बीते दिनों डीडीसीए की सदस्यता त्यागने वाले बेदी ने पत्र में डीडीसीए अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘खेल स्थलों से नेताओं को दूर करने को लेकर सार्वजनिक बहस शुरू करने वाले मेरे पत्र पर आपकी ऐसी चुप्पी, जिसका कोई कारण साफ नहीं है, उससे आपकी नादानी का पता चलता है. आपकी बेवजह की चुप्पी भी इस अपराधबोध को रेखांकित करती है कि आप इस पद पर केवल अपने परिवार के नाम के कारण हैं, जिसे आप साफतौर पर बढ़ावा देना चाहते हैं.’

सरकारी नरसंहार

भारत में त्रासदियों में हुई मौतों को अक्सर आंकड़ों के हिसाब-किताब में समेट दिया जाता है. कोविड-19 महामारी में यह बहुत हुआ. कारवां ने प्रयास किया है कि वह महामारी के शिकार अपने देशवासियों की याद को इस तरह जिंदा रखे.

भारत में त्रासदियों में हुई मौतों को अक्सर आंकड़ों के हिसाब-किताब में समेट दिया जाता है. कोविड-19 महामारी में यह बहुत हुआ. कारवां ने प्रयास किया है कि वह महामारी के शिकार अपने देशवासियों की याद को इस तरह जिंदा रखे.

17 अप्रैल की सुबह पश्चिम बंगाल के आसनसोल शहर में एक चुनाव सभा को संबोधित करने नरेन्द्र मोदी भारी हर्ष ध्वनि के बीच मंच पर पहुंचे. मंच पर व्यवस्थित होने के बाद प्रधानमंत्री ने अपना मास्क हटाया, चेहरे को हथेली से पोछा और अपनी लहराती सफेद दाढ़ी पर हाथ फेरा. कुछ पल तक जय जयकार करती भीड़ को उदासीन नजरों से देखते हुए नमस्कार की मुद्रा में जुड़े अपने दोनों हाथों को वह सिर के ऊपर तक ले गए. चुनाव सभा शुरू हो गई थी.

डीडीसीए से नाराज़ बिशन सिंह बेदी बोले, फिरोजशाह कोटला से तुरंत नाम हटाएं, वरना क़ानूनी कार्रवाई

डीडीसीए ने पिछले दिनों इसके पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने का निर्णय लिया था, जिसकी आलोचना करते हुए पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें ने संघ की सदस्यता छोड़ दी थी. साथ ही उन्होंने स्टेडियम के एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के लिए भी कहा था. The post डीडीसीए से नाराज़ बिशन सिंह बेदी बोले, फिरोजशाह कोटला से तुरंत नाम हटाएं, वरना क़ानूनी कार्रवाई appeared पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें first on The Wire - Hindi.

डीडीसीए ने पिछले दिनों इसके पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने का निर्णय लिया था, जिसकी आलोचना करते हुए पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने संघ की सदस्यता छोड़ दी थी. साथ ही उन्होंने स्टेडियम के एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के लिए भी कहा था.

बिशन सिंह बेदी (फोटोः पीटीआई)

बिशन सिंह बेदी (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष को लिखे अपने दूसरे पत्र में कहा है कि अगर उनका नाम फौरन फिरोजशाह कोटला स्टैंड से नहीं हटाया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले भी बेदी ने डीडीसीए के अध्यक्ष रोहन जेटली को पत्र लिखकर डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अरुण जेटली की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने की आलोचना की थी.

