नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Weather Forecast Today Update: देशभर के अधिकांश राज्यों से मानसून की विदाई (Monsoon Withdrawal) हो चुकी है। इस बार मानसून देर से विदा हुआ और कई राज्यों में मानसून के बाद भारी बारिश (Heavy Rainfall) हुई। उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में अक्टूबर में भारी बारिश हुई। हालांकि, दक्षिण-पश्चिम राज्यों में बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, आज यानी 18 अक्टूबर 2022 को तमिलनाडु, केरल सहित 10 राज्यों में येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी है।

चक्रवात

जीरा वायदा - दिसम्बर 22 (NJEc1)क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है?

ताजा फसल की अधिक मांग और हाजिर बाजार में आपूर्ति की तंगी के बीच कल जीरा 2.21% की तेजी के साथ 25235 पर बंद हुआ। दिसंबर-जनवरी में चीन से अच्छी मांग और खाड़ी और अन्य देशों से.

कीमतों को समर्थन मिलने के बाद जीरा कल -0.52% की गिरावट के साथ 25635 पर बंद हुआ, क्योंकि आपूर्ति कम देखी गई थी क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में उच्च कीमतों की उम्मीद.

जीरा कल 0.64% बढ़कर 23650 पर बंद हुआ। आपूर्ति कम होने के कारण जीरा की कीमतें बढ़ीं क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में अधिक कीमतों की उम्मीद में स्टॉक रोके रखा था। महीने.

तकनीकी सारांश

जीरे मे अब सारी और संगीन तेजी दीपावली के बाद आयेगी और वो उतराण तक रहेगी, जुलाई, ओगसट मे सामान्य तेजी आ सकति है, लेकिन वो टीकाउ नहि रहेगी, बाद मे फीर से मंदी आ सकति है.

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
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Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

  • भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
  • इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? देखी गई
  • कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
  • आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
  1. क्यों घटता-बढ़ता है शेयर का मूल्य?
    सामान्य निवेशक इस बात को लेकर कभी कभी बहुत हैरान रहते हैं कि शेयर का मूल्य किस हिसाब से बढ़ता और घटता रहता है। शेयर का मूल्य दो कारणों से बढ़ता या घटता रहता है। पहला कारण शेयर की सप्लाई और डिमांड और दूसरा कारण कंपनी द्वारा मुनाफा कमाना या कंपनी का घाटा। लेकिन, अगर हम स्टॉक ट्रेडिंग में देखें तो शेयर की सप्लाई और डिमांड की वजह से अधिकतर शेयर का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। जब भी शेयर की डिमांड बढ़ती है यानी ज्यादा लोग खरीदते हैं तो उसका दाम बढ़ जाता है। और, जब लोग शेयर को बेचना स्टार्ट कर देते हैं तब शेयर का मूल्य घटने लगता है यह इस तरह से काम करता है।
  2. क्या है लोअर सर्किट?
    मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी का शेयर हैं। किसी वर्ष के दौरान उस कंपनी को किसी कारणवश घाटा लगना शुरू हो जाता है। ऐसे में आप उस क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? कंपनी का शेयर बेचने लगेंगे। ऐसे ही बहुत से लोग जो उस कंपनी के शेयर को लिए होंगे वह भी बेचना शुरू कर देंगे। जब सब बेचना शुरू कर देंगे तो एक ही दिन में उस कंपनी का शेयर शून्य तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में शेयर का मूल्य एक निश्चित सीमा तक गिरे इसके लिए NSE तथा BSE स्टॉक एक्सचेंज ने कुछ नियम बनाए हैं। जिनके अंतर्गत जब किसी कंपनी में अचानक सब लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा। उसके बाद उस शेयर की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं।
  3. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
    लोअर सर्किट के तीन चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है। यदि 10 फीसदी की गिरावट दिन में 1 बजे से क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है। इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 03.30 बजे तक जारी रहता है।
  4. क्या है 15 फीसदी का सर्किट नियम?
    यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार के अंत तक यह लगा रहता है।
  5. क्या है अपर सर्किट
    अपर सर्किट को एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए कि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं। उस कंपनी को खूब मुनाफा होता है या किसी कारणवश उस कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है। ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम खूब चढ़ने लगता है। ऐसे में किसी कंपनी के शेयर का मूल्य एक क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? ही दिन में आसमान में पहुंच जाएगा। इसी हालत से बचने के लिए शेयर बाजार में अपर सर्किट का प्रावधान है। उस निश्चित मूल्य सीमा तक क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? उस कंपनी के शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। जिस तरह से लोअर सर्किट पर 10, 15 और 20 फीसदी का नियम लागू होता है, वही नियम अपर सर्किट पर भी लागू होता है।
  6. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
    सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है। जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है। इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी रहता है।
  7. सर्किट क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
    सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं। इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके। बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है। ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है।
  8. भारतीय शेयर बाजार में कब से हुआ सर्किट का प्रावधान?
    भारतीय शेयर बाजार में अपर सर्किट और लोअर सर्किट का इतिहास 28 जून 2001 से शुरू होता है। उसी दिन बाजार नियामक सेबी ने सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था की थी। यह व्यवस्था लागू होने के बाद इसका पहली बार इस्तेमाल 17 मई 2004 को हुआ था।

