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धनतेरस पर गुलजार हुए बाजार, दो दिन में करीब 45 हजार करोड़ का कारोबार

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के आंकड़े के मुताबिक देश में दो दिन के धनतेरस त्योहार पर लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार अन्य जरूरी सामान का हुआ.

धनतेरस पर लोगों ने जमकर की जेब ढीली (सांकेतिक तस्वीर)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 7:21 PM IST)

देशभर में पंचांग तिथि के अनुसार कल और आज दो दिन (22-23 अक्टूबर) धनतेरस का त्यौहार मनाया गया. जिसमें एक अनुमान के मुताबिक लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्प्यूटर एवं कम्प्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और ऑफिसों की साज-सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई एवं नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ.

बता दें कि धनतेरस के दिन संसाधनों की खरीदी की जाती है. इसलिए देशभर में लोग धनतेरस के दिन ही दीपावली की पूजा से जुड़ी खरीदारी और कारोबार के लिए सामान खरीदते हैं.

बाजारों में देखा गया ये अनोखा पैटर्न

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कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कल और आज दो दिन देशभर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी. माना जा रहा है कि दो साल कोरोना की वजह से बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापिस बाजार में पूरे जोर-शोर से आ गए हैं और इसीलिए कैट का यह अनुमान है की इस वर्ष दिवाली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा. इस बार यह भी देखा जा रहा है कि देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को खरीदने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके कारण चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा.

फिर से गुलजार हुए बाजार

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है और भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है. अरोरा के मुताबिक 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात में लगभग 11.72% की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो इस बार 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देशभर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने बनवाए हैं और पिछले दो सालों के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है.

दो दिनों में बाजार में लौटी रौनक

दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देशभर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने, चांदी और डायमंड जिसमें गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है. एक अनुमान के अनुसार ज्वेलरी के अलावा कल और आज दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण एवं किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है. जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर एवं ऑफिस की साज सज्जा, बिजली एवं बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

बताते चलें कि 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली मनाई जाएगी, वहीं 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण, 26 अक्टूबर को श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली त्येहार का सीजन खत्म होगा और देशभर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है कि अभी दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में बेहद वृद्धि होगी.

कोरोना की लड़ाई में दून के व्यापारी हफ्ते में दो दिन रखेंगे बाजार बंद, इन मुद्दों पर बनी सहमति

दून उद्योग व्यापार मंडल ने अगले तीन शनिवार-रविवार को बाजार लॉकडाउन करने का फैसला लिया है। सोमवार को व्यापार मंडल की कई इकाइयों ने पूर्ण लॉकडाउन की मांग रखी। हालांकि इस पर एक राय नहीं हो पाई। बाद में.

कोरोना की लड़ाई में दून के व्यापारी हफ्ते में दो दिन रखेंगे बाजार बंद, इन मुद्दों पर बनी सहमति

दून उद्योग व्यापार मंडल ने अगले तीन शनिवार-रविवार को बाजार लॉकडाउन करने का फैसला लिया है। सोमवार को व्यापार मंडल की कई इकाइयों ने पूर्ण लॉकडाउन की मांग रखी। हालांकि इस पर एक राय नहीं हो पाई। बाद में फैसला लिया गया कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अगले तीन शनिवार को व्यापारी खुद ही प्रतिष्ठान बंद रखेंगे। उन्होंने प्रशासन-सरकार से दो दिन के सप्ताहिक लॉकडाउन में कफ्र्यू लगाने की मांग की।

सोमवार शाम को गीता भवन में दून उद्योग व्यापार मंडल की बैठक हुई। जिसमें कई व्यापार मंडल इकाइयों ने पूर्ण लॉकडाउन की मांग उठाई। जिस पर बैठक में गहमागहमी हुई। कई व्यापारी नेताओं ने इसका विरोध किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आंशिक लॉकडाउन किया जाता है तो वह समर्थन करेंगे, पर पूर्णलॉकडाउन जायज नहीं है और यह पुलिस-प्रशासन और सरकार की सहमति से संभव नहीं है।

कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और 12 सितंबर को बैठक में कोई निणर्य नहीं होने पर सर्वसम्मति बनाने के लिए यह बैठक बुलाई गई। सरंक्षक अनिल गोयल ने कहा कि यह तय है कि कोरोना को हराने के लिए व्यापारी वर्ग एकजुट है। अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि व्यापारियों की चिंता को देखते हुए व्यापार संघ को उचित कदम उठाना है।

