सेबी ने कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज में trade करने के लिए जो पहले से मेंबर स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हैं उनके द्वारा ही आप trade कर सकते हैं।
क्या सरकार सरकारी बैंको की ब्रोकर बन गयी है जो अब Paytm, Airtel Bank , Freecharge, Ola व अन्य कुकुरमुत्ते की तरह उग गए बैंको को गरीबो का बैंक बेचेगी ।।
आज Paytm, Airtel बैंक, फ्रीचार्ज ola ऐसे तमाम बैंक बन गए है जो ऑनलाइन व्यापार तो करते है पर उनके पास न तो आफिस है न ही इंफ्रास्ट्रक्चर ।। कही न कही ये उनकी बहुत बड़ी कमजोरी है जो उन्हें इन्वेस्टर ब्रोकर के पीछे क्या है से जोड़ नही पा रही है ।।
सरकार द्वारा बड़े बैंको को प्राइवेट को बेचने के पीछे की मंशा यही है कि एक बड़ा सेटअप इन ऑनलाइन बैंक को बैठे बैठे मिल जाएगा ।।
जो ग्राहक बनाने में वर्षों लगते है उसे ये कौड़ियों के भाव खरीद कर उसे अपने नाम पर बदलकर राज करेंगे , पर दुनिया जानती है कि JVG कंपनी के साथ क्या हुआ था , आज ऐसे ऑनलाइन बैंक कुकुरमुत्ते की तरह उग आए है और गिद्ध की तरह उनकी नजर हर सरकारी बैंक पर है जिसमे वर्तमान सरकार एक ब्रोकर का काम कर रही है ।।
Share क्या है? - What Is Share
दोस्तों Share एक अंग्रेजी शब्द है और यह Share Capital का एक छोटा हिस्सा है यानी कि share capital को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया जाए और हर एक हिस्सा को share कहा जाता है।
Market का मतलब एक ऐसी जगह जहां पर खरीददार और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और खरीदते या बेचते हैं।
Stock Market क्या है - Stock Market in Hindi
अगर आसान शब्दों में कहीं तो शेयर मार्केट किसी भी कंपनी में से share खरीदने और बेचने का प्लेटफार्म है।
भारत में 2 सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है:-
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज - Bombay stock exchange ( BSE) in Hindi:-
Bombay stock exchange ( BSE) भारत का सबसे बड़ा security exchange कहा जाता है और इसकी स्थापना 1875 में हुई है BSE भारत का सबसे पहले स्थापित किया जाने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। लेकिन BSE एक regional stock exchange है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज - National Stock Exchange (NSE) in Hindi:-
National Stock Exchange की स्थापना 1992 में हुई है, लेकिन NSE को स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा अप्रैल 1993 में दिया है यह भारत का एक मॉडर्न और टेक्नोलॉजी base stock exchange है।
आप BSE/NSE में लिस्टेड कंपनी के शेयर को खरीद-बेच सकते हो। लेकिन यह काम एक ब्रोकर के माध्यम से किया जाता है।
Share खरीदना क्या है:-
जैसे कि उदाहरण के तौर पर BSE में लिस्टेड कंपनी ने अपने कुल 5 लाख शेयर बाजार में जारी किए और आप उस कंपनी के 10000 शेयर खरीदे लेते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपको उस कंपनी के 10000 शेयर का मालिकाना मिल गया है।
आपका जब भी मन करे कभी भी और किसी भी समय (कामकाजी दिन) खरीदे गए शेयर के कुछ शेयर या सारे शेयर को बेच भी सकते हो। इन शेयर को खरीदने व बेचने में आपको broker से सहायता लेनी पड़ेगी। Broker अपने सर्विस का कमीशन चार्ज करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि BSE/NSE में किसी भी कंपनी के शेयर या स्टॉक के मूल दर्ज होते हैं कंपनी के शेयर का दाम घटना या बढ़ाना उसके क्षमता ब्रोकर के पीछे क्या है पर निर्भर करता है
बाजार में नियंत्रण बनाना Security Exchange Board Of India का काम होता है SEBI के परमिशन के बिना कोई भी कंपनी अपना IPO ( Initial Public Offer) जारी नहीं कर सकती है. सबसे पहले सेबी से उस कंपनी को परमिशन लेनी पड़ेगी ब्रोकर के पीछे क्या है तभी आईपीओ जारी कर सकती है।