Cryptocurrency में भारी गिरावट, जानिए यह पैसा बनाने का मौका या खतरे की घंटी

Bitcoin सबसे बड़ी क्रिप्टो है

  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2022,
  • (अपडेटेड 15 जनवरी 2022, 6:30 PM IST)
  • Bitcoin नवंबर में था 68,000 डॉलर के पार
  • 40,000 डॉलर से नीचे आया बिटकॉइन

पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में काफी अधिक गिरावट का सेंटिमेंट देखने को मिला है. इस वजह से इंवेस्टर्स इस बात को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इंवेस्ट करना चाहिए या नहीं. क्रिप्टो मार्केट नए साल की शुरुआत से ही लगातार गिर रहा है. महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है.

जीरा वायदा - दिसम्बर 22 (NJEc1)

ताजा फसल की अधिक मांग और हाजिर बाजार में आपूर्ति की तंगी के बीच कल जीरा 2.21% की तेजी के साथ 25235 पर बंद हुआ। दिसंबर-जनवरी में चीन से क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? अच्छी मांग और खाड़ी और अन्य देशों से.

कीमतों को समर्थन मिलने के बाद जीरा कल -0.52% की गिरावट के साथ 25635 पर बंद हुआ, क्योंकि आपूर्ति कम देखी गई थी क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में उच्च कीमतों की उम्मीद.

जीरा कल 0.64% बढ़कर 23650 पर बंद हुआ। आपूर्ति कम होने के कारण जीरा की कीमतें बढ़ीं क्योंकि किसान और स्टॉकिस्ट आने वाले महीनों में अधिक कीमतों की उम्मीद में स्टॉक रोके रखा था। महीने.

तकनीकी सारांश

जीरे मे अब सारी और संगीन तेजी दीपावली के बाद आयेगी और वो उतराण तक रहेगी, जुलाई, ओगसट मे सामान्य तेजी आ सकति है, लेकिन वो टीकाउ नहि रहेगी, बाद मे फीर से मंदी आ सकति है.

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है। इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है? होता है।

इन राज्यों में 4 दिन तक बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम राज्य तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे और कर्नाटक के अलावा लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार के कुछ इलाकों में आज से अगले चार दिन यानी 21 अक्टूबर तक मध्यम से भारी बारिश होने के आसार है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 24 दिसंबर को पहुंचेगी दिल्ली, हफ्ते भर का होगा विश्राम।

आज से मौसम में बदलाव की संभावना

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, 18 अक्टूबर की रात तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) पश्चिमी हिमालय के पास पहुंच जाएगा। इसी दौरान उत्तरी अंडमान सागर और आसपास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की उम्मीद है। जिसके चलते मौसमी गतिविधियों में बदलाव देखने को मिल रहा है।

मैंडूस चक्रवात के कारण दक्षिण भारत में होगी तेज बारिश

इन इलाकों में होगी बर्फबारी और बारिश

आगामी 19 और 20 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा में अगले 2 दिनों तक कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, असम में तेज बारिश के आसार हैं।

पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में होगा। उत्तर दिशा से आने वाली सर्द हवाएं ठंड के अहसास को बढ़ाएंगी। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से तापमान लुढ़कना शुरू होगा। तीसरे सप्ताह के अंत तक न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है।

आज चेन्नई से टकराएगा मैंडूस चक्रवात, भारी वर्षा के आसार

जानिए कुछ राज्यों में अभी भी बारिश का दौर क्यों?

देश के कई राज्यों में अभी भी बारिश का दौर बना हुआ है। मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नया चक्रवातीय दबाव केंद्र बन रहा है। वहीं अरब सागर में भी कर्नाटक व कोंकण तट के पास नया चक्रवातीय क्षेत्र बन रहा है, जिसके चलते अगले सप्ताह कुछ राज्यों में बारिश की संभावनाएं हैं। पश्चिमी हिमालय पर बर्फबारी और बारिश की आशंका है।

लगातार बदलते मौसम में दिल्ली में अब रात और सुबह में ठंड का अहसास बढ़ने लगा है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। पूरे सप्ताह यही स्थिति बनी रहने की संभावना है। सोमवार को सुबह से ही आसमान साफ रहा। दिन निकलने के साथ धूप तेज होती गई। यह अलग बात है कि धूप में अब पहले वाली चुभन नहीं रही। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 32.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 96 से 42 प्रतिशत तक रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि तीन-चार दिन में ठंड का अहसास बढ़ेगा। इस दौरान अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

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