व्यापार संघ इसे लेकर सरकार से भी बात करेगा। उपाध्यक्ष डीडी अरोड़ा ने पूर्ण लॉकडाउन का विरोध किया और कहा कि शनिवार-रविवार के लॉकडाउन से समस्या का हल निकलता है तो वह तैयार हंै। इसके बाद सर्वसम्मति से शनिवार को पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लिया गया। व्यापारी खुद ही शनिवार को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखेंगे। रविवार को साप्ताहिक बंदी रहती है उसका भी पूरा पालन किया जाएगा। पूर्ण लॉकडाउन की मांग कर रहे महामंत्री सुनील मैसोन ने भी तीन शनिवार तक लॉकडाउन का समर्थन किया।


पांच बजे बंद किया जाए बाजार
वक्ताओं ने चिंता जताई कि अभी छोटे लालच के लिए अगर बाजार इसी तरह से खुलता रहा तो त्योहारी सीजन के लिए यह बड़ी मुसीबत होगी। इसलिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि बाजार पूर्व की भांति पांच बजे बंद हो जाए। व्यापार संघ की ओर से प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जा रहा है, ताकि इस पर भी जल्द निर्णय लिया जा सके।

दूध की दुकानें 10 बजे तक ही खुलें
सप्ताहिक लॉकडाउन के दो दिन में दूध की दुकानें सुबह 6 से 10 बजे खुलने का निर्णय लिया गया। साथ ही इसमें प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया। व्यापार संघ ने कहा कि साप्ताहिक लॉकडाउन कफ्र्यू की तर्ज पर हो और इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। साथ ही पुलिस से भी बिना मास्क घूमने वालों पर पूर्व की भांति सख्ती करने की मांग बैठक में रखी गई।

बाजार खुलने का समय कम करने की मांग
देहरादून। कांग्रेस महानगर व्यापार प्रकोष्ठ ने कोरोना महामारी को देखते हुए बाजार खुलने का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे तक करने की मांग की है। कोरोना से बीमार होने वाले व्यापारी का सरकारी कर्मचारियों की तरह इलाज करने की मांग की। कांग्रेस महानगर व्यापार प्रकोष्ठ की सोमवार को बैठक हुई। प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि कोरोना के कारण व्यापारी परेशान हैं। इस दौरान महानगर व्यापार प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष राजेश मित्तल, पलटन बाजार अध्यक्ष नदीम बैग, महासचिव महताब आलम, उपाध्यक्ष प्रवीण बांगा, संयोजक राहुल, सरनिमल बाजार अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के अलावा राजेंद्र सिंह नेगी, दिन के व्यापार बाजार योगेश भटनागर, सोनू, एस नागपाल, गगन कुकरेजा, तीरथ सचदेवा भी मौजूद रहे।

यह व्यापारी हुए शामिल
दून उद्योग व्यापार मण्डल की बैठक में संरक्षक अनिल गोयल, अध्यक्ष विपिन नागलिया, कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल, महामंत्री सुनील मैसोन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीडी अरोड़ा, संगठन मंत्री दीपक गुप्ता, कोषाध्यक्ष कमलेश अग्रवाल, प्रचार मंत्री रोशन लाल गुप्ता, विधिक सलाहकार प्रवीन जैन, कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष प्रवीन जैन, अखाड़ा बाजार के अध्यक्ष रविन्द्र आनन्द, मीडिया प्रभारी राजेश बडोनी, विजय कोहली, दिन के व्यापार बाजार प्रेमनगर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव पुंज, उपाध्यक्ष संतोष नागपाल, पटेलनगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तिलक राज अरोड़ा, आदेश मंगल, विजय, राकेश महेन्द्रु, नवनीत सेठी, नीरज ढींगरा, देवभूमि कार डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष फतेह चंद गर्ग, बाबू गंज बाजार के प्रधान रोशन लाल गुप्ता, दर्शनी गेट पीपल मंडी बाजार के उपाध्यक्ष मनीश नयाल, आतेश शर्मा, अर्पित नागलिया, राजा रोड व्यापार मण्डल से हरीश मेहता, शकील अहमद, राजेन्द्र सेठी आदि मौजूद रहे।