जैक मा की 10 सफलता के मंत्र, जिनकी बदौलत खड़ी की Alibaba

जैक मा की 10 सफलता के मंत्र, जिनकी बदौलत खड़ी की Alibaba

दुनिया की बड़ी ई- वाणिज्य कंपनी अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा कंपनी के चेयरमैन पद से हट गए हैं। जैक मा अपने 55 वें जन्मदिन पर मंगलवार को कंपनी से विदा हुए हैं। जैक मां की संपत्ति 41 अरब डॉलर है। उनका चेयरमैन पद से हटने का कार्यक्रम एक साल पहले तय कर लिया गया था। एक अध्यापक से अलीबाबा जैसी बड़ी कंपनी खड़ी करने के सफर में उन्होंने काफी मेहनत की है। आइए जानते हैं उनकी सफता के मंत्र जो उन्होंने अपने करियर के सफर में इस्तेमाल किए और आगे बढ़ते रहे।

जैक मा के 10 सफलता के मंत्र
1 कभी हार मत मानो। आज कठिन है, कल और भी बदतर होगा, लेकिन परसों धूप खिलेगी।
2 हार मान लेना सबसे बड़ी असफ़लता होती है, अगर आपने हार नहीं मानी है, तो आपके पास और भी बहुत सारे मौके होंगे अपने आप को पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें साबित करने के लिए
3 बुद्धिमान लोगों का नेतृत्व करने के लिए एक मूर्ख की जरूरत होती है। अगर टीम पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें में सभी वैज्ञानिक हों तो सबसे अच्छा यह होगा कि किसी किसान को नेतृत्व दे क्योंकि उसके सोचने का तरीका अलग है। जब आपका नजरिया अलग हो तो जीतना आसान हो जाता है।
4 युवा लोगों की मदद करो। छोटे लोगों की मदद करो। क्योंकि छोटे लोग बड़े होंगे। युवाओं के दिमाग में वो बीज होगा जो आप उनमे बोयेंगे, और जब वे बड़े होंगे, वे दुनिया बदल देंगे।
5 आपको अपने साथ सही लोग चाहिए होते हैं सबसे अच्छे लोग नहीं।
6 अलीबाबा के बुरे दिनों में मैंने सीखा कि आपको टीम में वैल्यू, इनोवेशन और विज़न डालना होता है। ये भी कि पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें अगर आप हार नहीं मानते तो आपके पास एक और मौका होता है। और जब आप छोटे होते हैं, आपको बहुत अधिक फोकस्ड होना होता है और अपने दिमाग पर भरोसा करना होता है ना कि अपनी ताकत पर।
7 ज़िंदगी बहुत छोटी है और बहुत खूबसूरत, काम के प्रति इतने गंभीर ना रहें। जीवन का आनंद लें।
8 सफलता के लिए धैर्य का होना सबसे ज्यादा जरुरी है।
9 दूसरों की सफलता से सीखने की बजाये, उनकी गलतियों से सीखो। ज्यातदातर लोग जो विफल होते हैं उनकी विफलता के कारण सामान होते हैं जबकि सफलता की कई वजहें हो सकती हैं।
10 कभी भी कीमत पर कॉम्पिटिशन मत करो, बल्कि सर्विस और इनोवेशन पर कॉम्पिटिशन करो।
Alibaba ग्रुप के फाउंडर जैक मा ने लिया रिटायरमेंट, जानें क्या करेंगे आगे

डीडीसीए ने पिछले दिनों इसके पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने का निर्णय लिया था, जिसकी आलोचना करते हुए पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने संघ की सदस्यता छोड़ दी थी. साथ ही उन्होंने स्टेडियम के एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के लिए भी कहा था.

बिशन सिंह बेदी (फोटोः पीटीआई)

बिशन सिंह बेदी (फोटोः पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें पीटीआई)

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष को लिखे अपने दूसरे पत्र में कहा है कि अगर उनका नाम फौरन फिरोजशाह कोटला स्टैंड से नहीं हटाया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के पूंजी लगाने से पहले सारे जोखिम जान लें मुताबिक, इससे पहले भी बेदी ने डीडीसीए के अध्यक्ष रोहन जेटली को पत्र लिखकर डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अरुण जेटली की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने की आलोचना की थी.

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