Updated on: October 08, 2022 14:12 IST
Foreign Currency Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल में सबसे कम! भारत के लिए यह बहुत बुरी खबर है?
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। जो 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया।
Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 08, 2022 14:12 IST
Photo:FILE Forex
रिजर्व बैंक इस समय दोराहे पर आ खड़ा हुआ है। एक और रुपया पाताल में धंसता नजर आ रहा है, वहीं घटते निर्यात और बढ़ते आया से विदेशी मुद्रा भंडार भी दिनों दिन सिकुड़ता नजर आ रहा है। उस पर विदेशी निवेशकों की रवानगी ने रिजर्व बैंक और सरकार का सिर चकरा दिया है। रुपये को 80 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए पिछले महीने रिजर्व बैंक करीब 100 अरब डॉलर झोंक चुका है। लेकिन इसके बावजूद रुपया 82 से नीचे फिसल चुका है।अब रिजर्व बैंक का पूरा जोर रुपये को बचाने की बजाए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने पर है।
लगातार नौवें सप्ताह आई गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.
518 अरब डॉलर पर रहा था।
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1 साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट
वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन करंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया।
स्वर्ण भंडार में भी आई कमी
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर आ गया है। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास सुरक्षित देश का मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने साप्ताहिक आंकड़े जारी किए हैं. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) फोरेक्स सिग्नल (विदेशी मुद्रा संकेत) क्या है 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गईं. देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 28 अक्टूबर 2022, 11:41 PM IST)
देश में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर बड़ी गिरावट हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को डाटा जारी किया है. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब फोरेक्स सिग्नल (विदेशी मुद्रा संकेत) क्या है डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 4.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 528.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा फोरेक्स सिग्नल (विदेशी मुद्रा संकेत) क्या है रही है. अब ये दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सालभर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह रुपये की गिरावट को थामने का प्रयास माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रा भंडार से मदद प्राप्त कर रहा है.
अमेरिका को चेतावनी. भारत पर भरोसा, Fitch ने कहा- किसी भी बाहरी झटके से निपटने को तैयार
Fitch Ratings ने अमेरिका के लिए कहा है कि फेड रिजर्व चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू में करने के लिए एक के बाद एक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. यह कदम उपभोक्ता खर्च को इस हद तक कम कर सकता है कि यह 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान मंदी का कारण बन जाएगा.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 20 अक्टूबर 2022, 11:09 AM IST)
भले ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) कम हुआ हो और अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय करेंसी रुपया (Rupee Fall) टूटता जा रहा हो, लेकिन फिर भी भारत किसी भी बाहरी झटके से निपटने में सक्षम है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का ऐसा मानना है. एक ओर जहां फिच ने भारत की तारीफ की है, तो मंदी के बढ़ते जोखिम को लेकर अमेरिका को फोरेक्स सिग्नल (विदेशी मुद्रा संकेत) क्या है हाल ही में चेतावनी दी है.
भारत की क्रेडिट पर रिस्क सीमित
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीतियों (Monetary Policy Tightening) और वैश्विक स्तर बढ़ती महंगाई दर (High Inflation) से निपटने के लिए भारत तैयार है और उसके पास इस तरह के रिस्क के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. एजेंसी के मुताबिक फोरेक्स सिग्नल (विदेशी मुद्रा संकेत) क्या है बाहरी दबावों से भारत की क्रेडिट को जो रिस्क है, वह बेहद सीमित है.
गौरतलब है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 10 सप्ताह से जारी गिरावट के बाद आखिरकार बीते 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. Foreign Exchange Reserves में 20.4 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था.
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पिछले सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व में सुधार
भले ही लंबे समय बाद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार देखने को मिला है. लेकिन अभी भी यह भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य 600 अरब डॉलर के काफी नीचे है. साल 2022 के बीते नौ महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी देखने को मिली है. इसमें गिरावट के सिलसिले के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि विदेशी मुद्रा भंडार बाजार में अनिश्चितता के बावजूद मजबूत बना हुआ है.
इस साल आई इतनी गिरावट
पीटीआई के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल लगातार गिरा है. रिपोर्ट में साल की शुरुआत से सितंबर महीने कर का डाटा पेश करते हुए कहा गया कि देश के फॉरेक्स रिजर्व में जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच 101 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है. फिच का कहना है कि फिलहाल भारत के पास 533 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी बाहरी झटके से सामना करने के लिए पर्याप्त है.
अमेरिका के लिए कही थी यह बात
बहरहाल, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स की ताजा टिप्पणी भारत के लिए बेहद राहत भरी है. ऐसा इसलिए भी है कि फिच समेत तमाम रेटिंग एजेंसियों ने दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमी पर मंदी के बढ़ते जोखिम का बुरा असर पड़ने की आशंका जताई है.
हाल ही में फिच रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि US में चरम पर पहुंची महंगाई और इसे काबू में करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से लगातार ब्याज दरों (Interest Rate) में बढ़ोतरी से देश मंदी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में मंदी (US Recession) का जोखिम 1990 के पैटर्न की तरह दिखाई दे रहा है.
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर
मुंबईः देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसमें लगातार दूसरे सप्ताह वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रम के बीच केंद्रीय बैंक के रुपए की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें कमी आई है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.76 अरब डॉलर बढ़कर 484.288 अरब डॉलर हो गईं।
डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है। इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य भी आलोच्य सप्ताह में 31.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 40.011 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 35.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.906 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्राभंडार भी 11.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.047 अरब डॉलर हो गया।
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