Stock Market में कंपनी कैसे लिस्ट होती है? How to Company listed in Stock Market
सबसे पहले कंपनी को लिस्ट होने के लिए शेयर बाजार से लिखित में कई समझौते करने पड़ेंगे। इसके बाद कंपनी को अपने जरूरी दस्तावेजों को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया(Security Exchange Board Of India) में जमा करना पड़ता है इसके बाद कंपनी के द्वारा दी गई सारी जानकारियों को सेबी मूल्यांकन करता है सही होने पर कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है।
Over The Counter Exchange of India ( OTCEI):-
दोस्तो OTCEI में small और medium company trade करती है जो stock exchange में लिस्टेड नहीं होती है। OTCEI एक national stock exchange है।
खण्डवा: ग्राम पंचायत को बना दिया प्रॉपर्टी ब्रोकर की दुकान
राज एक्सप्रेस। बरसों से उपसरपंच ही चला रहे हैं पंचायत, इसे खालवा की बदनसीबी ही कहेंगे कि, यहां चुना तो सरपंच ही जाता है परंतु राज कोई और ही करता है। क्या यह केवल इत्तेफ़ाक़ से होता है या इसके पीछे भी कोई सुनियोजित षड्यंत्र काम कर रहा है। यहां जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर उपसरपंच ही कर रहे हैं बरसों से पंचायत पर राज। मामला भ्रष्टाचार में आकंठ में डूबी जनपद पंचायत खालवा की ग्राम पंचायत खालवा का वैसे ब्रोकर के पीछे क्या है तो पंचायती राज को ग्रामीणों के सर्वांगीण विकास के लिए ही लागू किया गया था।
विलियम ब्रूस, बिजनेस ब्रोकर, लीन के साथ लम्बी लेता है
विलियम ब्रूस ने बिजनेस ब्रोकर 28 साल पहले अपने करियर की शुरुआत की थी जब उनकी पहली बिक्री एक हॉलमार्क कार्ड और गिफ्ट शॉप मोबाइल, अलाबामा था। उसने कभी पीछे नहीं देखा है। ब्रोकर के पीछे क्या है तब से, उन्होंने सचमुच ब्रोकर्ड किया है कि आइसक्रीम से सैकड़ों बिक्री बड़े विनिर्माण संयंत्रों तक है। यहां उनकी कहानी का एक और अधिक है।
आपके व्यवसाय को कैसे शुरू किया गया?
यह एक आसान है। ब्रुस औबर्न विश्वविद्यालय में व्यवसाय और अर्थशास्त्र में महारत हासिल है। वह हमेशा व्यवसाय से चिंतित है, वह कहते हैं। तो उन्हें एक जीवित रहने के लिए बेचने लग रहा था बहुत समझ में आया।
आपके व्यवसाय को क्या सेट करता है?
प्रॉपर्टी ब्रोकर की पत्नी ने लगा ली फांसी
इंदौर। स्कीम नंबर 74 में रहने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर की पत्नी ने गुरुवार दोपहर फांसी लगा ली। पति ने आत्महत्या के पीछे घर में होने वाले छोटे-मोटे विवाद को कारण बताया है, जबकि मायके वालों का आरोप है कि ससुराल वाले उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे।
विजय नगर पुलिस के मुताबिक, गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे जितेंद्र मेहरावत ने सूचना दी कि उसकी पत्नी मधु उर्फ पूजा मेहरावत ने फांसी लगा ली। मधु नृसिंहगढ़ की रहने वाली है। उसका पांच साल पहले प्रॉपर्टी ब्रोकर जितेंद्र से विवाह हुआ था। उनकी तीन साल की बेटी शैल्या है। ससुराल में पति, सास, ससुर और ननद रहती हैं।
जितेंद्र ने बताया कि मधु ने उन्हें दोपहर करीब 12 बजे फोन किया था। वह बोल रही थी कि बर्तन साफ करने वाली अभी तक नहीं आई। इस पर वह विवाद करने लगी। मैंने कहा कि अब वह नहीं आई तो मैं क्या करूं। घर का काम तुमको ही मैनेज करना पड़ेगा। डेढ़ बजे जब मैं घर खाना खाने आया तो माता-पिता नीचे थे। मधु पहली मंजिल स्थित बेडरूम में थी। मैंने दरवाजा खटखटाया। जब उसने नहीं खोला तो पीछे की खिड़की से झांककर कमरे में देखा। मधु अंदर फंदे पर झूल रही थी।
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