इन बाजारों के प्रतिनिधि हुए शामिल
पलटन बाजार, डिस्पेन्सरी रोड, धामावाला, घंटाघर, राजपुर रोड, धर्मपुर, चकराता रोड, पटेलनगर, पीपलमंडी, बाबूगंज, हनुमान चौक, राजा रोड, झण्डा बाजार, टर्नर रोड, पोस्ट आफिस रोड क्लेमनटाउन, बंजारावाला, राजेन्द्र नगर, कौलागढ़, हाथीबड़कला, प्रेमनगर, रीठा मंडी, तिलक रोड, राजा रोड, आशारोड़ी, केदारपुर, कावंली रोड, देहराखास, गांधी ग्राम, जीएमएस रोड, कपड़ा कमेटी, पेट्रोल डीलर एसोसिएशन आदि मौजूद रहे।


इन मुद्दों पर बनी व्यापारियों में सहमति
-आने वाले तीन शनिवार पूर्ण बंदी होनी चाहिए और किसी भी तरह का व्यापार एवं आवाजाही नहीं होनी चाहिए। शनिवार-रविवार को कफ्र्यू की तर्ज पर सख्त लॉकडाउन होना चाहिए। दूध की दुकान भी सुबह 6 से 10 बजे तक ही खुलने की अनुमति मिले।
-बाजारों में सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया दोबारा शुरू होनी चाहिए।
-व्यापारी अपने-अपने बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएंगे। साथ ही मास्क और सेनेटाइजर का प्रयोग सभी दुकानदारों के लिए आवश्यक होगा।
-बाजार खुलने का समय शाम 5 बजे तक किए जाने की प्रशासन से अपील की जाएगी।

प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार में आ रही कमी, बाजार में लोगों की संख्या हुई कम, चिंता जताते हुए सीटीआई ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार में खमी आ रही है. बाजार में लोगों की संख्या भी कम हो गई है. इसी को लेकर सीटीआई ने चिंता जताई है. सीटीआई ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है.

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पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2022,
  • (Updated 05 नवंबर 2022, 4:00 PM IST)

आसपास के शहरों की हवा खराब

सरकार उठाए कोई ठोस कदम

दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण का असर दिल्ली के रिटेल बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वालिटी 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है. इसकी खबरें टीवी, अखबार और सोशल मीडिया के जरिए हर इंसान तक पहुंच रही हैं. अब अधिकतर लोग खरीदारी के लिए बाजारों में आने से परहेज कर रहे हैं. जहां रोजाना एनसीआर से 3 से 4 लाख लोग खरीददारी के लिए दिल्ली आते थे, प्रदूषण के कारण इनकी संख्या घटकर 1 लाख रह गई है.

प्रदूषण की वजह से लोग नहीं आ रहे है बाजार

व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने वायु प्रदूषण पर चिंता जताई है और इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि अब शादी-ब्याह का सीजन करीब है‌, मार्केट में फुटफॉल अच्छा होता है. दिल्ली में दूसरे शहरों से भी ग्राहक आते हैं. अब प्रदूषण की वजह से लोग आना नहीं चाहते हैं. बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. श्वास संबंधी खरीददार तो बिल्कुल घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

आसपास के शहरों की हवा खराब

सीटीआई का कहना है कि प्रदूषण ना केवल दिल्ली की समस्या है बल्कि नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत जैसे एनसीआर के शहरों में भी AQI लेवल गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है. इसका समाधान केन्द्र सरकार ही निकाल सकती है. इसलिए सीटीआई ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है. जिसमें कि दिल्ली सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री शामिल हों.

सरकार उठाए कोई ठोस कदम

सीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार से आग्रह है कि सभी सरकारों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ सख्ती से ठोस कदम उठाए, वरना कारोबार को नुकसान पहुंचना तय है. दरअसल, दिल्ली में आवश्यक सामग्री को छोड़कर डीजल ट्रकों की एंट्री बैन होने से माल की आवाजाही बंद होने से कारोबारियों पर माल की कमी शुरू हो गई है , इसके अलावा पीएनजी को छोड़कर अन्य सभी तरह की फैक्ट्रियां भी बंद होने से माल की समस्या आ रही है. दिल्ली के 20 लाख व्यापारी पूरी तरह से सरकार के साथ हैं और अगर सरकार बाजारों को खोलने का समय अलग अलग करती है तो दिल्ली के सभी मार्केट एसोसिएशन्स सरकार को सहयोग करेंगे.

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