बंद कर देंगे।
एयर इंडिया को गुरुवार को भेजे गए एक पत्र में, तीन तेल सार्वजनिक उपक्रमों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने कहा - वादे के मुताबिक मासिक एकमुश्त भुगतान नहीं होने के कारण बकाया कम नहीं हुआ है।"
समाचार एजेंसी पीटीआई के पास तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा राष्ट्रीय वाहक को भेजी गए विज्ञप्ति मौजूद है।
अगस्त में, तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने कहा था कि एयर इंडिया का बकाया ईंधन बिल 5,000 करोड़ रुपये हो गया था, जिसका लगभग आठ महीने से भुगतान नहीं किया गया था।
22 अगस्त को इंडियन ऑयल कॉर्प, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (HPCL) ने पूरा भुगतान नहीं होने की वजह से कोच्चि, मोहाली, पुणे, पटना, रांची और विजाग के छह हवाई अड्डों पर एयर इंडिया को ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी।
हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद, उन्होंने सात सितंबर को ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू की।
सरकारी तेल कंपनियों ने गुरुवार को एयर इंडिया को एक अंतिम चेतावनी जारी करते हुए 18 अक्टूबर तक मासिक एकमुश्त भुगतान करने को कहा है नहीं तो वे छह प्रमुख घरेलू हवाई अड्डों पर ईंधन की आपूर्ति बंद कर देंगे।
एयर इंडिया को गुरुवार को भेजे गए एक पत्र में, तीन तेल सार्वजनिक उपक्रमों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने कहा - वादे के मुताबिक मासिक एकमुश्त भुगतान नहीं होने के कारण बकाया कम नहीं हुआ है।"
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22 अगस्त को इंडियन ऑयल कॉर्प, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (HPCL) ने पूरा भुगतान नहीं होने की वजह से कोच्चि, मोहाली, पुणे, पटना, रांची और विजाग के छह हवाई अड्डों पर एयर इंडिया को ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी।
हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद, उन्होंने सात सितंबर को ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू की।
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